आपने अकसर मंदिर जाने वाले लोगों को अपने माथे पर तिलक लगाते हुए देखा होगा। आपने ये भी देखा होगा की लोग तिलक के ऊपर अक्षत (चावल) भी लगाते है। लेकिन क्या कभी आपने इसके बारे में सोचा है कि लोग ऐसा क्यों करते हैं। आखिर क्यों लोग माथे पर तिलक के साथ अक्षत (चावल) लगाते है।
आइये आज हम आपको बताते हैं कि हिन्दू धर्म में पूजन पूजन के समय माथे पर अधिकतर लोग कुमकुम का तिलक लगाकर उस पर से चावल पीछे की तरफ क्यों फेंकते है।
कैसे लगाते है कुमकुम का तिलक?
तिलक लम्बा भी हो सकता है या छोटी सी बिंदी के रूप में भी हो सकता है लेकिन इसे दोनों भौहों के बीच में लगाया जाता है। इस प्रकार का तिलक लगाने से दिमाग में शांति एवं शीतलता बनी रहती है। कुमकुम का तिलक स्किन की बीमारियों से बचाता है।
जानिए तिलक के ऊपर चावल क्यों लगाते है?
चावल को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है इसलिए तिलक के ऊपर चावल लगाया जाता है। कुछ चावल के दाने सिर के ऊपर से फेंकने का भी एक कारण है, वो यह है कि शास्त्रों के अनुसार चावल को हविष्य यानी हवन में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला और शुद्ध अन्न माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कच्चा चावल सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला है।
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आइये आज हम आपको बताते हैं कि हिन्दू धर्म में पूजन पूजन के समय माथे पर अधिकतर लोग कुमकुम का तिलक लगाकर उस पर से चावल पीछे की तरफ क्यों फेंकते है।
कैसे लगाते है कुमकुम का तिलक?
तिलक लम्बा भी हो सकता है या छोटी सी बिंदी के रूप में भी हो सकता है लेकिन इसे दोनों भौहों के बीच में लगाया जाता है। इस प्रकार का तिलक लगाने से दिमाग में शांति एवं शीतलता बनी रहती है। कुमकुम का तिलक स्किन की बीमारियों से बचाता है।
जानिए तिलक के ऊपर चावल क्यों लगाते है?
चावल को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है इसलिए तिलक के ऊपर चावल लगाया जाता है। कुछ चावल के दाने सिर के ऊपर से फेंकने का भी एक कारण है, वो यह है कि शास्त्रों के अनुसार चावल को हविष्य यानी हवन में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला और शुद्ध अन्न माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कच्चा चावल सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला है।