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नवरात्रि में उपवास रखने के पीछे क्या कारण है? Navratri ne upwas kyo rakha jata hai?
नवरात्रि में उपवास रखने के पीछे क्या कारण है? Navratri ne upwas kyo rakha jata hai? नवरात्री में व्रत क्यों रखा जाता है? हिन्दी भाषा में नवरात्रि उपवास नियम, नवरात्रि में उपवास करने के लिए सुझाव, navratri upvas fasting rules in hindi, क्यों रखें जाते है नवरात्रि में उपवास?
हिंदू धर्म के अनुसार वर्ष में चार नवरात्रि होती है। इनमें प्रमुख है चैत्र व आश्विन नवरात्रि। इनके अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती है लेकिन आम लोग केवल इन दो नवरात्रि के बारे में ही जानते हैं और साथ ही ऐसे लोग भी बहुत कम हैं जो ये जानते हैं कि इन दोनो नवरात्रि में उपवास क्यों रखते हैं?
दरअसल ऋतुविज्ञान के अनुसार ये दोनों मास (चैत्र व आश्विन) गर्मी और सर्दी की संधि के महत्वपूर्ण महीने हैं।
गर्मी का मौसम चैत्र से प्रारंभ हो जाता है। ऋतु परिवर्तन का समय ही वह मुख्य समय होता है जब बीमारी फैलाने वाले बैक्टिरिया और जीवाणु अधिक सक्रीय रहते हैं।
ऋतु परिवर्तन के कारण इन दिनों में अधिकांश लोगों को पेट से संबंधित पेरशानियों का सामना करना पड़ता है, इसीलिए शरीर की शुद्धि के लिए नौ दिन उपवास रखते हैं।
साथ ही अगर शास्त्रों के नजरिए से देखें तो नव शब्द का अर्थ है नया।अत: नव संवत्सर के प्रारंभिक दिन होने के कारण इन दिनों को नव कहना सुसंगत है तथा दुर्गा देवी के भी नौ स्वरूप हैं इसीलिए नौ दिनों तक माता की उपासना होती है।
ऐसी मान्यता है कि इन नौ दिनों तक उपवास रखने और सच्ची श्रद्धा से माता का पूजा-पाठ करने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है।
Thanks for reading...
Tags: नवरात्रि में उपवास रखने के पीछे क्या कारण है? Navratri ne upwas kyo rakha jata hai? नवरात्री में व्रत क्यों रखा जाता है? हिन्दी भाषा में नवरात्रि उपवास नियम, नवरात्रि में उपवास करने के लिए सुझाव, navratri upvas fasting rules in hindi, क्यों रखें जाते है नवरात्रि में उपवास?
हिंदू धर्म के अनुसार वर्ष में चार नवरात्रि होती है। इनमें प्रमुख है चैत्र व आश्विन नवरात्रि। इनके अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती है लेकिन आम लोग केवल इन दो नवरात्रि के बारे में ही जानते हैं और साथ ही ऐसे लोग भी बहुत कम हैं जो ये जानते हैं कि इन दोनो नवरात्रि में उपवास क्यों रखते हैं?
दरअसल ऋतुविज्ञान के अनुसार ये दोनों मास (चैत्र व आश्विन) गर्मी और सर्दी की संधि के महत्वपूर्ण महीने हैं।

गर्मी का मौसम चैत्र से प्रारंभ हो जाता है। ऋतु परिवर्तन का समय ही वह मुख्य समय होता है जब बीमारी फैलाने वाले बैक्टिरिया और जीवाणु अधिक सक्रीय रहते हैं।
ऋतु परिवर्तन के कारण इन दिनों में अधिकांश लोगों को पेट से संबंधित पेरशानियों का सामना करना पड़ता है, इसीलिए शरीर की शुद्धि के लिए नौ दिन उपवास रखते हैं।
साथ ही अगर शास्त्रों के नजरिए से देखें तो नव शब्द का अर्थ है नया।अत: नव संवत्सर के प्रारंभिक दिन होने के कारण इन दिनों को नव कहना सुसंगत है तथा दुर्गा देवी के भी नौ स्वरूप हैं इसीलिए नौ दिनों तक माता की उपासना होती है।
ऐसी मान्यता है कि इन नौ दिनों तक उपवास रखने और सच्ची श्रद्धा से माता का पूजा-पाठ करने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है।
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