दोस्तों, आप सब जानते है कि हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. इस बात पर खरे उतरे एक गाँव से आज हम आपको रूबरू कराने जा रहें है. यहाँ ना सिर्फ गाय को माता के समान समझा जाता है बल्कि यहाँ गाय को माँ से ज्यादा सम्मान और सुरक्षा भी दी जाती है. इस गांव में 90% से अधिक लोग किसान है और जिन किसानों के दरवाजे पर गाय
नहीं उन्हें काफी कमजोर समझा जाता है. इस गांव के लोगों के लिए दरवाजे पर
गाय रखना स्टेटस सिंबल भी बना हुआ है.
यह गांव बिहार और बंगाल की सीमा से सटा है, इस गाँव के लोग गौ-माता को अपनी जन्म देने वाली मां से भी ज्यादा सम्मान और सुरक्षा प्रदान करते है. इस गांव को मदनसाही नाम से जाना जाता है. यह गांव कटिहार जिले की पूर्वी सीमा पर प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र में अवस्थित है.
इस गांव के सभी गौ पालने वाले किसान गाय को अपनी मां से ज्यादा सम्मान देते हैं. उनकी देख-रेख करते हैं. सुरक्षा का ख्याल रखते हैं. इतना ही नहीं बुजुर्गों की भांति उनके दवा से लेकर स्नान आदि का भी ख्याल रखते हैं.
इस गांव में गाय के लिए रहने की व्यवस्था भी अलग होती है. उसके बैठने के लिए अलग जगह होती है. मच्छरों से बचाने के लिए ये लोग अपनी गाय के घर में मच्छर अगरबत्ती लगाते हैं. ये लोग गाय को खाना और पानी निश्चित समय पर देते है और प्रतिदिन गाय को स्नान भी करवाते हैं.
इस गांव में गाय को अपनी संस्कृति माना जाता है और यहां शादी के बाद बेटियों को गाय दान करने की प्रथा काफी पुरानी है. जब बेटी पहली बार अपने मायके से ससुराल जाती है तो गौ माता से आशीर्वाद लेकर ही जाती है.