गुप्त अंग संक्रमण या खमीर संक्रमण से बहुत-सी महिलाएँ पीड़ित पाई जाती हैं। यह एक फंगस का ही प्रकार होता है जो कि काफी कम मात्रा में गुप्त अंग में होता है। यदि इसकी मात्रा में अत्यधिक वृद्धि हो जाए तो यह संक्रमण का कारण बन जाता है। गुप्त अंग में खुजली होना भी इसका एक सामान्य लक्षण है। गुप्त अंग में संक्रमण होने से मूत्र विसर्जन या सम्बन्ध बनाते समय दर्द और जलन होती है, इससे गुप्तांग में सूजन भी हो सकती है और पेशाब करते समय जलन भी हो सकती हैं।
माना जाता है कि संक्रमण किसी प्रकार की बीमारी नहीं है।
कारण:-
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Swasthya
माना जाता है कि संक्रमण किसी प्रकार की बीमारी नहीं है।
कारण:-
- जो औरत सम्बन्ध बनाने में अक्सर सक्रिय रहती हैं उसमे यह संक्रमण होने की सम्भावना ज्यादा रहती है परन्तु यह कोई जरुरी नहीं है कि जिसे भी संक्रमण हो जाएँ इसका सिर्फ यही कारण हो।
- कभी कभी एंटीबायोटिक्स लेना भी इसका कारण बन जाता है क्योंकि इनसे भी इन जीवाणुओं में वृद्धि होती है और संक्रमण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
- गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर भी इसका कारण बन सकता है।
- हॉर्मोन में बदलाव होने से भी यह संक्रमण हो सकता है।
- मधुमेह या एड्स के रोगी को भी यह संक्रमण हो सकता है।
- सादी और बिना मीठे वाली दही एक रुई के फाहे के साथ 2 घंटे तक गुप्त अंग के उपर रखें और खाने में भी सादी और बिना मीठे वाली दही का प्रयोग शुरू कर दें।
- दिन में 2 या 3 बार नारियल तेल को प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से भी संक्रमण से राहत मिलती है और 1 चम्मच नारियल तेल प्रतिदिन सेवन करना शुरू करें।
- 2 कप गर्म पानी में 3 बड़े चम्मच सेब के सिरके के मिलाकर प्रतिदिन गुप्त अंग को धोए। सेब के सिरके और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर रुई के फाहे से पीड़ित स्थान पर रखें। 1 कप गर्म पानी में, 2 बड़े चम्मच सेब के सिरके के मिलाकर प्रतिदिन सेवन करें।
- एलोवेरा को उपयोग करने से पहले अच्छे से धो लें। 2 बड़े चम्मच एलोवेरा जैल और 1 कप संतरे का रस या सिर्फ सादे पानी को मिलाकर दिन में एक बार पिएं। एलोवेरा पत्ती से जैल निकालें और दिन में कई बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।