यहां शूट होते हैं फिल्मों के ट्रेन सीक्वेंस, 1 दिन की फीस 4 लाख
भारतीय रेलवे की खास पहचान बन चुके रेवाड़ी स्टीम लोको शेड को बॉलीवुड अपनी फिल्मों में खासी जगह दे रहा है. यहां पर 12 ब्लैक ब्यूटी यानी भाप के इंजन हैं, जिनको हैरिटेज के तौर पर संभालकर रखा गया है.
रेलवे के उच्च अधिकारियों के मुताबिक रेवाड़ी में मौजूद भाप के इंजनों की सबसे ज्यादा डिमांड फिल्म शूटिंग के लिए होती है. यहां पर कई बड़ी फिल्में हाल फिलहाल में शूट की गई हैं. इनमें गदर, रंग दे बसंती, लव आज कल, गैंग ऑफ वासेपुर, भाग मिल्खा भाग, सुल्तान, करीब करीब सिंगल, वीर, पार्टीशन, गुरु, की एंड का और गांधी माई फादर है. फिल्मों में बढ़ती डिमांड को देखते हुए रेलवे रेवाड़ी लोको शेड को और ज्यादा आधुनिक बनाने में लगा है.
उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी कुलतार सिंह जो फिल्म शूटिंग पर मिशन का काम भी देखते हैं. उनका कहना है कि तमाम ऐसी फिल्में हैं जिनमें बीते जमाने को दर्शाना होता है, उनके लिए लगातार रेवाड़ी स्टीम सेट की मांग बढ़ती जा रही है. इससे रेलवे को अच्छी आय अर्जित होती है. सिंह के मुताबिक फिल्मों से बढ़ती मांग को देखते हुए उत्तर रेलवे ने शूटिंग परमिशन को आसान बना दिया है और ऐसी शूटिंग को उनका विभाग वरीयता देता है. पूरी कोशिश की जाती है कि फिल्म डायरेक्टर या फिल्म की टीम को तत्काल परमिशन दी जाए. उन्होंने बताया कि अगर किसी फिल्म की शूटिंग में एक इंजन और 4 बोगियों की डिमांड हो तो ऐसी डिमांड के लिए रेलवे 1 दिन के लिए 4,75,000 रुपए लेती है.
भारतीय रेलवे भाप के इंजनों को हैरिटेज के तौर पर सहेज रही है. इसी क्रम में भुसावल से एक और स्टीम इंजन कबाड़ से मंगाया गया और उसे रेवाड़ी स्टीम लोको शेड लाया गया. इस स्टीम इंजन का नाम सम्राट अशोक के नाम पर अशोक रखा गया है. यह स्टीम इंजन अगले चार-पांच महीने में ट्रैक पर नजर आएगा. इसके लिए रेवाड़ी स्टीम लोको शेड में मेकेनिकल इंजीनियर ने योजना बनानी शुरू कर दी है. नार्दन रेलवे के सीपीआरओ नितिन चौधरी के मुताबिक भाप के इंजन हमारी विरासत है.
इस समय भाप के इंजन का देशभर में एक ही ठिकाना है और वह ठिकाना है रेवाड़ी. रेवाड़ी स्टीम लोको शेड में इस समय 12 स्टीम इंजन हैं इन स्टीम इंजन में सबसे फेमस है फेयरी Queen समय. यह लोकोमोटिव चेन्नई रिपेयरिंग के लिए गया है. यह दुनिया का सबसे पुराना ब्रॉडगेज वाला भाप का इंजन है, जो अभी सेवा में है. इसका निर्माण 1855 में इंग्लैंड की एक कंपनी ने किया था. इसे वर्ष 1998 में दुनिया के सबसे पुराने वर्किंग स्टीम लोकोमोटिव के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया.
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