Home
» Learn-More
» धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन की आज भी पूजा क्यों की जाती है? Duryodhan ko puja kyo ki jati hai?
धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन की आज भी पूजा क्यों की जाती है? Duryodhan ko puja kyo ki jati hai?
धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन की आज भी पूजा क्यों की जाती है? Duryodhan ko puja kyo ki jati hai? महाभारत काल से यहाँ स्थित है ये दुर्योधन का मंदिर होती है पूजा आरती, यहाँ दुर्योधन को पूजा जाता है.
सामान्यत: देवी-देवताओं, अच्छाइयों के प्रतीक महान व्यक्तियों, गुरु, माता-पिता की पूजा-अर्चना की जाती हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी बुराई के प्रतीक की पूजा की जाए तब यह बात अवश्य ही आश्चर्यजनक है। क्या आप जानते हैं बुराई के प्रतीक महाभारत काल के मुख्य खलनायक धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन की आज भी पूजा की जाती है।
यह बात सुनने में जरूर अजीब है लेकिन यह सच है कि आज भी कुछ स्थानों पर हिंदू धर्म के सभी देवी-देवताओं की पूजा से पहले दुर्योधन को पूजा जाता है। महाभारत काल, एक ऐसा समय था जब धर्म और अधर्म का महासंग्राम हुआ। इस महायुद्ध में असंख्य लोगों ने अपने प्राणों की आहूति दी।
दुर्योधन को कुरुक्षेत्र में हुए इस भीषण नरसंहार जिम्मेदार माना जाता है। दुर्योधन ने पूरे जीवन में कई ऐसे कृत्य किए जिन्हें अधर्म की श्रेणी में रखा जाता है। श्रीकृष्ण सहित सभी धर्म के ज्ञाता महात्माओं ने दुर्योधन को धर्म के पथ पर चलने की नीतियां समझाई लेकिन वह सभी असफल रहीं।
उस समय दुर्योधन धर्म के मार्ग पर चलने वाले सभी लोगों की घृणा का पात्र था। सभी उसके कृत्यों के कारण उसे आज भी बुराई का प्रतीक माना जाता है। इन्हीं कारणों से दुर्योधन को पूजनीय नहीं माना जाता लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी आस्था का केंद्र है दुर्योधन।
भारत के उत्तराखंड में स्थित है एक क्षेत्र, जहां दुर्योधन को पूजा जाता है। इस क्षेत्र को हर की दून के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड के गढ़वाल के टौन्स, यमुना, भागीरथी, बलंगाना एवं भीलंगान की ऊपरी घाटियों में दुर्योधन की पूजा की जाती है।
यहां के लोग दुर्योधन को भगवान मानते हैं। यहां मान्यता है कि दुर्योधन ही उनके जीवन की सभी परेशानियों को दूर करते हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। इस क्षेत्र में पांडवों का नाम तक लेना पाप समझा जाता है। इसके अतिरिक्त केरल के एक जिले कोल्लम में भी दुर्योधन के भक्त हैं। यहां भी सभी देवताओं की पूजा से पहले दुर्योधन की पूजा करते हैं। उसके बाद वहां श्रीगणेश आदि देवताओं को पूजा जाता है।
Thanks for reading...
Tags: धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन की आज भी पूजा क्यों की जाती है? Duryodhan ko puja kyo ki jati hai? महाभारत काल से यहाँ स्थित है ये दुर्योधन का मंदिर होती है पूजा आरती, यहाँ दुर्योधन को पूजा जाता है.
सामान्यत: देवी-देवताओं, अच्छाइयों के प्रतीक महान व्यक्तियों, गुरु, माता-पिता की पूजा-अर्चना की जाती हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी बुराई के प्रतीक की पूजा की जाए तब यह बात अवश्य ही आश्चर्यजनक है। क्या आप जानते हैं बुराई के प्रतीक महाभारत काल के मुख्य खलनायक धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन की आज भी पूजा की जाती है।

यह बात सुनने में जरूर अजीब है लेकिन यह सच है कि आज भी कुछ स्थानों पर हिंदू धर्म के सभी देवी-देवताओं की पूजा से पहले दुर्योधन को पूजा जाता है। महाभारत काल, एक ऐसा समय था जब धर्म और अधर्म का महासंग्राम हुआ। इस महायुद्ध में असंख्य लोगों ने अपने प्राणों की आहूति दी।
दुर्योधन को कुरुक्षेत्र में हुए इस भीषण नरसंहार जिम्मेदार माना जाता है। दुर्योधन ने पूरे जीवन में कई ऐसे कृत्य किए जिन्हें अधर्म की श्रेणी में रखा जाता है। श्रीकृष्ण सहित सभी धर्म के ज्ञाता महात्माओं ने दुर्योधन को धर्म के पथ पर चलने की नीतियां समझाई लेकिन वह सभी असफल रहीं।
उस समय दुर्योधन धर्म के मार्ग पर चलने वाले सभी लोगों की घृणा का पात्र था। सभी उसके कृत्यों के कारण उसे आज भी बुराई का प्रतीक माना जाता है। इन्हीं कारणों से दुर्योधन को पूजनीय नहीं माना जाता लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी आस्था का केंद्र है दुर्योधन।
भारत के उत्तराखंड में स्थित है एक क्षेत्र, जहां दुर्योधन को पूजा जाता है। इस क्षेत्र को हर की दून के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड के गढ़वाल के टौन्स, यमुना, भागीरथी, बलंगाना एवं भीलंगान की ऊपरी घाटियों में दुर्योधन की पूजा की जाती है।
यहां के लोग दुर्योधन को भगवान मानते हैं। यहां मान्यता है कि दुर्योधन ही उनके जीवन की सभी परेशानियों को दूर करते हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। इस क्षेत्र में पांडवों का नाम तक लेना पाप समझा जाता है। इसके अतिरिक्त केरल के एक जिले कोल्लम में भी दुर्योधन के भक्त हैं। यहां भी सभी देवताओं की पूजा से पहले दुर्योधन की पूजा करते हैं। उसके बाद वहां श्रीगणेश आदि देवताओं को पूजा जाता है।
Thanks for reading...
Tags: धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन की आज भी पूजा क्यों की जाती है? Duryodhan ko puja kyo ki jati hai? महाभारत काल से यहाँ स्थित है ये दुर्योधन का मंदिर होती है पूजा आरती, यहाँ दुर्योधन को पूजा जाता है.
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- इंडियन गांव लड़कियों के नंबर की लिस्ट - Ganv ki ladkiyon ke whatsapp mobile number
- रण्डी का मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर - Randi ka mobile whatsapp number
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- अनाथ मुली विवाह संस्था फोन नंबर चाहिए - Anath aashram ka mobile number
- भारतीय हीरोइन के नाम की सूची - List of names of Bollywood actresses
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Rich female contact number free
- Ghar Jamai rishta contact number - घर जमाई लड़का चाहिए
- सेक्सी वीडियो डाउनलोड कैसे करें - How to download sexy video
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.