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क्या आप जानते हैं कि एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए? Is din chaval kyo nahi khana chahiye?
क्या आप जानते हैं कि एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए? Is din chaval kyo nahi khana chahiye? एकादशी के दिन चावल ना खाने के कारण वजह, जान लीजिये कि एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित क्यों है? एकादशी में चावल क्यों नहीं खाते, why we don't eat rice on ekadashi in Hindi, ग्यारस के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए? क्यों चावल एकादशी पर नहीं खाया है?
शायद आपने यह पहले भी सुना होगा कि एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए, परन्तु शायद कभी आपने इसका कारण जानने की कोशिश ही नहीं की होगी, आइये आज हम इस बारे में जानकारी लेते है...
एकादशी को चावल नहीं खाना चाहिए क्योंकि हमारे ग्रंथों में जो धान जमीन को बिना जोते ही उत्पन्न होते हैं, वे ही व्रत और उपवास में ग्रहण के योग्य माने जाते है। यदि ऐसे पदार्थ न उपलब्ध हों तो फलों का आहार करना चाहिए। एकादशी को चावल खाना शास्त्रों के अनुसार निषिद्ध माना गया है। चावल की खेती शुरु से लेकर अन्त तक पानी में ही की जाती है।
चावल की बुआई से लेकर कटाई तक पानी में ही होती है। साथ ही खाना बनाते समय जब चावल को पकाया जाता है तब भी पानी का ही उपयोग किया जाता है। इसका वैज्ञानिक पहलु यह माना गया है कि चन्द्रमा जल राशि का ग्रह है। यह पानी को अपनी ओर आकर्षित करता है। अष्टमी तिथि से ही चन्द्र का जल से आकर्षण बढऩे लगता है। मतलब एकादशी की तिथि से यह पानी को खींचने का प्रयास करता है।
पूर्णिमा को इसकी आकर्षण क्षमता बहुत अधिक होती है। इसीलिए समुद्र में ज्वार भाटा आता है। चन्द्र को जल का कारक ग्रह माना गया है। ऐसी मान्यता है कि चावल के रूप में जो जल हमारे शरीर में जाता है उसे चन्द्र अपनी तरफ आकर्षित करता है।
इसके फलस्वरूप एकादशी के दिन चावल खाने से अपच, बदहजमी, और पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं होती हैं। साथ ही ऐसा भी माना जाता है चावल खाने से आलस्य की अधिकता होती है। इसलिए एकादशी को चावल नहीं खाना चाहिए।
Thanks for reading...
Tags: क्या आप जानते हैं कि एकादशी के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए? Is din chaval kyo nahi khana chahiye? एकादशी के दिन चावल ना खाने के कारण वजह, जान लीजिये कि एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित क्यों है? एकादशी में चावल क्यों नहीं खाते, why we don't eat rice on ekadashi in Hindi, ग्यारस के दिन चावल क्यों नहीं खाना चाहिए? क्यों चावल एकादशी पर नहीं खाया है?
शायद आपने यह पहले भी सुना होगा कि एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए, परन्तु शायद कभी आपने इसका कारण जानने की कोशिश ही नहीं की होगी, आइये आज हम इस बारे में जानकारी लेते है...
एकादशी को चावल नहीं खाना चाहिए क्योंकि हमारे ग्रंथों में जो धान जमीन को बिना जोते ही उत्पन्न होते हैं, वे ही व्रत और उपवास में ग्रहण के योग्य माने जाते है। यदि ऐसे पदार्थ न उपलब्ध हों तो फलों का आहार करना चाहिए। एकादशी को चावल खाना शास्त्रों के अनुसार निषिद्ध माना गया है। चावल की खेती शुरु से लेकर अन्त तक पानी में ही की जाती है।
चावल की बुआई से लेकर कटाई तक पानी में ही होती है। साथ ही खाना बनाते समय जब चावल को पकाया जाता है तब भी पानी का ही उपयोग किया जाता है। इसका वैज्ञानिक पहलु यह माना गया है कि चन्द्रमा जल राशि का ग्रह है। यह पानी को अपनी ओर आकर्षित करता है। अष्टमी तिथि से ही चन्द्र का जल से आकर्षण बढऩे लगता है। मतलब एकादशी की तिथि से यह पानी को खींचने का प्रयास करता है।
पूर्णिमा को इसकी आकर्षण क्षमता बहुत अधिक होती है। इसीलिए समुद्र में ज्वार भाटा आता है। चन्द्र को जल का कारक ग्रह माना गया है। ऐसी मान्यता है कि चावल के रूप में जो जल हमारे शरीर में जाता है उसे चन्द्र अपनी तरफ आकर्षित करता है।
इसके फलस्वरूप एकादशी के दिन चावल खाने से अपच, बदहजमी, और पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं होती हैं। साथ ही ऐसा भी माना जाता है चावल खाने से आलस्य की अधिकता होती है। इसलिए एकादशी को चावल नहीं खाना चाहिए।
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