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हाथ पर मौलि धागा बाँधने के क्या लाभ हैं Hath par moli dhaga bandhane ke kya labh hai
मौली का अर्थ, मौली के फायदे हाथ पर मौलि धागा बाँधने के क्या लाभ हैं Hath par moli dhaga bandhane ke kya labh hai जानते हैं कि मोली धागा क्यों बांधा जाता है और इसके हमारे लिए क्या - क्या लाभ है? मौली बांधने के कारण, क्या आप जानते है मौली बांधने से कितना फायदा होता है और मौली हमारे लिए कितनी फायदेमंद है?
शायद हम सभी जानतें है की हमारे हिन्दूस्तान में हाथ की कलाई पर मोली धागा बाँधा जाता है। क्या आप जानते है हाथ की कलाई पर मौलि धागा बाँधने के क्या लाभ हैं और क्यों बांधा जाता है और यह कब शुरू हुआ? चलिए आज हम पंडित रामप्रसाद के शब्दों में जानते हैं कि मोली धागा क्यों बांधा जाता है और इसके हमारे लिए क्या - क्या लाभ है?
पंडित रामप्रसाद के अनुसार :- कुछ लोग धार्मिक परम्पराओ और स्वास्थ्य को अलग अलग मानते है जबकि इन दोनों का सम्बन्ध एक साथ जुड़ा हुआ है। जबकि हम घर में या मंदिर में कभी भी पूजा करते है तो कलाई पर एक धागा (मोली) बांध दिया जाता है और ये धागा पूजा करते समय बांधने की परम्परा वर्षों चली आ रही है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी की ये धागा केवल एक परम्परा ही नहीं आपके स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसके कुछ लाभ इस प्रकार हैं :-
शायद हम सभी जानतें है की हमारे हिन्दूस्तान में हाथ की कलाई पर मोली धागा बाँधा जाता है। क्या आप जानते है हाथ की कलाई पर मौलि धागा बाँधने के क्या लाभ हैं और क्यों बांधा जाता है और यह कब शुरू हुआ? चलिए आज हम पंडित रामप्रसाद के शब्दों में जानते हैं कि मोली धागा क्यों बांधा जाता है और इसके हमारे लिए क्या - क्या लाभ है?
पंडित रामप्रसाद के अनुसार :- कुछ लोग धार्मिक परम्पराओ और स्वास्थ्य को अलग अलग मानते है जबकि इन दोनों का सम्बन्ध एक साथ जुड़ा हुआ है। जबकि हम घर में या मंदिर में कभी भी पूजा करते है तो कलाई पर एक धागा (मोली) बांध दिया जाता है और ये धागा पूजा करते समय बांधने की परम्परा वर्षों चली आ रही है। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी की ये धागा केवल एक परम्परा ही नहीं आपके स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसके कुछ लाभ इस प्रकार हैं :-
- धार्मिक मान्यता :- धार्मिक शास्त्र के मुताबित जब भी आप पूजा करते समय कलाई पर मोली का धागा बांधने की सबसे पहले शुरुआत देवी लक्ष्मी और राजा बाली ने की थी। हमारे शास्त्रों के अनुसार इस धागे को एक रक्षा कवक भी कहा जाता हैं। माना जाता है की इसको बांधने से हर प्रकार की मुसीबतें टल जाती हैं।
- वेदो के मुताबित:- यहाँ तक की कहा जाता है इस धागे से ब्रह्मा, विष्णु और महेश साथ ही लक्ष्मी, पार्वती, त्रिदेवी सरस्वती की कृपा हमारे पर ऊपर बनी होती हैं। वेदो के मुताबित वृत्रासुर के युद्ध में जाते समय इन्द्राणी ने शची को दाए हाथ में रक्षा सूत्र यानि ऐसा ही एक धागा बांधा था। इस पर एक धार्मिक मान्यता भी यानि की इसमें तीनो देव विराजमान रहते है और इसके द्वारा कलाई पर बांधने से काम या बिजनेस में बरकत होती हैं।
- वैज्ञानिक मान्यता :- बता दे धार्मिक के अलावा स्वास्थ्य में इसका कैसे महत्व है वो ऐसे की शरीर के काफी मैन अंग तक पहुंचने के लिए नस को कलाई से गुजरना पड़ता है। और जब हम कलाई पर धागा बांधते है तो नस की क्रिया नियंत्रित होती है! इससे हमारे तीन दोष जल्द ही दूर हो जाते है! जबकि उनमे ह्रदयरोग, पक्षघात और मधुमेह रोग जैसी कई बीमारियों से हमें छुटकारा मिलता हैं! और ये सत्य भी है क्योकि इसको वैज्ञानिकों ने भी माना है।
- मोली धागे को बाँधने की सही विधि :- इस धागे को पुरुष और अविवाहित महिलाएं दाये हाथ में और विवाहित महिलाएं बाये हाथ में बांधती हैं। इसके अलावा एक पुरानी मान्यता है कि वाहन, मुख्य द्वार, खाता बही और चाबी पर धागा बांधने से काफी सारे फायदे होते है! कहा जाता है घर में धागे से बनी चीजों को रखने से घर में सुख सम्रद्धि आती हैं।
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