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आज का यह पोस्ट हम आपके पशुओं का दूध बढ़ाने के उपाय बताने के लिए लिख रहें है। सबसे पहले हम जानकारी लेते है कि भारत में दूध उत्पादन कहाँ से होता है। दूध देने वाले पशुओं में गाय, भैंस व बकरी शामिल हैं। भैंस और गाय की अपेक्षा बकरी का दूध मात्रा में कम होता है।
आज का यह पोस्ट हम आपके पशुओं का दूध बढ़ाने के उपाय बताने के लिए लिख रहें है। सबसे पहले हम जानकारी लेते है कि भारत में दूध उत्पादन कहाँ से होता है। दूध देने वाले पशुओं में गाय, भैंस व बकरी शामिल हैं। भैंस और गाय की अपेक्षा बकरी का दूध मात्रा में कम होता है।
भैंस और विदेशी नस्ल की गायें ज्यादा मात्रा में दूध देती हैं। भारत में 32 तरह की गायें पाई जाती हैं। गायों की प्रजातियों को तीन रूप में जाना जाता है - ड्रोड ब्रीड, डेयरी ब्रीड व डय़ूअल परपज ब्रीड।
भारत में 60 प्रतिशत दूध भैंस से प्राप्त होता है। भारत में तीन तरह की भैंसें पाई जाती हैं, जिनमें मुरहा, मेहसना और सुरति प्रमुख हैं। मुरहा भैंस हरियाणा और पंजाब में पाई जाती है। मेहसना भैंस गुजरात तथा महाराष्ट्र में पाई जाती है। सुरति छोटी नस्ल की और खड़े सींगो वाली भैंस होती है जो गुजरात में पाई जाती है।
गाय व भैंस का दूध बढ़ाने के उपाय -
- गाय या भैंसों को एक निश्चित समय पर भोजन दिया जाना जरूरी है।
- रोजाना खली में मिला चारा दो वक्त दिया जाना चाहिए।
- बरसीम और ज्वार का चारा दिया जाना चाहिए।
- बिनौले का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- ध्यान रखें कि आहार बारीक, साफ-सुथरा हो, ताकि जानवर अपने आहार को चाव से खा सके।
- हर रोज प्रत्येक गाय या भैंस को 32 लीटर पानी अवश्य पिलाया जाए।
- मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी लगाएँ या किसी अन्य विधि का प्रयोग करें।
- गाय व भैंसों को अलग-अलग खूंटों पर बांधना चाहिए। तंग जगह में पशुओं को बीमारी होने का डर रहता है। बिमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर पशु-चिकित्सक से सलाह लेते रहें।
- शाम के समय पशु को चारा खाने व पानी पीने के बाद 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल 250 ग्राम गेहूँ के आटे में मिलाकर खिलाए। इसके बाद पानी ना पिलाएं और यह दवाई भी पानी के साथ नहीं देनी है। अन्यथा पशु को खाँसी हो सकती है । पशु को हरा चारा व बिनौला आदि जो खुराक देते है वह देते रहना चाहिए । 7-8 दिनों तक खिलाए फिर दवा बन्द कर दें।
- बाजार में दूध बढ़ाने के लिए कई प्रकार की दवाइयां भी मौजूद है लेकिन इनका उपयोग किसी अच्छे पशु चिकित्सक से जानकारी लेकर ही करना चाहिए।