नरक चतुर्दशी का त्योहार Narak Chatirdashi ka tyohar
नरक चतुर्दशी का त्योहार Narak Chatirdashi ka tyohar, Hell Chaturdashi festival. इसलिए मनाया जाता है नरक चतुर्दशी का त्योहार. छोटी दीवाली - रूप चतुर्दशी. नरक चतुर्दशी या रूप चौदस की कथा. रूप चौदस का महत्व. नरक निवारण चतुर्दशी 2018. नरक चतुर्दशी का महत्व. नरक चतुर्दशी की पूजा. नरकासुर के वध की खुशी में मनाई जाती है. इस कारण मनाई जाती छोटी दिवाली.
नरक चतुर्दशी का त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को यानी दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावाली के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन प्रातः काल स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का बड़ा महत्व है। पुराणों की कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरकासुर नाम के असुर का वध किया। नरकासुर ने 16 हजार कन्याओं को बंदी बना रखा था।
नरकासुर का वध करके श्री कृष्ण ने कन्याओं को बंधन मुक्त करवाया। इन कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करेगा अतः आप ही कोई उपाय करें। समाज में इन कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिये सत्यभामा के सहयोग से श्री कृष्ण ने इन सभी कन्याओं से विवाह कर लिया।
नरकासुर का वध और 16 हजार कन्याओं के बंधन मुक्त होने के उपलक्ष्य में नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान की परंपरा शुरू हुई। एक अन्य मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीप दान करने से नर्क के यतनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इस कारण भी नरक चतु्र्दशी के दिन दीनदान और पूजा का विधान है।
Thanks for reading...
Tags: नरक चतुर्दशी का त्योहार Narak Chatirdashi ka tyohar, Hell Chaturdashi festival. इसलिए मनाया जाता है नरक चतुर्दशी का त्योहार. छोटी दीवाली - रूप चतुर्दशी. नरक चतुर्दशी या रूप चौदस की कथा. रूप चौदस का महत्व. नरक निवारण चतुर्दशी 2018. नरक चतुर्दशी का महत्व. नरक चतुर्दशी की पूजा. नरकासुर के वध की खुशी में मनाई जाती है. इस कारण मनाई जाती छोटी दिवाली.
नरक चतुर्दशी का त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी को यानी दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस चतुर्दशी तिथि को छोटी दीपावाली के नाम से भी जाना जाता है।

इस दिन प्रातः काल स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का बड़ा महत्व है। पुराणों की कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि को नरकासुर नाम के असुर का वध किया। नरकासुर ने 16 हजार कन्याओं को बंदी बना रखा था।
नरकासुर का वध करके श्री कृष्ण ने कन्याओं को बंधन मुक्त करवाया। इन कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करेगा अतः आप ही कोई उपाय करें। समाज में इन कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिये सत्यभामा के सहयोग से श्री कृष्ण ने इन सभी कन्याओं से विवाह कर लिया।
नरकासुर का वध और 16 हजार कन्याओं के बंधन मुक्त होने के उपलक्ष्य में नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान की परंपरा शुरू हुई। एक अन्य मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीप दान करने से नर्क के यतनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इस कारण भी नरक चतु्र्दशी के दिन दीनदान और पूजा का विधान है।
Thanks for reading...
Tags: नरक चतुर्दशी का त्योहार Narak Chatirdashi ka tyohar, Hell Chaturdashi festival. इसलिए मनाया जाता है नरक चतुर्दशी का त्योहार. छोटी दीवाली - रूप चतुर्दशी. नरक चतुर्दशी या रूप चौदस की कथा. रूप चौदस का महत्व. नरक निवारण चतुर्दशी 2018. नरक चतुर्दशी का महत्व. नरक चतुर्दशी की पूजा. नरकासुर के वध की खुशी में मनाई जाती है. इस कारण मनाई जाती छोटी दिवाली.
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- इंडियन गांव लड़कियों के नंबर की लिस्ट - Ganv ki ladkiyon ke whatsapp mobile number
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- Ghar Jamai rishta contact number - घर जमाई लड़का चाहिए
- रण्डी का मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर - Randi ka mobile whatsapp number
- chusne wali ladkiyon ke number - चूसने वाली लड़कियों के मोबाइल व्हाट्सएप्प नंबर
- सेक्सी वीडियो डाउनलोड कैसे करें - How to download sexy video
- नई रिलीज होने वाली फिल्मों की जानकारी और ट्रेलर, new bollywood movie trailer 2018
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- UDISE + PLUS CODE, School Directory Management, School Data Capture
- अनाथ मुली विवाह संस्था फोन नंबर चाहिए - Anath aashram ka mobile number
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.