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क्या वाकई भगवान हमें बुरे कर्म करते देखता है Kya wakyi Bhagwan hame bure karm karte dekhta hai
भगवान से कैसे प्रेम करें? भगवान से कैसे मिले? भगवान से कैसे प्रार्थना करें? भगवान से कैसे बात करे? भगवान की कथा, भगवान सब जगह है, भगवान सब देख रहा है, भगवान सब कुछ जानता है, भगवान का दिया सब कुछ है, भगवान से बड़ा कौन है? क्या वाकई भगवान हमें बुरे कर्म करते देखता है Kya wakyi Bhagwan hame bure karm karte dekhta hai.
प्रिय दोस्तों, जब भी कोई इन्सान बुरा कार्य करता है तो क्या भगवान उसे यह करते हुए देखता है और उसे उसके कर्म के अनुसार फल देता है। मैं तो इस बात को मानता हूँ और यह भी जानता हूँ कि हमें अच्छे और बुरे सभी कर्मों का फल मिलता है लेकिन फल मिलने में कितना समय लगेगा इस बारे में भगवान ही जाने।
प्रिय दोस्तों, जब भी कोई इन्सान बुरा कार्य करता है तो क्या भगवान उसे यह करते हुए देखता है और उसे उसके कर्म के अनुसार फल देता है। मैं तो इस बात को मानता हूँ और यह भी जानता हूँ कि हमें अच्छे और बुरे सभी कर्मों का फल मिलता है लेकिन फल मिलने में कितना समय लगेगा इस बारे में भगवान ही जाने।
आज इस बारे में इन्टरनेट पर लोगों के विचार खोजने लगा तो मुझे प्रयास जी द्वारा लिखी कुछ बातें मिली जिन्हें पढ़कर मुझे और भी विश्वास हो गया कि वास्तव में भगवान हमें देखता है।
प्रयास जी ने इस बारे में लिखा है -
हमारे घर के पास एक डेरी वाला है। वह डेरी वाला ऐसा है कि आधा किलो घी में अगर घी 50२ ग्राम तोल दिया जाएँ तो 2 ग्राम घी निकाल लेता था।
एक बार मैं आधा किलो घी लेने गया। उसने मुझे 90 रूपय ज्यादा दे दिये। मैंने कुछ देर सोचा और पैसे लेकर निकल लिया। मैंने मन में सोचा कि 2-2 ग्राम से तूने जितना बचाया था बच्चू अब एक ही दिन में निकल गया। मैंने घर आकर अपनी गृहलक्ष्मी को कुछ नहीं बताया और घी दे दिया। उसने जैसे ही घी डब्बे में पलटा आधा घी बिखर गया। मुझे झट से “बेटा चोरी का माल मोरी में” वाली कहावत याद आ गई। साहब यकीन मानीये वो घी किचन की सिंक में ही गिरा था।
इस वाकये को कई महीने बीत गये थे। परसों शाम को मैं एग रोल लेने गया। उसने भी मुझे सत्तर रूपए ज्यादा दे दिये। मैंने मन ही मन सोचा चलो बेटा आज फिर चैक करते हैं की क्या वाकई भगवान हमें देखता है। मैंने रोल पैक कराए और पैसे लेकर निकल लिया। आश्चर्य तब हुआ जब एक रोल अचानक रास्ते में ही गिर गया। घर पहुँचा, बचा हुआ रोल टेबल पर रखा, जूस निकालने के लिये अपना मनपसंद काँच का गिलास उठाया। अरे यह क्या गिलास हाथ से फिसल कर टूट गया। मैंने हिसाब लगाया, करीब-करीब सत्तर में से साठ रूपए का नुकसान हो चुका था। मैं बडा आश्चर्यचकित था।
और अब सुनिये ये भगवान तो मेरे पीछे ही पड गया जब कल शाम को सुभिक्षा वाले ने मुझे तीस रूपय ज्यादा दे दिये। मैंने अपनी धर्म-पत्नी से पूछा क्या कहती हो एक ट्राई और मारें. उन्होने मुस्कुराते हुए कहा – जी नहीं. और हमने पैसे वापस कर दिये। बाहर आकर हमारी धर्म-पत्नी जी ने कहा – वैसे एक ट्राई और मारनी चाहिये थी। बस इतना कहना था कि उन्हें एक ठोकर लगी और वह गिरते-गिरते बचीं। मैं सोच में पड गया कि क्या वाकई भगवान हमें देख रहा है।
Thanks for reading...
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एक बार मैं आधा किलो घी लेने गया। उसने मुझे 90 रूपय ज्यादा दे दिये। मैंने कुछ देर सोचा और पैसे लेकर निकल लिया। मैंने मन में सोचा कि 2-2 ग्राम से तूने जितना बचाया था बच्चू अब एक ही दिन में निकल गया। मैंने घर आकर अपनी गृहलक्ष्मी को कुछ नहीं बताया और घी दे दिया। उसने जैसे ही घी डब्बे में पलटा आधा घी बिखर गया। मुझे झट से “बेटा चोरी का माल मोरी में” वाली कहावत याद आ गई। साहब यकीन मानीये वो घी किचन की सिंक में ही गिरा था।
इस वाकये को कई महीने बीत गये थे। परसों शाम को मैं एग रोल लेने गया। उसने भी मुझे सत्तर रूपए ज्यादा दे दिये। मैंने मन ही मन सोचा चलो बेटा आज फिर चैक करते हैं की क्या वाकई भगवान हमें देखता है। मैंने रोल पैक कराए और पैसे लेकर निकल लिया। आश्चर्य तब हुआ जब एक रोल अचानक रास्ते में ही गिर गया। घर पहुँचा, बचा हुआ रोल टेबल पर रखा, जूस निकालने के लिये अपना मनपसंद काँच का गिलास उठाया। अरे यह क्या गिलास हाथ से फिसल कर टूट गया। मैंने हिसाब लगाया, करीब-करीब सत्तर में से साठ रूपए का नुकसान हो चुका था। मैं बडा आश्चर्यचकित था।
और अब सुनिये ये भगवान तो मेरे पीछे ही पड गया जब कल शाम को सुभिक्षा वाले ने मुझे तीस रूपय ज्यादा दे दिये। मैंने अपनी धर्म-पत्नी से पूछा क्या कहती हो एक ट्राई और मारें. उन्होने मुस्कुराते हुए कहा – जी नहीं. और हमने पैसे वापस कर दिये। बाहर आकर हमारी धर्म-पत्नी जी ने कहा – वैसे एक ट्राई और मारनी चाहिये थी। बस इतना कहना था कि उन्हें एक ठोकर लगी और वह गिरते-गिरते बचीं। मैं सोच में पड गया कि क्या वाकई भगवान हमें देख रहा है।
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