जई की आधुनिक खेती करने की जानकारी Jayi ki aadhunik kheti karne ki jankari
जई की आधुनिक खेती करने की जानकारी Jayi ki aadhunik kheti karne ki jankari जई की खेती कैसे करे Jayi ki Kheti Kaise Kare जई की वैज्ञानिक खेती करने का तरीका Jayi ki vaigyanik kheti karne ka tarika hindi me jankari. जई उत्पादन की उन्नत तकनीक. जई की खेती में करें वैज्ञानिक विधि का प्रयोग. जई की खेती महत्व व उपयोग हरे चारे. पशुओं का चारा ही नहीं पौष्टिक खाद्यान्न भी है जई. जई की फसल की उन्नत आर्गनिक जैविक खेती. जई की खेती किस प्रकार करें?

जई शरद ऋतू में उगाई जाती है जई की खेती के लिए दोमट या भारी दोमट भूमि उपयुक्त होती है भूमि में पानी का निकास होना चाहिए। जई एक पौष्टिक चारा हो जो कि सभी वर्गों के पशुओं को अधिक मात्रा में खिलाया जाता है। प्रोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है, इसलिए इसको बरसीम अथवा रिजका के साथ 1:1 अथवा 2:1 के अनुपात में खिलाना चाहिए।

जई शरद ऋतू में उगाई जाती है जई की खेती के लिए दोमट या भारी दोमट भूमि उपयुक्त होती है भूमि में पानी का निकास होना चाहिए। जई एक पौष्टिक चारा हो जो कि सभी वर्गों के पशुओं को अधिक मात्रा में खिलाया जाता है। प्रोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है, इसलिए इसको बरसीम अथवा रिजका के साथ 1:1 अथवा 2:1 के अनुपात में खिलाना चाहिए।
जई की प्रजातियां:- परीक्षणों के आधार पर चारे के लिए सबसे अच्छी प्रजाति कैन्ट (यू.पी.ओ.-94), यू.पी.ओ.-212, ओ.एस.-6, जे.एच.ओ.-822, जे.एच.ओ.-851 है।
बीज दर:- 100-120 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर।
बुआई का समय:- अक्टूबर के प्रथम पखवारे में नवम्बर तक बोया जाना चाहिए।
उर्वरक:- उर्वरक 80:40:30 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए 125 कि.ग्रा. एन.पी.के. 12:32:16 तथा 140 कि.ग्रा. यूरिया प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। यूरिया को प्रथम एवं द्वितीय कटाई के बाद डालें।
कटाई:- 50-55 दिन बाद पहली कटाई ले लेनी चाहिए, फिर माह के बाद कटाई लेना उपयुक्त है। पौधों की कटाई 8-10 से.मी. की ऊॅचाई पर से करें, जिससे पौधों की पुनः वृद्धि अच्छी हो। बीज की अच्छी उपज लेने के लिए फसल की पहली कटाई के बाद बीज के लिए छोड़ देना चाहिए।
उपज:- फसल की दो कटाई करने से 50 टन हरा चारा प्राप्त होता है। फसल बीज लेने के लिए पहली कटाई के बाद छोड़ी गई है तो लगभग 25 टन हरा चारा, 15-20 कुन्तल बीज और 20-25 कुन्तल भूसा प्रति हेक्टेयर प्राप्त होता है।
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