Home
» Learn-More
» जो स्त्री प्रेम में पड़ जाती है वो सुन्दर क्यों हो जाती है? - Love me padne ke baad aurat sunder kyo ho jati hai?
जो स्त्री प्रेम में पड़ जाती है वो सुन्दर क्यों हो जाती है? - Love me padne ke baad aurat sunder kyo ho jati hai?
जो स्त्री प्रेम में पड़ जाती है वो सुन्दर क्यों हो जाती है? - Love me padne ke baad aurat sunder kyo ho jati hai? क्या आप मानते है कि प्रेम से रूप में निखार आता है? यदि आप नहीं जानते है तो आज के इस पोस्ट में पढ़ लीजिये.
आपने देखा होगा कि प्रेम में पड़ चुके लोगों का देखने का नजरीया बिलकुल बदल जाता है और जो लोग प्रेम में नहीं पड़े है वो उस तरह से बिलकुल नहीं देख पाते है।
एक साधारण स्त्री प्रेम में पड़ जाने के कारण अति सुन्दर हो जाती है और वहीं व्यक्ति कुरूप् भी हो सकता है, यदि हम धृणा से भरे है। इंद्रिया भरोसे के योग्य नहीं होती है वे तो केवल एक उपकरण मात्र है।
प्रत्यक्ष बोध क्या है?
प्रत्यक्ष बोध केवल तब हो सकता है, जब कोई भी मधस्थ नही होता है। इन्द्रीयाँ भी नहीं होती है। महर्षि पतंजली कहते है तब वह सम्यक ज्ञान (प्रत्यक्ष बोध) होता है। यही बुनियादी श्रोत है सम्यक ज्ञान का।
हम जब बिना किसी पर निर्भर हुए जो कुछ सीधे-सीधे जानते है वहीं प्रत्यक्ष बोध होता है। गहरे ध्यान में ही हम इन्द्रीयो का अतिक्रमण कर पाते है। तब प्रत्यक्ष बोध संभव हो पाता है।
जब बुद्ध अपने अंतरतम अस्तित्व को जानते है, वही अंतरतम सत्ता प्रत्यक्ष है। वही प्रत्यक्ष बोध है। उसमें इन्द्रिया भागीदार नहीं है। ज्ञाता और ज्ञात आमने-सामने हो जाते है।
पहला सम्यक ज्ञान आंतरिक सत्ता का होता हैं। हम सारे संसार को जान सकता है लेकिन बिना स्वयं को जाने सब असंगत है।
Thanks for reading...
Tags: जो स्त्री प्रेम में पड़ जाती है वो सुन्दर क्यों हो जाती है? - Love me padne ke baad aurat sunder kyo ho jati hai? क्या आप मानते है कि प्रेम से रूप में निखार आता है? यदि आप नहीं जानते है तो आज के इस पोस्ट में पढ़ लीजिये.
आपने देखा होगा कि प्रेम में पड़ चुके लोगों का देखने का नजरीया बिलकुल बदल जाता है और जो लोग प्रेम में नहीं पड़े है वो उस तरह से बिलकुल नहीं देख पाते है।

एक साधारण स्त्री प्रेम में पड़ जाने के कारण अति सुन्दर हो जाती है और वहीं व्यक्ति कुरूप् भी हो सकता है, यदि हम धृणा से भरे है। इंद्रिया भरोसे के योग्य नहीं होती है वे तो केवल एक उपकरण मात्र है।
प्रत्यक्ष बोध क्या है?
प्रत्यक्ष बोध केवल तब हो सकता है, जब कोई भी मधस्थ नही होता है। इन्द्रीयाँ भी नहीं होती है। महर्षि पतंजली कहते है तब वह सम्यक ज्ञान (प्रत्यक्ष बोध) होता है। यही बुनियादी श्रोत है सम्यक ज्ञान का।
हम जब बिना किसी पर निर्भर हुए जो कुछ सीधे-सीधे जानते है वहीं प्रत्यक्ष बोध होता है। गहरे ध्यान में ही हम इन्द्रीयो का अतिक्रमण कर पाते है। तब प्रत्यक्ष बोध संभव हो पाता है।
जब बुद्ध अपने अंतरतम अस्तित्व को जानते है, वही अंतरतम सत्ता प्रत्यक्ष है। वही प्रत्यक्ष बोध है। उसमें इन्द्रिया भागीदार नहीं है। ज्ञाता और ज्ञात आमने-सामने हो जाते है।
पहला सम्यक ज्ञान आंतरिक सत्ता का होता हैं। हम सारे संसार को जान सकता है लेकिन बिना स्वयं को जाने सब असंगत है।
Thanks for reading...
Tags: जो स्त्री प्रेम में पड़ जाती है वो सुन्दर क्यों हो जाती है? - Love me padne ke baad aurat sunder kyo ho jati hai? क्या आप मानते है कि प्रेम से रूप में निखार आता है? यदि आप नहीं जानते है तो आज के इस पोस्ट में पढ़ लीजिये.
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- इंडियन गांव लड़कियों के नंबर की लिस्ट - Ganv ki ladkiyon ke whatsapp mobile number
- Ghar Jamai rishta contact number - घर जमाई लड़का चाहिए
- रण्डी का मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर - Randi ka mobile whatsapp number
- नई रिलीज होने वाली फिल्मों की जानकारी और ट्रेलर, new bollywood movie trailer 2018
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Rich female contact number free
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- साथ रहणियां संग के साथी दया मेरे पै फेर दियो Sath rahniya sang ke sathi dya fer diyo
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- अनाथ मुली विवाह संस्था फोन नंबर चाहिए - Anath aashram ka mobile number
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.