इस मंदिर में हाजिरी लगाने मात्र से ही सभी समस्याएं मिट जाती है - Chamtkari mandir me aaiye aur apni samsyaon se chhutkara paiye - जैसा कि आप जानते है हमारे भारत देश में मान्यताओं को बहुत महत्व दिया जाता है। आज हम जिस मान्यता के बारे में आपको बताने जा रहे है वह एक धार्मिक स्थल है। यह है उज्जैन में स्थित हनुमान जी का मंदिर। इस मंदिर को बनाने का उद्देश्य केवल हनुमान जी की कृपा पाना ही था।
वर्षों से यहां कुछ ऐसी चमत्कारी घटनाए हो रही है जिन्होंने लोगों का इस मंदिर के प्रति विश्वास बढ़ा दिया है। उज्जैन का अखंड ज्योति मंदिर हनुमान जी के चमत्कार की वजह से ही जाना जाता है। यहां भक्तों को हनुमान जी की विशेष मूर्ति के दर्शन प्राप्त होते हैं, ऐसी मूर्ति आपको हर जगह देखने को नहीं मिलेगी।
यहां हनुमान जी की सिंदूरी प्रतिमा स्थापित है। इस मूर्ति को यदि ध्यान से देखें तो इसके पैरों में हनुमान जी ने एक राक्षसी दबा रखी है। कहा जाता है कि लक्ष्मण को बचाने के लिए जब हनुमान जी संजीवनी ला रहे थे तो लंकिनी नामक राक्षसी ने उनका मार्ग रोका था। उस समय हनुमान जी लंकिनी को अपने पैरों के नीचे दबाकर आगे बढ़ गए थे। यहां आप हनुमान जी के ठीक उसी स्वरूप के दर्शन कर सकते हैं। हनुमान जी की ये प्रतिमा दक्षिणमुखी है। इस प्रतिमा में उनके एक हाथ में संजीवनी तो कंधे पर गदा सुशोभित है।
दरअसल इस मंदिर में 24 घंटे, सातों दिन ज्योति प्रज्वलित रहती है। यह एक अखंड ज्योति है, किंतु इसे साधारण ज्योति समझने की भूल ना करें। कहते हैं मंदिर में सुशोभित यह ज्योति बड़े-बड़े कमाल दिखाती है। हनुमान जी का पूरा आशीर्वाद इसी ज्योति में समाया है। इस ज्योति के दर्शन मात्र से ही हनुमान जी अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस अखंड दीपक के दर्शन कर लेने से, व्यक्ति के ऊपर मंडरा रहा शनि देव का अशुभ साया कट जाता है। यदि शनि ग्रह की स्थिति कुंडली में खराब चल रही हो, तो इस मंदिर में हाजिरी लगाने से वे समस्याएं कम होने लगती हैं।
यहां हनुमान जी की सिंदूरी प्रतिमा स्थापित है। इस मूर्ति को यदि ध्यान से देखें तो इसके पैरों में हनुमान जी ने एक राक्षसी दबा रखी है। कहा जाता है कि लक्ष्मण को बचाने के लिए जब हनुमान जी संजीवनी ला रहे थे तो लंकिनी नामक राक्षसी ने उनका मार्ग रोका था। उस समय हनुमान जी लंकिनी को अपने पैरों के नीचे दबाकर आगे बढ़ गए थे। यहां आप हनुमान जी के ठीक उसी स्वरूप के दर्शन कर सकते हैं। हनुमान जी की ये प्रतिमा दक्षिणमुखी है। इस प्रतिमा में उनके एक हाथ में संजीवनी तो कंधे पर गदा सुशोभित है।
दरअसल इस मंदिर में 24 घंटे, सातों दिन ज्योति प्रज्वलित रहती है। यह एक अखंड ज्योति है, किंतु इसे साधारण ज्योति समझने की भूल ना करें। कहते हैं मंदिर में सुशोभित यह ज्योति बड़े-बड़े कमाल दिखाती है। हनुमान जी का पूरा आशीर्वाद इसी ज्योति में समाया है। इस ज्योति के दर्शन मात्र से ही हनुमान जी अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस अखंड दीपक के दर्शन कर लेने से, व्यक्ति के ऊपर मंडरा रहा शनि देव का अशुभ साया कट जाता है। यदि शनि ग्रह की स्थिति कुंडली में खराब चल रही हो, तो इस मंदिर में हाजिरी लगाने से वे समस्याएं कम होने लगती हैं।
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