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किसी व्यक्ति को समझें उसकी बॉडी लैंग्वेज से Kisi ko samjhe uski Body Language se
किसी व्यक्ति को समझें उसकी बॉडी लैंग्वेज से Kisi ko samjhe uski Body Language se क्या है बॉडी लैंग्वेज, बॉडी लैंग्वेज के संकेत, बॉडी लैंग्वेज कैसे सुधारे, महिलाओं की शारीरिक भाषा, किसी की बॉडी लैंग्वेज को कैसे समझें? बॉडी लैंग्वेज समझना भी है कला, लड़कियों की बॉडी लैंग्वेज को कैसे समझें?
हमारे दिमाग में चलता बहुत कुछ है, लेकिन अपनी हर बात को शब्दों में बयां नहीं कर पाते। कभी-कभी हमारी बॉडी लैंग्वेज काफी कुछ बयां कर देती हैं। यह बात हर कोई आसानी से नहीं समझ पाता है। सामने वाले इंसान के भीतर चल रहे विचार, सोच और इरादों की परख कुछ ही लोगों को होती है। ऐसे लोग इंसान की मानसिकता को समझने में ज्यादा गलतियां नहीं करते। कह सकते हैं, इन्हें किताबों की तरह इंसानों को पढ़ना बखूबी आता है।
क्या है बॉडी लैंग्वेज - बॉडी लैंग्वेज यानी हाव-भाव एक तरह की शारीरिक भाषा है, जिसमें शब्द तो नहीं होते, लेकिन बिना कुछ कहे अपनी बात कह जाते हैं। बॉडी लैंग्वेज एक तरह से इंसान के व्यक्तित्व का आईना होती है। जैसे किताब के हर पन्ने में अलग-अलग बातें होती हैं, उसी तरह हाव-भाव के पीछे भी अलग-अलग अर्थ छिपे होते हैं। शरीर की भाषा किसी के रवैये और उसकी मन की स्थिति के अनुरूप हो सकती है। मसलन, आक्रामकता, मनोयोग, ऊब, मनोरंजन और सुख सहित अन्य कई भाव दे सकती है। खास बात है कि मनुष्य अंजाने में शरीर के माध्यम से संकेत भेजता भी है और समझता भी है।
शरीर की मुद्रा - शरीर की अलग-अलग अवस्था इंसान के चरित्र और व्यक्तित्व की सबसे बड़ा संकेत है। संतुलित और सीधी अवस्था आत्मविश्वास और खुद से आश्वस्त होने का संकेत है। इसी तरह बैठने की अवस्था भी बॉडी लैंग्वेज का मूलभूत हिस्सा है। बैठने के दौरान आगे की ओर झुक कर बैठना आपके मित्रवत होने का संकेत है। अगर कोई अपना सिर उठाते समय मुस्कुराता है तो वह शख्स स्वभाव से चंचल मन हो सकता है या फिर मजाकिया हो सकता है। सिर नीचे झुकाता हुआ शख्स कुछ छिपा रहा होता है।
चेहरे का भाव - अधिकांश लोगों के लिए बॉडी लैंग्वेज चेहरा का अध्ययन करना है। चेहरे पर का भाव भी अपनी नाराजगी, खुशी, जलन, चिंता और चंचलता को सामने ला देता है। हर दिन ऐसे कई मौके होते हैं, जब लोग अपनी प्रतिक्रिया अपने चेहरे पर बने प्रतिबिम्ब से दे देते हैं। अगर कुछ पसंद नहीं आ रहा हो तो नाक सिकोड़ते हैं। बच्चे नाराज हों तो मुंह फुला लेते हैं।
आंखों से बात - निश्चित रूप से आंख अभाषिक रूप सब कुछ कह देने वाला बड़ा माध्यम है। चाहे कम हो या ज्यादा, किसी भी इंसान को समझने के लिए बिना जाने या समझे उसकी आंखों में झांकते हैं। मानव में यह स्वभाव जन्म से ही होता है। आंख के द्वारा न सिर्फ इंसान के मूड को पढ़ा जा सकता है, बल्कि उसके अन्दर क्या चल रहा है, उसे भी अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
बॉडी लैंग्वेज के संकेत -
हमारे दिमाग में चलता बहुत कुछ है, लेकिन अपनी हर बात को शब्दों में बयां नहीं कर पाते। कभी-कभी हमारी बॉडी लैंग्वेज काफी कुछ बयां कर देती हैं। यह बात हर कोई आसानी से नहीं समझ पाता है। सामने वाले इंसान के भीतर चल रहे विचार, सोच और इरादों की परख कुछ ही लोगों को होती है। ऐसे लोग इंसान की मानसिकता को समझने में ज्यादा गलतियां नहीं करते। कह सकते हैं, इन्हें किताबों की तरह इंसानों को पढ़ना बखूबी आता है।
क्या है बॉडी लैंग्वेज - बॉडी लैंग्वेज यानी हाव-भाव एक तरह की शारीरिक भाषा है, जिसमें शब्द तो नहीं होते, लेकिन बिना कुछ कहे अपनी बात कह जाते हैं। बॉडी लैंग्वेज एक तरह से इंसान के व्यक्तित्व का आईना होती है। जैसे किताब के हर पन्ने में अलग-अलग बातें होती हैं, उसी तरह हाव-भाव के पीछे भी अलग-अलग अर्थ छिपे होते हैं। शरीर की भाषा किसी के रवैये और उसकी मन की स्थिति के अनुरूप हो सकती है। मसलन, आक्रामकता, मनोयोग, ऊब, मनोरंजन और सुख सहित अन्य कई भाव दे सकती है। खास बात है कि मनुष्य अंजाने में शरीर के माध्यम से संकेत भेजता भी है और समझता भी है।
शरीर की मुद्रा - शरीर की अलग-अलग अवस्था इंसान के चरित्र और व्यक्तित्व की सबसे बड़ा संकेत है। संतुलित और सीधी अवस्था आत्मविश्वास और खुद से आश्वस्त होने का संकेत है। इसी तरह बैठने की अवस्था भी बॉडी लैंग्वेज का मूलभूत हिस्सा है। बैठने के दौरान आगे की ओर झुक कर बैठना आपके मित्रवत होने का संकेत है। अगर कोई अपना सिर उठाते समय मुस्कुराता है तो वह शख्स स्वभाव से चंचल मन हो सकता है या फिर मजाकिया हो सकता है। सिर नीचे झुकाता हुआ शख्स कुछ छिपा रहा होता है।
चेहरे का भाव - अधिकांश लोगों के लिए बॉडी लैंग्वेज चेहरा का अध्ययन करना है। चेहरे पर का भाव भी अपनी नाराजगी, खुशी, जलन, चिंता और चंचलता को सामने ला देता है। हर दिन ऐसे कई मौके होते हैं, जब लोग अपनी प्रतिक्रिया अपने चेहरे पर बने प्रतिबिम्ब से दे देते हैं। अगर कुछ पसंद नहीं आ रहा हो तो नाक सिकोड़ते हैं। बच्चे नाराज हों तो मुंह फुला लेते हैं।
आंखों से बात - निश्चित रूप से आंख अभाषिक रूप सब कुछ कह देने वाला बड़ा माध्यम है। चाहे कम हो या ज्यादा, किसी भी इंसान को समझने के लिए बिना जाने या समझे उसकी आंखों में झांकते हैं। मानव में यह स्वभाव जन्म से ही होता है। आंख के द्वारा न सिर्फ इंसान के मूड को पढ़ा जा सकता है, बल्कि उसके अन्दर क्या चल रहा है, उसे भी अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
बॉडी लैंग्वेज के संकेत -
- तरोताजा होने के साथ सीधा खड़ा रहना-आत्म विश्वास
- हिप्स पर हाथ रख कर खड़ा रहना-तैयार व आक्रामक
- पैर पर पैर चढ़ा कर बैठना- उचाट दिखना
- पैर फैलाकर बैठना- आराम की मुद्रा
- छाती पर बांह पर बांह फंसाना-बचाव की मुद्रा
- पॉकेट में हाथ डालकर चलना-उदासी
- गाल पर हाथ रखना- चिंता व सोचना
- नाक को थोड़ा-थोड़ा छूना और रगड़ना - अस्वीकृति, शंका
- आंख रगड़ना- शंका व अविश्वास
- दोनों हाथों पर गाल टिकाना और नीचे देखना - उचाट दिखना
- अनुमान है कि इंसान चेहरे पर 2,50,000 हाव-भाव उत्पन्न कर सकता है।
- झूठ बोलने वाला इंसान नजरें मिलाकर बात नहीं कर सकता।
- कभी भी तेजी से बोलने वाले सेल्समैन पर भरोसा न करें।
- परखी गयी बॉडी लैंग्वेज हमेशा सही नहीं होती, इसलिए प्रतिक्रिया देने से पहले सोच समझ लें।
- किसी को सिर्फ उसकी बॉडी लैंग्वेज से जज करना सही नहीं है।
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