Home
» Do-You-Know
» Learn-More
» आज अचानक ही बीते हुए दिनों की याद आ गई Aaj achanak hi bite huye dino ki yaad aa gai
आज अचानक ही बीते हुए दिनों की याद आ गई Aaj achanak hi bite huye dino ki yaad aa gai
Today suddenly remembered the days of old आज अचानक ही बीते हुए दिनों की याद आ गई Aaj achanak hi bite huye dino ki yaad aa gai, aao bite huye palon ko taja karen, aaj me aur kal me kitna badlav aa gayaa hai.
पहले मै इस बात को कभी इतने दिल से महसूस नहीं करता था , पर आज दिल्ली जैसे महानगर की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में आकर इस बात को कहने को मजबूर हो गया हूँ. वो गाँव की सुकून भरी ज़िन्दगी. उफ़ उन पलो को याद करते ही कितनी ख़ुशी मिल रही है.
पहले मै इस बात को कभी इतने दिल से महसूस नहीं करता था , पर आज दिल्ली जैसे महानगर की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी में आकर इस बात को कहने को मजबूर हो गया हूँ. वो गाँव की सुकून भरी ज़िन्दगी. उफ़ उन पलो को याद करते ही कितनी ख़ुशी मिल रही है.
लेकिन दिल में आज भी गाँव में बिताये हुए दिनों की याद ताज़ा है. वो रातो में दिए के उजाले में रहना. वो मंद मंद मुस्काती रौशनी और फिर वो चाहे गर्मी की जलती हुई दोपहर ही क्यों न हो हर वक़्त बस खेलना घूमना और खाना क्या गर्मी क्या धुप कोई भी बात हमारे खेल कूद में अंकुश नहीं लगा पाती थी.
हमारा गाँव का घर बहुत बड़ा है और उसका आँगन और भी बड़ा आँगन के बीच में छोटा सा मंदीर बना हुआ है और उसी मंदीर से सटा हुआ तुलसी का पेड़ उस तुलसी की पत्तिया आज भी मन में बसी हुई है. उस वक़्त गाँव में न तो कूलर न ही ए. सी., रात को आँगन में एक लाइन से चारपाई लग जाती थी और वहीँ पर सारे लोग सोते थे फिर रात के आठ बजते ही हम सारे बच्चे चारपाई में नानी को घेर लेते थे फिर वो हमें या तो कहानी सुनाया करती थी या फिर पहेलियाँ बूझा करती थी , कभी अपने जमाने की बाते भी बताने लगती थी और मेरे बाबा कभी कभी चुड़ैल और भूतो की कहानी कह कर हमें डराने लगते थे ,जिसे वो सत्य घटना बताया करते थे , जैसे की फलां आम के पेड़ में चुडेल है बगीचे के बरगद के पेड़ में चुडेल रहती है , वगैरह वगैरह ये सब सुनते सुनते रात हम सो जाते थे . और फिर चिडियों की चहचहाहट से नींद खुलती थी लेकिन फिर भी उठते नहीं थे जब तक नानी चिल्ला चिल्ला कर थक नहीं जाती थी फिर आंगन के हैण्ड पम्प में जाकर मंजन होता था लाल दन्त मंजन.
दादी और दादा तो नीम की दातौन करते है जिसकी वजह से आज भी उनके दांत सही है और हमें हर छः महीने में दातो के डाक्टर के पास जाना पड़ता है. उसके बाद हम लोग बतियाते हुए दुआरे (घर के बाहर) बैठे रहते थे , और फिर दादी या मम्मी कुछ खाने के लिए देती थी और उसके बाद मंदिर के उत्तर वाले बागीचे में पहुँच जाते थे आम खाने.
गाँव के घर में कई कमरों के नाम दिशाओं के हिसाब से बोले जाते थे जैसे दक्षिण दिशा में दो कमरे थे जिनमे अनाज वगैरह रखा जाता था उसे दक्खिन घर और एक पश्चिम घर था जिसमे मम्मा (दादी) घी, दूध,मट्ठा, अचार, और मिठाई वगैरह रखती थी पर उसमे जाने की मनाही थी वो ही निकाल के दे सकती थी किसी को भी इजाज़त नहीं थी उनके पश्चिम घर में जाने की. इन कमरों के बारे में बताते बताते मुख्य बात तो रह गयी आमो की बात उफ़ वो रसीले मीठे आम और सबसे बड़ी बात, कितने सारे आम कितने भी खाओ कोई गिनती नहीं, कोई चिंता नहीं सुबह भी आम खाते थे फिर पूरी दोपहर आम खाते थे.
एक बार में चार पांच आम तो खा ही लेते थे. अब वो आम खाने में कहाँ मज़ा आता है एक तो इतने महंगे है आम और फिर कैसे भी करके खरीदो तो वो गाँव के आमो जैसा स्वाद उनमे कहाँ आता है और अमावट जिसे शहर की भाषा में आम पापड कहते है उसका स्वाद भी कहाँ दुकानों से ख़रीदे आम पापड़ में आता है. इन दुकानों की चका चौंध में दिखावे में हर चीज़ का स्वाद गुम होता जा रहा है. बस दिखाई देता है चमकते हुए कागजों में बंद सामान जिसमे सब कुछ बनावटी है. स्वाद भी नहीं. हमने तो फिर भी कुछ असली चीजों का स्वाद चखा है लेकिन हमसे आगे आने वाली पीढ़ी तो पिज्जा बर्गर में ही गुम होकर रह जाएगी क्या उन्हें कभी हमारी देसी चीजों का स्वाद पता चल जाएगा.
फिशर प्राइज़ के खिलोने क्या कभी अपने खुद के हाथो से बने मिटटी के खिलोनो का मुकाबला कर पायेंगे. जिस गाय के गोबर से हमारे गाँव के घरो को लिपा जाता था उसी गाय के गोबर को देखते ही आज की पीढ़ी मुह बना कर नाक बंद कर लेती है. हम लोग नीम के पेड़ की सबसे ऊँची डाल पर झूला बाँध कर झूलते थे, गाँव के तालाब के किनारे और खेतो में दौड़ दौड़ कर जो खेल खेला करते थे उन खेलो का, बंद कमरों में बैठ कर कम्पूटर के सामने खेले जाने वाले खेलो से क्या कोई मुकाबला है. पर क्या इसमें आज की पीढ़ी की गलती है नहीं इसमें गलती तो हमारी है. उनकी छुट्टिया होते ही हम उन्हें समर कैंप में भेज देते है या फिर किसी हिल स्टेशन में घुमाने लेकर चले जाते है क्योंकि अब हम खुद ही बिना सुविधाओं के नहीं रह पाते है. जबकि गाँव जाकर हम वो सीख सकते है जो हमें कोई समर केम्प नहीं सीखा सकता, सादगी, भोलापन , बड़ो का सम्मान, अपनों से प्यार, प्रकृति से लगाव ये सब हम वहाँ से सीख सकते है गाँव में बिताये हुए वो बचपन की यादे अभी भी मेरे ज़ेहन में यं ताज़ा है जैसे कल ही की बात हो. चूल्हे में बने हुए खाने का स्वाद , वो कुँए का मीठा पानी सब कुछ मन में बसा हुआ है.
आज भी जब जगजीत सिंह की इस ग़ज़ल को सुनता हूँ तो आँखे नम हो जाती है. “ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो, भले छिन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लुटा दो वो बचपन का सावन, वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी. कड़ी धुप में अपने घर से निकलना, वो चिड़िया वो बुलबुल वो तितली पकड़ना, वो गुडिया की शादी में लड़ना झगड़ना, वो झूलो से गिरना वो गिर कर संभलना, ना दुनिया का ग़म था न रिश्तों का बंधन, बड़ी खूबसूरत थी वो जिंदगानी. सच बड़ी खूबसूरत थी वो जिंदगानी..
Thanks for reading...
Tags: Today suddenly remembered the days of old आज अचानक ही बीते हुए दिनों की याद आ गई Aaj achanak hi bite huye dino ki yaad aa gai, aao bite huye palon ko taja karen, aaj me aur kal me kitna badlav aa gayaa hai.
आज भी जब जगजीत सिंह की इस ग़ज़ल को सुनता हूँ तो आँखे नम हो जाती है. “ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो, भले छिन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लुटा दो वो बचपन का सावन, वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी. कड़ी धुप में अपने घर से निकलना, वो चिड़िया वो बुलबुल वो तितली पकड़ना, वो गुडिया की शादी में लड़ना झगड़ना, वो झूलो से गिरना वो गिर कर संभलना, ना दुनिया का ग़म था न रिश्तों का बंधन, बड़ी खूबसूरत थी वो जिंदगानी. सच बड़ी खूबसूरत थी वो जिंदगानी..
Thanks for reading...
Tags: Today suddenly remembered the days of old आज अचानक ही बीते हुए दिनों की याद आ गई Aaj achanak hi bite huye dino ki yaad aa gai, aao bite huye palon ko taja karen, aaj me aur kal me kitna badlav aa gayaa hai.
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- साथ रहणियां संग के साथी दया मेरे पै फेर दियो Sath rahniya sang ke sathi dya fer diyo
- इंडियन गांव लड़कियों के नंबर की लिस्ट - Ganv ki ladkiyon ke whatsapp mobile number
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- रण्डी का मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर - Randi ka mobile whatsapp number
- Ghar Jamai rishta contact number - घर जमाई लड़का चाहिए
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Rich female contact number free
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- सेक्सी वीडियो डाउनलोड कैसे करें - How to download sexy video
- नई रिलीज होने वाली फिल्मों की जानकारी और ट्रेलर, new bollywood movie trailer 2018
- अनाथ मुली विवाह संस्था फोन नंबर चाहिए - Anath aashram ka mobile number