फूलगोभी की खेती करने का आधुनिक तरीका Fulgobhi ki kheti ka vaigyanik tarika
Fulgobhi ki kheti kaise kare फूलगोभी की खेती कैसे करें, फूलगोभी की खेती
करने का आधुनिक तरीका Fulgobhi ki kheti ka vaigyanik tarika. खेती मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा. अधिकतम उपज के लिए ध्यान रखने योग्य बातें. बेहतर फसल के लिए टिप्स सुझाव और उपाय. कम खर्च में ज्यादा पैदावार कैसे ले. अच्छी फसल तैयार करने के लिए अपनाए ये तरीके. फूलगोभी की वैज्ञानिक खेती कैसे करें. फूलगोभी की खेती-बुआई एवं खेत की तैयारी. फूलगोभी की उन्नत खेती कैसे करे जाने हिंदी में. फूलगोभी की खेती से कमाएं खूब. सब्जी की खेती कैसे करें? फूलगोभी उत्पादन तकनीक एवं फसल सुरक्षा उपाय.
फूलगोभी की खेती के बारे में जानने से पहले फूलगोभी के बारे में कुछ जानकारी ले लेते हैं। फूलगोभी एक लोकप्रिय सब्जी है। ऐसा माना जाता है कि फूलगोभी का आगमन भारत में मुगल काल के समय हुआ। फूलगोभी की खेती पुरे भारत में की जाती है। उत्तर प्रदेश तथा अन्य शीतल स्थानों पर फूलगोभी की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है।
फूलगोभी की खेती के बारे में जानने से पहले फूलगोभी के बारे में कुछ जानकारी ले लेते हैं। फूलगोभी एक लोकप्रिय सब्जी है। ऐसा माना जाता है कि फूलगोभी का आगमन भारत में मुगल काल के समय हुआ। फूलगोभी की खेती पुरे भारत में की जाती है। उत्तर प्रदेश तथा अन्य शीतल स्थानों पर फूलगोभी की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है।
फूलगोभी से अचार सब्जी सुप आदि बनाये जाते हैं। फूलगोभी में बिटामिन B पायी जाती है। इसमें प्रोटीन की मात्रा अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक पायी जाती है। इसमें कैल्सियम फास्फोरस पाया जाता है। अगर आप फुलगोभी की खेती के बारे में सोच रहे हैं तो आप यकीन मानिए आपको फायदा ही फायदा है। क्योंकि हम आप आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से फूलगोभी की खेती की जानकारी दे रहे हैं। तो आइये जानते हैं कि फुलगोभी की खेती कैसे करें।
फूलगोभी के लिए जलवायु- फुलगोभी की खेती के लिए शीतल तथा नम जलवायु अच्छी मानी जाती है। फूलगोभी की खेती प्रायः जुलाई के महीने से सुरु होकर अप्रैल के महीने तक की जाती है। अधिक तापक्रम या नम तापक्रम और कम वायुमण्डलीय आद्रता फूलगोभी के फसल के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकते हैं। 50℃ से 75℃ तापक्रम पर फूल का विकाश अच्छे तरीके से होता है।
फूलगोभी की खेती के लिए भूमि का चयन- फूलगोभी की खेती के लिए मिट्टी की बात करें तो बलुई दोमट मिट्टी जिसमे जल निकासी की व्यवस्था अच्छी हो उपयुक्त मानी जाती है। भूमि का PH मान 5.5 से 6.8 हो तो अच्छा रहता है। कुल मिलाकर उपजाऊ मिट्टी फूलगोभी की खेती के लिये अच्छी होती है।
फूलगोभी की प्रजातियां- मौसम के आधार पर फूलगोभी की अगेती , माध्य्म तथा पछेती तीन प्रजातियां पायी जाती हैं। अगेती प्रजातियों में पूसा दीपाली ,अर्ली पटना , अर्ली कुँवारी , सेलेक्शन 327 और 328 पूसा अर्ली सिंथेटिक , पटना अगेती , पन्त गोभी पूसा कार्तिक आदि पायी जाती हैं। मध्यम प्रकार की प्रजातियां कुछ इस प्रकार से है पंजाब जॉइंट , नरेंद्र गोभी , अर्ली स्नोबल पूसा हाइब्रिड , पूसा अगहनी , पन्त सुभ्रा , इम्प्रूव जापानी आदि हैं। पछेती गोभी की प्रजातियों में पूसा स्नोबाल 1 और 2 , पूसा के1 दानिया , विश्व भारती आदि हैं।
खेत की तैयारी- फूलगोभी की खेत की तैयारी करते समय किन किन बातों पर ध्यान देना चाहिए यहाँ बताया गया है। सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की जुताई करके फिर कल्टीवेटर या देशी हल से दो या तीन जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए और पट लगाकर समतल कर लेना चाहिए। इतना ध्यान दें कि खेत में पानी के निकास की व्यवस्था अच्छा हो। गोभी की बिज को बोना- एक हेक्टेयर खेत में 500 से 750 ग्राम गोभी का बीज लगता है। बीज को हल्का सा गर्म पानी में 25 से 30 मिनट के लिए डुबोकर रखना चाहिए। इसके बाद खेत में 5 से 10 सेमी. ऊँची क्यारी बनाकर बिज को कतारों में अच्छे तरीके से बोना चाहिए और इसमें हल्की सिंचाई भी कर देनी चाहिए।
फूलगोभी के लिए खाद प्रबन्ध- फूलगोभी की खेती के लिये कौन कौन सी खाद कितनी मात्रा में प्रयोग की जाती है यहाँ बताया गया है। फूलगोभी की खेती के लिए अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद 1 हेक्टेयर के हिसाब से 250 से 300 किलो , नत्रजन 100 किलो , तथा फास्फोरस 75 किलो , पोटास 40 किलो की आवश्यकता होती है। खेत की तैयारी करते समय गोबर की खाद दे देनी चाहिए तथा पौधा रोपने के पहले फास्फोरस तथा पोटास और नत्रजन के दो भाग करके रोपने के 15 से 20 दिन बाद और दूसरा बचा हुआ भाग 30 से 40 दिन बाद देना चाहिए।
फूलगोभी पौधा रोपण- फूलगोभी को बोने का सही समय मई या जून का महीना होता है। और जून , जुलाई के महीने में भी पौधा रोपण किया जाता है। देर से बोने का समय जुलाई से अगस्त का महीना होता है। जब क्यारियों में पौधे लगभग 30 से 35 दिन के हो जाते हैं तो उन्हें अलग खेत में लगाया जाता है। इसके लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई करके और समतल बना लेना चाहिए। साथ ही साथ लगभग 5*2 मीटर की क्यारिया बनाकर उस पर पौधे लगाने चाहिए ताकि सिंचाई करने में कोई दिक्कत ना हो। इतना ध्यान रखें की क्यारियां बहुत ऊँची ना हो। क्यारियां इतनी उचाई की हो की पौधे लगाने के बाद जो हल्की सिंचाई की जाती है उनके जड़ तक आसानी से पहुँच सके।
फूलगोभी के पौधों पर मिट्टी चढ़ाना और ब्लीचिंग करना- जब पौधे धिरे धीरे बड़े होने लगते हैं तो उनपर मिट्टी चढ़ाने का काम किया जाता है अगर ऐसा न किया जाये तो पौधे अधिक वजन के कारण गिर जाते हैं। पौधों पर मिट्टी चढ़ाने का कार्य पौधा रोपण के 5 से 6 सप्ताह बाद करना चाहिए। ब्लीचिंग एक ऐसी प्रकिया है जिससे की फूलगोभी का रंग सफेद व् आकर्षक दीखता है। फूलगोभी पर धुप पड़ने के कारण फूल के रंग में हल्का पीलापन आने लगता है। इससे बचाव के लिए फूल तैयार हो जाने के 8 से 10 दिन पहले फूलगोभी की पत्तियों को समेटकर ऊपर बाँध दिया जाता है जिससे धुप का असर फूल पर नहीं पड़ता और फूल सफेद और अच्छे दीखते हैं। इसी प्रक्रिया को ब्लीचिंग कहते है।
फूलगोभी के पौधों की सिचाईं- जब पौधे लगा लिए जाते हैं तो उनकी सिचाईं 8 से 10 दिनों के अंतर पर की जाती है। अगर खेत में नमी बनी हो तो उसके अनुसार सिचाई की जानी चाहिए। पौधों की सिंचाई प्रातः काल में करनी चाहिए। आगे वाले पौधों की तुलना में पीछे वाले पौधों में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। सिंचाई के लिए आप पौधा रोपण करते समय नाली बना सकते हैं।
फूलगोभी में लगने वाली बीमारिया और उनसे बचाव- फूलगोभी में कई तरह की बीमारियां लग सकती हैं अगर इनका सही समय पर समाधान न किया जाये तो इससे उत्पादन छमता पर प्रभाव पड़ता है। बटनिंग में फलों का आकार छोटा रह जाता है ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे बहुत देर बाद पौधा रोपण करना या आगे रोपने वाले पौधों को पीछे यानि देर से रोपना या छोटे और कमजोर पौधों को रोपना। या सही किस्मो को न लगना आदि। इससे बचने के लिए आप फूलगोभी अगेती किस्मों या मध्यम किस्मों और पछेती किस्मो को उनके सही समय पर लगाये। कमजोर पौधों को न लगाएं। आवश्यकता से अधिक सिंचाई न करें तथा ऐसे पौधे जो नर्सरी में ज्यादा दिन के हो गए हो उन्हें रोपने से बचे।
फूलगोभी को तोड़ना- जब पौधों में फल पूर्ण रूप से तैयार हो जाते हैं तो उनको तोड़ लेना चाहिए। फलों को तोड़ते समय यह ध्यान रखना चाहिए की उन पर कोई खरोच ना आये। इसके बाद बाजार या मंडी में फूलों के बिक्री का प्रबंध करना चाहिए।
Thanks for reading...
Tags: Fulgobhi ki kheti kaise kare फूलगोभी की खेती कैसे करें, फूलगोभी की खेती करने का आधुनिक तरीका Fulgobhi ki kheti ka vaigyanik tarika. खेती मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा. अधिकतम उपज के लिए ध्यान रखने योग्य बातें. बेहतर फसल के लिए टिप्स सुझाव और उपाय. कम खर्च में ज्यादा पैदावार कैसे ले. अच्छी फसल तैयार करने के लिए अपनाए ये तरीके. फूलगोभी की वैज्ञानिक खेती कैसे करें. फूलगोभी की खेती-बुआई एवं खेत की तैयारी. फूलगोभी की उन्नत खेती कैसे करे जाने हिंदी में. फूलगोभी की खेती से कमाएं खूब. सब्जी की खेती कैसे करें? फूलगोभी उत्पादन तकनीक एवं फसल सुरक्षा उपाय.
Thanks for reading...
Tags: Fulgobhi ki kheti kaise kare फूलगोभी की खेती कैसे करें, फूलगोभी की खेती करने का आधुनिक तरीका Fulgobhi ki kheti ka vaigyanik tarika. खेती मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा. अधिकतम उपज के लिए ध्यान रखने योग्य बातें. बेहतर फसल के लिए टिप्स सुझाव और उपाय. कम खर्च में ज्यादा पैदावार कैसे ले. अच्छी फसल तैयार करने के लिए अपनाए ये तरीके. फूलगोभी की वैज्ञानिक खेती कैसे करें. फूलगोभी की खेती-बुआई एवं खेत की तैयारी. फूलगोभी की उन्नत खेती कैसे करे जाने हिंदी में. फूलगोभी की खेती से कमाएं खूब. सब्जी की खेती कैसे करें? फूलगोभी उत्पादन तकनीक एवं फसल सुरक्षा उपाय.
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- इंडियन गांव लड़कियों के नंबर की लिस्ट - Ganv ki ladkiyon ke whatsapp mobile number
- Ghar Jamai rishta contact number - घर जमाई लड़का चाहिए
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- अनाथ मुली विवाह संस्था फोन नंबर चाहिए - Anath aashram ka mobile number
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- करकै घायल तड़फती छोड़ी - हरयाणवी रागनी Karke ghal tadapti chhodi - ragni
- नई रिलीज होने वाली फिल्मों की जानकारी और ट्रेलर, new bollywood movie trailer 2018
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Rich female contact number free
- भारतीय हीरोइन के नाम की सूची - List of names of Bollywood actresses
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.