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भगवान महावीर के अनमोल वचन पढ़ें Bhagwan Mahavir Ke Anmol Vachan Padhen
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प्रिय दोस्त यदि आप महावीर स्वामी के अनमोल वचन पढ़ने के लिए इन्टरनेट पर सर्च कर रहें है तो अब आपको और किसी वेबसाइट पर जाने की जरुरत नहीं है क्योंकि हमने आपकी इस सर्च को यहीं पर पूरा कर दिया है। अब आप इस ब्लॉग पर ही महावीर स्वामी के अनमोल विचार पढ़ सकते है।
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महावीर स्वामी अहिंसा के प्रतीक थे। उन्होंने 'जीयो और जीनो दो' के संदेश को अपनाया। आइये हम इनके विचार हमारे जीवन में उतार कर अपने जीवन को सुंदर बनाए।
भगवान महावीर के अनमोल विचार -
- सभी मेरे मित्र हैं. मेरा कोई शत्रु नहीं है.
- आत्मा आध्यात्मिक अनुशासन का केंद्रीय बिंदु है.
- किसी को उसकी आजीविका से वंचित मत करो. यह एक पापी प्रवृत्ति है.
- विधि और प्रणाली अनंत हैं.
- अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है.
- प्रत्येक आत्मा स्वतंत्र है. कोई किसी पर आश्रित नहीं होता है.
- भोजन आत्म-नियंत्रण के लिए सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न करता है; यह आलस को जन्म देता है.
- पर्यावरण का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत यह है कि सिर्फ आप ही इसके एकमात्र तत्व नहीं हो.
- चीजों की प्रकृति धर्म है.
- स्वयं पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है.
- शांति और आत्मनियंत्रण अहिंसा है..
- क्रोध और अधिक क्रोध को जन्म देता है, और क्षमा और प्रेम और अधिक क्षमा और प्रेम को जन्म देते हैं.
- जियो और दूसरों को भी जीने दो; किसी को दुःख मत दो, सभी प्राणियों का जीवन उनके लिए प्रिय ही होता है.
- लगाव और घृणा कर्म का मूल कारण हैं, और कर्म मोह से निकलती है. कर्म जन्म और मृत्यु का मूल कारण है, और इन्हें दुख का स्रोत कहा जाता है. कोई भी अपने अतीत के कर्म – प्रभाव से बच नहीं सकता.
- आत्मा से परे कोई भी आपका दुश्मन नहीं है. असली शत्रु तो आपके भीतर विद्यमान हैं. वे हैं – क्रोध, अहंकार, लोभ और घृणा.
- सभी जीवों के प्रति सम्मान अहिंसा है.
- ईश्वर का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है. हर कोई सही दिशा में सर्वश्रेष्ट प्रयास कर के देवत्त्व को प्राप्त कर सकता है.
- ईमानदारी से, एक व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और भाषाई स्पष्टवादिता और सामंजस्यपूर्ण प्रवृत्ति प्राप्त कर सकता है, यानी कथनी और करनी में अनुरूपता.
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