रामायण जी की आरती - Ramayan ji ki aarti
श्री रामायण जी की आरती, Ramayan ji ki aarti. आरती श्री रामायण जी की, श्री रामायण जी की आरती इन हिंदी, Shri Ramayan ji ki Aarti in Hindi. आरती श्री रामायण जी की फ्री पढ़ें. श्री रामायण जी की आरती हिंदी में, आरती संग्रह, हिंदी आरती, ऑनलाइन आरती, हिंदी आरतियाँ.
प्रिय मित्र, सनातन संस्कृति में पूजा का अपना एक अलग महत्व है, अब आप इन्टरनेट पर भी आरती पढ़ सकते हैं. इस पोस्ट पर आप श्री रामायण जी की आरती पढ़ सकते हो।
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिय पी की॥
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद।
बाल्मीकि बिग्यान बिसारद॥
सुक सनकादि सेष अरु सारद।
बरन पवनसुत कीरति नीकी॥
आरती श्री.............................
गावत बेद पुरान अष्टदस।
छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस॥
मुनि जन धन संतन को सरबस।
सार अंस संमत सबही की॥
आरती श्री.............................
गावत संतत संभु भवानी।
अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी॥
ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी।
कागभुसंडि गरुण के ही की॥
आरती श्री.............................
कलिमल हरनि बिषय रस फीकी।
सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की॥
दलन रोग भव मूरि अमी की।
तात मात सब बिधि तुलसी की॥
आरति श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिय पी की॥
Thanks for reading...
Tags: श्री रामायण जी की आरती, Ramayan ji ki aarti. आरती श्री रामायण जी की, श्री रामायण जी की आरती इन हिंदी, Shri Ramayan ji ki Aarti in Hindi. आरती श्री रामायण जी की फ्री पढ़ें. श्री रामायण जी की आरती हिंदी में, आरती संग्रह, हिंदी आरती, ऑनलाइन आरती, हिंदी आरतियाँ.
प्रिय मित्र, सनातन संस्कृति में पूजा का अपना एक अलग महत्व है, अब आप इन्टरनेट पर भी आरती पढ़ सकते हैं. इस पोस्ट पर आप श्री रामायण जी की आरती पढ़ सकते हो।
आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिय पी की॥
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद।
बाल्मीकि बिग्यान बिसारद॥
सुक सनकादि सेष अरु सारद।
बरन पवनसुत कीरति नीकी॥
आरती श्री.............................
गावत बेद पुरान अष्टदस।
छओ सास्त्र सब ग्रंथन को रस॥
मुनि जन धन संतन को सरबस।
सार अंस संमत सबही की॥
आरती श्री.............................
गावत संतत संभु भवानी।
अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी॥
ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी।
कागभुसंडि गरुण के ही की॥
आरती श्री.............................
कलिमल हरनि बिषय रस फीकी।
सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की॥
दलन रोग भव मूरि अमी की।
तात मात सब बिधि तुलसी की॥
आरति श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिय पी की॥
Thanks for reading...
Tags: श्री रामायण जी की आरती, Ramayan ji ki aarti. आरती श्री रामायण जी की, श्री रामायण जी की आरती इन हिंदी, Shri Ramayan ji ki Aarti in Hindi. आरती श्री रामायण जी की फ्री पढ़ें. श्री रामायण जी की आरती हिंदी में, आरती संग्रह, हिंदी आरती, ऑनलाइन आरती, हिंदी आरतियाँ.
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.