जानिये कौन से भोजन को कौन से महीने में नहीं खाना चाहिए - Kis mahine me kya nahi khana chahiye - आप जानते है कि जीवन जीने के लिए खाना बहुत जरूरी है लेकिन क्या आप ये भी जानते है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए कुछ खाने की चीजों से परहेज रखना भी जरूरी है। योग शास्त्र में 12 महीनों के लिए कुछ ऐसी खाने की चीजे बताई गई हैं, जिन्हें अलग-अलग माह में नहीं खाना चाहिए।
हमारा खान-पान ही हमारे शरीर को पूरी तरह तंदुस्त रखता है। अच्छे भोजन से हमारी कार्यक्षमता सही बनी रहती है, जल्दी थकान नहीं होती और साथ ही कई छोटी-छोटी बीमारियां हमेशा ही हमसे दूर रहती है। साथ ही हमेशा निरोगी और स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन योग का अभ्यास करना चाहिए।
पुराने समय में एक कहावत कही गई है-
चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल।
सावन साग, भादो मही, क्वार करेला, कार्तिक दही।
अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिसरी, फागुन चना।
जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।
किस माह में क्या न खाएं या क्या न करें?
जनवरी - फरवरी: मिस्री ना खाएं।
फरवरी- मार्च: चना ना खाएं।
मार्च- अप्रैल: गुड़ ना खाएं।
अप्रैल - मई: खाने में तेल का प्रयोग ना करें।
मई - जून: इस माह में गर्मी का अत्यधिक प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घुमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जून - जुलाई: हरी सब्जियों को अच्छे साफ करके खाएं।
जुलाई - अगस्त: सत्तू, हरी सब्जियां अच्छे साफ की हुई होना चाहिए।
अगस्त - सितंबर: छाछ, दही का कम से कम सेवन करें।
सितंबर - अक्टूबर: करेला ना खाएं।
अक्टूबर - नवंबर: छाछ, दही ना खाएं।
नवंबर - दिसंबर: जीरा ना खाएं।
दिसंबर - जनवरी: धनिया ना खाएं।
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Swasthya
हमारा खान-पान ही हमारे शरीर को पूरी तरह तंदुस्त रखता है। अच्छे भोजन से हमारी कार्यक्षमता सही बनी रहती है, जल्दी थकान नहीं होती और साथ ही कई छोटी-छोटी बीमारियां हमेशा ही हमसे दूर रहती है। साथ ही हमेशा निरोगी और स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन योग का अभ्यास करना चाहिए।
पुराने समय में एक कहावत कही गई है-
चौते गुड़, वैशाखे तेल, जेठ के पंथ, अषाढ़े बेल।
सावन साग, भादो मही, क्वार करेला, कार्तिक दही।
अगहन जीरा, पूसै धना, माघै मिसरी, फागुन चना।
जो कोई इतने परिहरै, ता घर बैद पैर नहिं धरै।
किस माह में क्या न खाएं या क्या न करें?
जनवरी - फरवरी: मिस्री ना खाएं।
फरवरी- मार्च: चना ना खाएं।
मार्च- अप्रैल: गुड़ ना खाएं।
अप्रैल - मई: खाने में तेल का प्रयोग ना करें।
मई - जून: इस माह में गर्मी का अत्यधिक प्रकोप रहता है अत: ज्यादा घुमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जून - जुलाई: हरी सब्जियों को अच्छे साफ करके खाएं।
जुलाई - अगस्त: सत्तू, हरी सब्जियां अच्छे साफ की हुई होना चाहिए।
अगस्त - सितंबर: छाछ, दही का कम से कम सेवन करें।
सितंबर - अक्टूबर: करेला ना खाएं।
अक्टूबर - नवंबर: छाछ, दही ना खाएं।
नवंबर - दिसंबर: जीरा ना खाएं।
दिसंबर - जनवरी: धनिया ना खाएं।