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मनुष्य के सुधरने और बिगडने का क्या कारण है Manushya ke sudharane aur bigdne ka kya karan hai
मनुष्य कब बिगड़ता है? इन्सान क्यों बिगड़ जाता है? इंसान पाप क्यों करता है? मनुष्य गलती क्यों करता है? what is the cause of deteriorating and Improving of the human मनुष्य के सुधरने और बिगडने का क्या कारण है Manushya ke sudharane aur bigdne ka kya karan hai.
प्रिय दोस्तों हम अब तक यहीं सुनते आए है की "जैसी संगति वैसी शोभा" अर्थात मनुष्य जैसे माहौल में रहेगा वैसा ही बन जाएगा. आज हम आपके लिए एक ऐसा टोपिक लेकर आए है जो इस बात को गलत साबित करता है. आइये इस लेख को पूरा पढ़ें.
रामायण मे दो ऐसे इन्सान थे. जिन्होंने "जैसी संगति वैसी शोभा" वाली हमारी धारणा को बदल दिया. उन दोनों के नाम है:- विभीषण और कैकेयी...
विभीषण रावण के राज मे रहता था फिर भी नही बिगडा...
कैकेयी राम के राज मे रहती थी फिर भी नही सुधरी..!!
इससे ये समझा जा सकता है की सुधरना एवं बिगडना केवल मनुष्य के सोच और स्वभाव पर निर्भर करता है माहौल पर नहीं...
प्रिय दोस्तों हम अब तक यहीं सुनते आए है की "जैसी संगति वैसी शोभा" अर्थात मनुष्य जैसे माहौल में रहेगा वैसा ही बन जाएगा. आज हम आपके लिए एक ऐसा टोपिक लेकर आए है जो इस बात को गलत साबित करता है. आइये इस लेख को पूरा पढ़ें.

रामायण मे दो ऐसे इन्सान थे. जिन्होंने "जैसी संगति वैसी शोभा" वाली हमारी धारणा को बदल दिया. उन दोनों के नाम है:- विभीषण और कैकेयी...
विभीषण रावण के राज मे रहता था फिर भी नही बिगडा...
कैकेयी राम के राज मे रहती थी फिर भी नही सुधरी..!!
इससे ये समझा जा सकता है की सुधरना एवं बिगडना केवल मनुष्य के सोच और स्वभाव पर निर्भर करता है माहौल पर नहीं...
रावण सीता को समझा - समझा कर हार गया था पर सीता ने रावण की तरफ एक बार देखा तक नहीं...
तब मंदोदरी ने उपाय बताया कि तुम राम बन के सीता के पास जाओ वो तुम्हे जरूर देखेगी...
रावण ने कहा - मैं ऐसा कई बार कर चुका हू...
मंदोदरी - तब क्या सीता ने आपकी ओर देखा...
रावण - मैं खुद सीता को नहीं देख सका...
क्योंकि मैं जब- जब राम बनता हूँ, मुझे पराई नारी अपनी माता और अपनी पुत्री सी दिखती है...
अपने अंदर राम को ढूंढे...
और उनके चरित्र पर चलिए...
आपसे भूलकर भी भूल नहीं होगी...
Thanks for reading...
Tags: मनुष्य कब बिगड़ता है? इन्सान क्यों बिगड़ जाता है? इंसान पाप क्यों करता है? मनुष्य गलती क्यों करता है? what is the cause of deteriorating and Improving of the human मनुष्य के सुधरने और बिगडने का क्या कारण है Manushya ke sudharane aur bigdne ka kya karan hai.
रावण ने कहा - मैं ऐसा कई बार कर चुका हू...
मंदोदरी - तब क्या सीता ने आपकी ओर देखा...
रावण - मैं खुद सीता को नहीं देख सका...
क्योंकि मैं जब- जब राम बनता हूँ, मुझे पराई नारी अपनी माता और अपनी पुत्री सी दिखती है...
अपने अंदर राम को ढूंढे...
और उनके चरित्र पर चलिए...
आपसे भूलकर भी भूल नहीं होगी...
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