Home
» Learn-More
» पूजा में कुमकुम का तिलक ही क्यों लगाया जाता है? Puja me kumkum ka tilak lagaane ka kya karan hai?
पूजा में कुमकुम का तिलक ही क्यों लगाया जाता है? Puja me kumkum ka tilak lagaane ka kya karan hai?
पूजा में कुमकुम का तिलक ही क्यों लगाया जाता है? Puja me kumkum ka tilak lagaane ka kya karan hai? पूजा में कुमकुम का ही तिलक लगाने का रिवाज क्यों है? पूजा में कुमकुम का तिलक लगाने का कारण.
पूजा के समय कुमकुम का ही तिलक लगाया जाता है, आइये आज हम जानकारी लेते है कि पूजा में कुमकुम का ही तिलक लगाने का क्या कारण है..
हमारे हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ से जुड़ी अनेक परंपराएं हैं जैसे पूजा के समय कलाई पर पूजा का धागा बांधना, फल चढ़ाना, तिलक लगाना आदि। बिना तिलक धारण किए कोई भी पूजा-प्रार्थना शुरू नहीं होती है।
मान्यताओं के अनुसार, सूने मस्तक को शुभ नहीं माना जाता।पूजन के समय माथे पर अधिकतर कुमकुम का तिलक लगाया जाता है। तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तिलक लगाने से दिमाग में शांति, तरावट एवं शीतलता बनी रहती है। मस्तिष्क में सेराटोनिन व बीटाएंडोरफिन नामक रसायनों का संतुलन होता है। मेघाशक्ति बढ़ती है तथा मानसिक थकावट विकार नहीं होता।
लेकिन पूजा में अधिकतर कुमकुम का तिलक ही लगाया जाता है। इसके पीछे कारण यह है कि कुमकुम हल्दी का चूर्ण होता है। जिसमें नींबु का रस मिलाने से लाल रंग का हो जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार कुमकुम त्वचा के शोधन के लिए सबसे बढिय़ा औषघी है। इसका तिलक लगाने से मस्तिष्क तन्तुओं में क्षीणता नहीं आता है। इसीलिए पूजा में कुमकुम का तिलक लगाया जाता है।
पूजा में कुमकुम का तिलक ही क्यों लगाया जाता है? Puja me kumkum ka tilak lagaane ka kya karan hai? पूजा में कुमकुम का ही तिलक लगाने का रिवाज क्यों है? पूजा में कुमकुम का तिलक लगाने का कारण.
पूजा के समय कुमकुम का ही तिलक लगाया जाता है, आइये आज हम जानकारी लेते है कि पूजा में कुमकुम का ही तिलक लगाने का क्या कारण है..

हमारे हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ से जुड़ी अनेक परंपराएं हैं जैसे पूजा के समय कलाई पर पूजा का धागा बांधना, फल चढ़ाना, तिलक लगाना आदि। बिना तिलक धारण किए कोई भी पूजा-प्रार्थना शुरू नहीं होती है।
मान्यताओं के अनुसार, सूने मस्तक को शुभ नहीं माना जाता।पूजन के समय माथे पर अधिकतर कुमकुम का तिलक लगाया जाता है। तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तिलक लगाने से दिमाग में शांति, तरावट एवं शीतलता बनी रहती है। मस्तिष्क में सेराटोनिन व बीटाएंडोरफिन नामक रसायनों का संतुलन होता है। मेघाशक्ति बढ़ती है तथा मानसिक थकावट विकार नहीं होता।
लेकिन पूजा में अधिकतर कुमकुम का तिलक ही लगाया जाता है। इसके पीछे कारण यह है कि कुमकुम हल्दी का चूर्ण होता है। जिसमें नींबु का रस मिलाने से लाल रंग का हो जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार कुमकुम त्वचा के शोधन के लिए सबसे बढिय़ा औषघी है। इसका तिलक लगाने से मस्तिष्क तन्तुओं में क्षीणता नहीं आता है। इसीलिए पूजा में कुमकुम का तिलक लगाया जाता है।
पूजा में कुमकुम का तिलक ही क्यों लगाया जाता है? Puja me kumkum ka tilak lagaane ka kya karan hai? पूजा में कुमकुम का ही तिलक लगाने का रिवाज क्यों है? पूजा में कुमकुम का तिलक लगाने का कारण.
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- इंडियन गांव लड़कियों के नंबर की लिस्ट - Ganv ki ladkiyon ke whatsapp mobile number
- रण्डी का मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर - Randi ka mobile whatsapp number
- सेक्सी वीडियो डाउनलोड कैसे करें - How to download sexy video
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- Ghar Jamai rishta contact number - घर जमाई लड़का चाहिए
- नई रिलीज होने वाली फिल्मों की जानकारी और ट्रेलर, new bollywood movie trailer 2018
- भारतीय हीरोइन के नाम की सूची - List of names of Bollywood actresses
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Rich female contact number free
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- भारतीय लड़कियों के मोबाइल नंबर - Indian girls whatsapp number contacts
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.