भोलेनाथ जी की आरती Bholenath ji ki aarti.
भोलेनाथ जी की आरती Bholenath ji ki aarti शिव आरती भजन, शिव जी की आरती भोले बाबा की आरती शिवजी की आरती, भोलेनाथ आरती ओम नमः शिवाय, भोलेनाथ आरती सुनाओ, भोलेनाथ आरती भजन, भोलेनाथ की आरती ओम जय शिव ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय जगदीश हरे, भोलेनाथ की आरती ओम जय जगदीश, भोलेनाथ की आरती ओम शिव ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय कारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय ओमकारा, भोलेनाथ की आरती ओंकारेश्वर.
प्रिय मित्र, सनातन संस्कृति में पूजा का अपना एक अलग महत्व है, अब आप इन्टरनेट पर भी आरती पढ़ सकते हैं. इस पोस्ट पर आप शिव जी की आरती पढ़ सकते हो.
प्रिय मित्र, सनातन संस्कृति में पूजा का अपना एक अलग महत्व है, अब आप इन्टरनेट पर भी आरती पढ़ सकते हैं. इस पोस्ट पर आप शिव जी की आरती पढ़ सकते हो.

अभयदान दीजै दयालु प्रभु, सकल सृष्टि के हितकारी।
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन, भवभंजन शुभ सुखकारी॥
दीनदयालु कृपालु कालरिपु, अलखनिरंजन शिव योगी।
मंगल रूप अनूप छबीले, अखिल भुवन के तुम भोगी॥
वाम अंग अति रंगरस-भीने, उमा वदन की छवि न्यारी। भोलेनाथ
असुर निकंदन, सब दु:खभंजन, वेद बखाने जग जाने।
रुण्डमाल, गल व्याल, भाल-शशि, नीलकण्ठ शोभा साने॥
गंगाधर, त्रिसूलधर, विषधर, बाघम्बर, गिरिचारी। भोलेनाथ ..
यह भवसागर अति अगाध है पार उतर कैसे बूझे।
ग्राह मगर बहु कच्छप छाये, मार्ग कहो कैसे सूझे॥
नाम तुम्हारा नौका निर्मल, तुम केवट शिव अधिकारी। भोलेनाथ ..
मैं जानूँ तुम सद्गुणसागर, अवगुण मेरे सब हरियो।
किंकर की विनती सुन स्वामी, सब अपराध क्षमा करियो॥
तुम तो सकल विश्व के स्वामी, मैं हूं प्राणी संसारी। भोलेनाथ ..
काम, क्रोध, लोभ अति दारुण इनसे मेरो वश नाहीं।
द्रोह, मोह, मद संग न छोडै आन देत नहिं तुम तांई॥
क्षुधा-तृषा नित लगी रहत है, बढी विषय तृष्णा भारी। भोलेनाथ ..
तुम ही शिवजी कर्ता-हर्ता, तुम ही जग के रखवारे।
तुम ही गगन मगन पुनि पृथ्वी पर्वतपुत्री प्यारे॥
तुम ही पवन हुताशन शिवजी, तुम ही रवि-शशि तमहारी। भोलेनाथ
पशुपति अजर, अमर, अमरेश्वर योगेश्वर शिव गोस्वामी।
वृषभारूढ, गूढ गुरु गिरिपति, गिरिजावल्लभ निष्कामी।
सुषमासागर रूप उजागर, गावत हैं सब नरनारी। भोलेनाथ ..
महादेव देवों के अधिपति, फणिपति-भूषण अति साजै।
दीप्त ललाट लाल दोउ लोचन, आनत ही दु:ख भाजै।
परम प्रसिद्ध, पुनीत, पुरातन, महिमा त्रिभुवन-विस्तारी। भोलेनाथ ..
ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शेष मुनि नारद आदि करत सेवा।
सबकी इच्छा पूरन करते, नाथ सनातन हर देवा॥
भक्ति, मुक्ति के दाता शंकर, नित्य-निरंतर सुखकारी। भोलेनाथ ..
महिमा इष्ट महेश्वर को जो सीखे, सुने, नित्य गावै।
अष्टसिद्धि-नवनिधि-सुख-सम्पत्ति स्वामीभक्ति मुक्ति पावै॥
श्रीअहिभूषण प्रसन्न होकर कृपा कीजिये त्रिपुरारी। भोलेनाथ ..
Thanks for reading...
Tags: भोलेनाथ जी की आरती Bholenath ji ki aarti शिव आरती भजन, शिव जी की आरती भोले बाबा की आरती शिवजी की आरती, भोलेनाथ आरती ओम नमः शिवाय, भोलेनाथ आरती सुनाओ, भोलेनाथ आरती भजन, भोलेनाथ की आरती ओम जय शिव ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय जगदीश हरे, भोलेनाथ की आरती ओम जय जगदीश, भोलेनाथ की आरती ओम शिव ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय कारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय ओमकारा, भोलेनाथ की आरती ओंकारेश्वर.
भोलेनाथ भक्त-दु:खगंजन, भवभंजन शुभ सुखकारी॥
दीनदयालु कृपालु कालरिपु, अलखनिरंजन शिव योगी।
मंगल रूप अनूप छबीले, अखिल भुवन के तुम भोगी॥
वाम अंग अति रंगरस-भीने, उमा वदन की छवि न्यारी। भोलेनाथ
असुर निकंदन, सब दु:खभंजन, वेद बखाने जग जाने।
रुण्डमाल, गल व्याल, भाल-शशि, नीलकण्ठ शोभा साने॥
गंगाधर, त्रिसूलधर, विषधर, बाघम्बर, गिरिचारी। भोलेनाथ ..
यह भवसागर अति अगाध है पार उतर कैसे बूझे।
ग्राह मगर बहु कच्छप छाये, मार्ग कहो कैसे सूझे॥
नाम तुम्हारा नौका निर्मल, तुम केवट शिव अधिकारी। भोलेनाथ ..
मैं जानूँ तुम सद्गुणसागर, अवगुण मेरे सब हरियो।
किंकर की विनती सुन स्वामी, सब अपराध क्षमा करियो॥
तुम तो सकल विश्व के स्वामी, मैं हूं प्राणी संसारी। भोलेनाथ ..
काम, क्रोध, लोभ अति दारुण इनसे मेरो वश नाहीं।
द्रोह, मोह, मद संग न छोडै आन देत नहिं तुम तांई॥
क्षुधा-तृषा नित लगी रहत है, बढी विषय तृष्णा भारी। भोलेनाथ ..
तुम ही शिवजी कर्ता-हर्ता, तुम ही जग के रखवारे।
तुम ही गगन मगन पुनि पृथ्वी पर्वतपुत्री प्यारे॥
तुम ही पवन हुताशन शिवजी, तुम ही रवि-शशि तमहारी। भोलेनाथ
पशुपति अजर, अमर, अमरेश्वर योगेश्वर शिव गोस्वामी।
वृषभारूढ, गूढ गुरु गिरिपति, गिरिजावल्लभ निष्कामी।
सुषमासागर रूप उजागर, गावत हैं सब नरनारी। भोलेनाथ ..
महादेव देवों के अधिपति, फणिपति-भूषण अति साजै।
दीप्त ललाट लाल दोउ लोचन, आनत ही दु:ख भाजै।
परम प्रसिद्ध, पुनीत, पुरातन, महिमा त्रिभुवन-विस्तारी। भोलेनाथ ..
ब्रह्मा, विष्णु, महेश, शेष मुनि नारद आदि करत सेवा।
सबकी इच्छा पूरन करते, नाथ सनातन हर देवा॥
भक्ति, मुक्ति के दाता शंकर, नित्य-निरंतर सुखकारी। भोलेनाथ ..
महिमा इष्ट महेश्वर को जो सीखे, सुने, नित्य गावै।
अष्टसिद्धि-नवनिधि-सुख-सम्पत्ति स्वामीभक्ति मुक्ति पावै॥
श्रीअहिभूषण प्रसन्न होकर कृपा कीजिये त्रिपुरारी। भोलेनाथ ..
Thanks for reading...
Tags: भोलेनाथ जी की आरती Bholenath ji ki aarti शिव आरती भजन, शिव जी की आरती भोले बाबा की आरती शिवजी की आरती, भोलेनाथ आरती ओम नमः शिवाय, भोलेनाथ आरती सुनाओ, भोलेनाथ आरती भजन, भोलेनाथ की आरती ओम जय शिव ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय जगदीश हरे, भोलेनाथ की आरती ओम जय जगदीश, भोलेनाथ की आरती ओम शिव ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओंकारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय कारा, भोलेनाथ की आरती ओम जय ओमकारा, भोलेनाथ की आरती ओंकारेश्वर.
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- सेक्सी वीडियो डाउनलोड कैसे करें - How to download sexy video
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Rich female contact number free
- रण्डी का मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर - Randi ka mobile whatsapp number
- Ghar Jamai rishta contact number - घर जमाई लड़का चाहिए
- इंडियन गांव लड़कियों के नंबर की लिस्ट - Ganv ki ladkiyon ke whatsapp mobile number
- नई रिलीज होने वाली फिल्मों की जानकारी और ट्रेलर, new bollywood movie trailer 2018
- UDISE + PLUS CODE, School Directory Management, School Data Capture
- आदिवासी लड़कियों के व्हाट्सएप नंबर aadiwasi ladkiyon ke whatsapp number
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.