दोस्तों अपने देश में सभी धर्म के लोग रहते हैं और सभी लोग अपना अपना त्यौहार मनाते हैं। इसी तरह से मुसलमान भी अपने हर त्यौहार मनाते हैं और हर साल वह बकरा ईद भी मनाते हैं लेकिन इस बार बकरीद पर मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जिससे मुसलमानों को काफी परेशानी हो रही है।
यह तो आप सभी जानते हैं कि ईद-उल-जुहा के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे या किसी अन्य पशुओं की कुर्बानी देते हैं इस्लाम में इस दिन को बहुत ही अहमियत दी गई है। लेकिन मोदी सरकार ने बकरा ईद आने से पहले ही एक बड़ा और अहम फैसला ले लिया है जिससे मुसलमानों को काफी नुकसान हो रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश में सभी बंदरगाहों से पशुधन निर्यात पर सरकार ने अनिश्चितकालीन रोक लगा दी है और आपकी जानकारी के लिए यह भी बताते हैं कि मोदी सरकार ने यह फैसला जानवरों के हितों के लिए काम करने वाली संस्थाओं की मांग को देखते हुए लिया है।
मोदी सरकार के अचानक उठाए गए इस कदम से निर्यातकों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि बकरा ईद से पहले मिडिल ईस्ट के देशों में तकरीबन 2 लाख बकरियां और भेड़ें जानी थीं, लेकिन सरकार के इस कदम से अब ऐसा नहीं हो पाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में पशुओं के हितों के लिए काम करने वाली संस्था पीटीए सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर यह मांग की है कि बकरा ईद के अवसर पर होने वाले पशुओं की अवैध तरीके से कुर्बानी को रोका जाए और यह भी कहा है कि पशुओं का वध सिर्फ लाइसेंस वाले बूचड़खाने में ही होना चाहिए, जिसको देखते हुए मोदी सरकार ने यह कदम उठाया है और मोदी सरकार के इस कदम से यकीनन मुसलमानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और बकरा ईद पर और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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