नोटबंदी के समय सरकार की ओर से कहा गया था कि ढाई लाख से कम जमा करने वालों से पूछताछ नहीं की जाएगी। सरकार की इस घोषणा के बाद लोगों ने अपने बैंक अकाउंट्स में 2 लाख रुपए या
उससे कुछ ज्यादा रकम जमा कराना शुरू कर दिया। यानी उन्होंने 2.50 लाख रुपए
से कम जमा कराया ताकि वे इनकम टैक्स विभाग के राडार पर ना आएं।
बैंक खातों की जांच करने पर विभाग को हैरान करने वाले आंकड़े मिले हैं। पता चला है कि नोटबंदी के 50 दिनों के दौरान करीब एक करोड़ बैंक खातों में 2 लाख रुपए या उससे कुछ अधिक रुपए जमा कराए गए थे। यह कुल रकम करीब 10 लाख करोड़ रुपए बैठती है। इसके बाद अब आयकर विभाग ऐसी रकम जमा कराने वालों को मेसेज भेजकर हिसाब किताब मांगने की तैयारी कर रहा है।
इनकम टैक्स को अब इन बैंक अकाउंट्स में ब्लैक मनी को वाइट करने का संदेह है। बैंकों से इन बैंक अकाउंट्स का दो साल का इतिहास भी देने को कहा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि पिछले दो सालों के दौरान इन अकाउंट्स में कितना लेनदेन हुआ। अगर कहीं गड़बड़ी लगी तो तुरंत मेसेज और ईमेल भेजा जाएगा। उसके बाद तय नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बैंक खातों की जांच करने पर विभाग को हैरान करने वाले आंकड़े मिले हैं। पता चला है कि नोटबंदी के 50 दिनों के दौरान करीब एक करोड़ बैंक खातों में 2 लाख रुपए या उससे कुछ अधिक रुपए जमा कराए गए थे। यह कुल रकम करीब 10 लाख करोड़ रुपए बैठती है। इसके बाद अब आयकर विभाग ऐसी रकम जमा कराने वालों को मेसेज भेजकर हिसाब किताब मांगने की तैयारी कर रहा है।
इनकम टैक्स को अब इन बैंक अकाउंट्स में ब्लैक मनी को वाइट करने का संदेह है। बैंकों से इन बैंक अकाउंट्स का दो साल का इतिहास भी देने को कहा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि पिछले दो सालों के दौरान इन अकाउंट्स में कितना लेनदेन हुआ। अगर कहीं गड़बड़ी लगी तो तुरंत मेसेज और ईमेल भेजा जाएगा। उसके बाद तय नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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