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कब बनी थी भारत की पहली बोलती फ़िल्म - Janiye filmo ne bolna kab shuru kiya
कब बनी थी भारत की पहली बोलती फ़िल्म - Janiye filmo ne bolna kab shuru kiya tha. भारत की पहली हिंदी फिल्म- आलमआरा. 14 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के लिए ख़ास क्यों है? भारत की पहली टॉकी फिल्म का क्या नाम है? आलमआरा फिल्म कब बनी थी और यह फिल्म खाश क्यों है?

क्या आप जानते है कि 14 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के लिए ख़ास क्यों है? यदि आप नहीं जानते है तो हम आपको आज ही इसके बारे में जानकारी देने जा रहें है. पूरी जानकारी लेने के लिए पोस्ट को पूरा पढ़ें और जानकारी अच्छी लगे तो दोस्तों को भी पढ़ने के लिए share करें.
आइये अब काम की बात पर आते है. 14 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के लिए ख़ास इसलिए है कि इस दिन हिंदुस्तानी सिनेमा की वो पहली फिल्म रिलीज हुई थी जिसमें आवाज़ भी शामिल की गई थी. इस दिन गूंगी फ़िल्मों ने बोलना सीखा था. इस दिन शनिवार का दिन था और तारीख़ 14 मार्च और वर्ष 1931 थी. इस दिन मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा हॉल में आर्देशिर ईरानी निर्देशित 'आलम आरा' फिल्म रिलीज़ हुई. यह फिल्म भारत की पहली बोलती फ़िल्म (टॉकी) थी.
इस फ़िल्म की शूटिंग करते समय काफी दिक़्क़तें भी सामने आई थी. जो निम्नलिखित है:
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Tags: कब बनी थी भारत की पहली बोलती फ़िल्म - Janiye filmo ne bolna kab shuru kiya tha. भारत की पहली हिंदी फिल्म- आलमआरा. 14 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के लिए ख़ास क्यों है? भारत की पहली टॉकी फिल्म का क्या नाम है? आलमआरा फिल्म कब बनी थी और यह फिल्म खाश क्यों है?

क्या आप जानते है कि 14 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के लिए ख़ास क्यों है? यदि आप नहीं जानते है तो हम आपको आज ही इसके बारे में जानकारी देने जा रहें है. पूरी जानकारी लेने के लिए पोस्ट को पूरा पढ़ें और जानकारी अच्छी लगे तो दोस्तों को भी पढ़ने के लिए share करें.
आइये अब काम की बात पर आते है. 14 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के लिए ख़ास इसलिए है कि इस दिन हिंदुस्तानी सिनेमा की वो पहली फिल्म रिलीज हुई थी जिसमें आवाज़ भी शामिल की गई थी. इस दिन गूंगी फ़िल्मों ने बोलना सीखा था. इस दिन शनिवार का दिन था और तारीख़ 14 मार्च और वर्ष 1931 थी. इस दिन मुंबई के मैजेस्टिक सिनेमा हॉल में आर्देशिर ईरानी निर्देशित 'आलम आरा' फिल्म रिलीज़ हुई. यह फिल्म भारत की पहली बोलती फ़िल्म (टॉकी) थी.
इस फ़िल्म की शूटिंग करते समय काफी दिक़्क़तें भी सामने आई थी. जो निम्नलिखित है:
- दिन में शौर ज्यादा रहता है इसलिए दिन में शूटिंग करने से आस-पास की आवाजें भी साथ में रिकॉर्ड हो जाती थीं.
- फ़िल्म के रोल निभाने वाले कलाकारों में से ज्यादातर कलाकार गूंगी फ़िल्मों के समय के थे इसलिए उन्हें टॉकी फ़िल्म में काम करने की प्रेक्टिस नहीं थी. इन कलाकारों को माइक पर बोलने में परेशानी होती थी इसलिए उन्हें ज़बान साफ़ करने के तरीक़े और बोलने की जानकारी देनी पड़ती थी.
- टैनोर सिंगल सिस्टम कैमरे से शूट करने में बड़ी दिक़्क़त होती. एक ही ट्रैक पर साउंड और पिक्चर रिकॉर्ड होती थी इसलिए कलाकारों को एक ही टेक में शॉट देना पड़ता था.
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Tags: कब बनी थी भारत की पहली बोलती फ़िल्म - Janiye filmo ne bolna kab shuru kiya tha. भारत की पहली हिंदी फिल्म- आलमआरा. 14 मार्च का दिन भारतीय सिनेमा के लिए ख़ास क्यों है? भारत की पहली टॉकी फिल्म का क्या नाम है? आलमआरा फिल्म कब बनी थी और यह फिल्म खाश क्यों है?
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