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गौमूत्र के स्वास्थ्य सम्बन्धी फायदे और उपयोग - Gaumutra ke fayde aur upyog
गौमूत्र के स्वास्थ्य सम्बन्धी फायदे और उपयोग - Gaumutra ke fayde aur upyog - गो अर्क के फायदे. गौमूत्र के फायदे. गौमूत्र की विशेषताए. गौमूत्र का उपयोग करने से पहले पढ़े. गौमूत्र के गुण. गौमूत्र के औषधीय लाभ. गौमूत्र से पाएं रोगों से छुटकारा. किसी अमृत से कम नहीं गौमूत्र दूर होते है बडे़ - बडे़ रोग. importance of cow urine. गौ-मूत्र के लाभों को विस्तार से जाने - Benefits of Gomutra. Gau Ark Benefits in hindi. गाय का पेशाब, गाय के पेशाब के फायदे. देसी गाय के गौमूत्र के औषधीय गुण. गौ मूत्र आपकी सेहत के लिए कितना लाभकारी. गोमूत्र से बीमारियों में होने वाले लाभ.
आयुर्वेद में गौमूत्र के प्रयोग से दवाइयां भी तैयार की जाती हैं। गौमूत्र का नाम सुनकर कई लोगों की नाक-भौं सिकुड़ जाती हैं, लेकिन वे ये नहीं जानते कि गौमूत्र के नियमित सेवन से बडे़-बडे़ रोग तक दूर हो जाते हैं।
आयुर्वेद में गौमूत्र के प्रयोग से दवाइयां भी तैयार की जाती हैं। गौमूत्र का नाम सुनकर कई लोगों की नाक-भौं सिकुड़ जाती हैं, लेकिन वे ये नहीं जानते कि गौमूत्र के नियमित सेवन से बडे़-बडे़ रोग तक दूर हो जाते हैं।

गाय के गोबर में लक्ष्मी और मूत्र में गंगा का वास होता है। गौमूत्र का रासायनिक विश्लेषण करने पर वैज्ञानिकों ने पाया, कि इसमें 24 ऐसे तत्व हैं जो शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र का नियमित सेवन करने से कई बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से थोड़े से गौमूत्र का भी सेवन करते हैं, उनकी रोगप्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। मौसम परिवर्तन के समय होने वाली कई बीमारियां दूर ही रहती हैं। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है।
गौमूत्र के कुछ गुण इस प्रकार हैं :-
- इसके पीने से शरीर में ताम्र की कमी हो जाती है।
- यह रक्त के सभी तरह के विकारों के साथ ही कफ, वात व पित्त संबंधी दोषों का नाश करता है, हृदय रोगों व विष प्रभाव को खत्म करने का काम करता है, यह बल-बुद्धि प्रदान करता है और आयु भी बढ़ाता है।
- यह पेट की बीमारियों के लिए भी बहुत उपयोगी है, इसे चिकित्सक के परामर्श अनुसार प्रति दिन पीने से यकृत यानि लिवर के बढ़ने की स्थिति में लाभ मिलता है। यह लिवर को सही कर खून को साफ करता है और रोग से लड़ने की क्षमता विकसित करता है।
- यदि हर रोज 20 मिली गौमूत्र का सुबह और शाम सेवन किया जाए तो भूख की कमी, अजीर्ण, हर्निया, मिर्गी, चक्कर आना, बवासीर, प्रमेह, मधुमेह, कब्ज, उदररोग, गैस, लू लगना, पीलिया, खुजली, मुखरोग, ब्लडप्रेशर, कुष्ठ रोग, जांडिस, भगन्दर, दन्तरोग, नेत्र रोग, धातु क्षीणता, जुकाम, बुखार, त्वचा रोग, घाव, सिरदर्द, दमा, स्त्रीरोग, स्तनरोग, छिहीरिया, अनिद्रा आदि रोगों से छुटकारा मिल सकता है।
- दूध देने वाली गाय का मूत्र दिमाग और हृदय को शक्ति प्रदान करता है। यह मानसिक कारणों से होने वाले आघात से हृदय की रक्षा करता है और इन अंगों को प्रभावित करने वाले रोगों से बचाता है।
- इसमें कैसर को रोकने वाली ‘करक्यूमिन‘ पायी जाती है यानी गौमूत्र में कैसर बीमारी को दूर करने की शक्ति समाहित है |
- इस में कार्बोलिक एसिड होता है जो कीटाणु नाशक है, यह किटाणु जनित रोगों का भी नाश करता है।
- जोड़ों के दर्द में दर्द वाले स्थान पर गौमूत्र से सेकाई करने से आराम मिलता है। सर्दियों के मौषम में इस परेशानी में सोंठ के साथ गौ मूत्र पीना फायदेमंद बताया गया है।
- गैस की शिकायत में प्रातःकाल आधे कप पानी में गौ मूत्र के साथ नमक और नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए।
- चर्म रोग में गौ मूत्र और पीसे हुए जीरे के लेप से लाभ मिलता है। खाज, खुजली में गौ मूत्र उपयोगी है।
- एक ग्लास ताजे पानी में चार बूंद गौ मूत्र के साथ दो चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर नियमित पीने से मोटापा कम होता है।
- यह वैसा रसायन है, जो वृद्धावस्था को रोकता है और शरीर को स्वस्थ्यकर बनाए रखता है।
- अमेरिका में हुए एक अनुसंधान से सिध्द हो गया है कि गौ के पेट में "विटामिन बी" सदा ही रहता है। यह सतोगुणी रस है व विचारों में सात्विकता लाता है।
- घर में गौमूत्र छिड़कने से लक्ष्मी कृपा मिलती है, जिस घर में प्रतिदिन गौमूत्र का छिड़काव किया जाता है, वहां देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है और सारे वास्तु दोषों का समाधान एक साथ हो जाता हैं।
- गौमूत्र में गंगा मईया वास करती हैं। गंगा को सभी पापों का हरण करने वाली माना गया है, अत: गौमूत्र पीने से पापों का नाश होता है।
नोट:- इसका उपयोग करने से पहले इन बातों को भी पढ़ लें.
- मांसाहारी व्यक्ति को गौमूत्र नहीं लेना चाहिए| गौमूत्र लेने के 15 दिन पहले से ही मांसाहार का त्याग कर देना चाहिए|
- पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को सीधे गौमूत्र नहीं लेना चाहिए, गौमूत्र को पानी में मिलाकर लेना चाहिए|
- पीलिया के रोगी को गौमूत्र नहीं लेना चाहिए|
- देर रात्रि में गौमूत्र नहीं लेना चाहिए|
- ग्रीष्म ऋतु में गौमूत्र कम मात्रा में लेना चाहिए|
- गौमूत्र केवल देशी गाय का ही सेवन करना सही रहता है।
- गाय गर्भवती या किसी रोग से ग्रस्त नहीं होनी चाहिए।
- एक वर्ष से बड़ी बछिया का गौ मूत्र बहुत लाभकारी होता है।
- गौमूत्र का सेवन छानकर किया जाना चाहिए।
- गौमूत्र लेने का श्रेष्ठ समय प्रातःकाल का होता है और इसे पेट साफ करने के बाद खाली पेट लेना चाहिए|
- गौमूत्र सेवन के 1 घंटे पश्चात ही भोजन करना चाहिए|
गौमूत्र की विशेषता -
- गौमूत्र चाहे जितने दिनों तक रखे, ख़राब नहीं होता है।
- गौमूत्र किसी भी प्राकृतिक औषधी के साथ मिलकर उसके गुण-धर्म को बीस गुणा बढ़ा देता है|
- गौमूत्र का कई खाद्य पदार्थों के साथ अच्छा संबंध है जैसे गौमूत्र के साथ गुड़, गौमूत्र शहद के साथ आदि|
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