शादी के पहले गुण मिलान करना क्यों आवश्यक है? Shadi se pahle kundali kyo milai jaati hai? शादी में गुण मिलान, कुंडली मिलान विवाह हेतु, वर वधू के गुण मिलान, कुंडली क्यों मिलाते है और यह क्यों करना चाहिए? शादी से पहले ध्यान रखें ये बात, वर-वधू के गुण मिलान के साथ-साथ कुंडली में ग्रह मिलान, आयु विचार मिलान, नाड़ी दोष हो तो किसी कीमत पर मत करें विवाह, सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये, Gun Matching For Successful Marriage In Hindi. लड़का और लड़की दोनों की कुंडली में 36 में से 18 मिलने पर शादी को सफल माना जाता है.
आपने देखा होगा कि कुछ लोग शादी से पहले लड़का - लड़की की कुंडली मिलाकर देखते है, परन्तु कुछ लोग ऐसा नहीं भी करते है, आइये आज जानकारी लेते है कि कुंडली क्यों मिलाते है और यह क्यों करना चाहिए..
कहते है शादी वह बंधन है जिसके माध्यम से सिर्फ दो दिलों का मिलन नहीं होता है बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। इस रस्म के बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। इसलिए विवाह के संबंध में कई महत्वपूर्ण सावधानियां रखना जरूरी है। विवाह के बाद वर-वधू का जीवन सुखी और खुशियोंभरा हो यही कामना की जाती है।
वर-वधू का जीवन सुखी बना रहे इसके लिए विवाह पूर्व लड़के और लड़की की गुणों का मिलान कराया जाता है। किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा भावी दंपत्ति की कुंडलियों से दोनों के गुण और दोष मिलाए जाते हैं। गुण मिलान करते समय वर-वधु के छत्तीस गुण होते हैं। छत्तीस में से कम से कम अठारह गुणों का मिलना जरू री होता है। ये गुण क्रमश: वर्ण, वश्य, तारा, योनी, गृहमैत्री, गण, भृकुट, नाड़ी है।
इनमें से वर्ण से दोनों के बीच का अहम भाव, वश्य से दोनों के बीच का आकर्षण, तारा से स्वास्थ्य, योनी से संतुष्टि, गृह मैत्री से आध्यात्मिता व बौद्धिक स्तर, गण स्वभाव, भृकुट से पारिवारिक मेलजोल और नाड़ी स्वास्थ्य देखा जाता है। साथ ही दोनों की पत्रिका में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए इनका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा? यह भी सटिक अंदाजा लगाया जाता है। यदि दोनों की कुंडलियां के आधार इनका जीवन सुखी प्रतीत होता है तभी ज्योतिषी विवाह करने की बात कहता है।
ज्योतिषी मान्यता है यदि दोनों में से किसी की भी कुंडली में कोई दोष हो या गुण मिलान नहीं हो तो इस वजह से इनका जीवन सुख-शांति वाला नहीं रहेगा, ऐसा प्रतीत होता है तो ऐसा विवाह नहीं कराया जाना चाहिए।
गुण के सही अध्ययन से किसी भी व्यक्ति के सभी गुण-दोष जाने जा सकते हैं। कुंडली में स्थित ग्रहों के आधार पर ही हमारा व्यवहार, आचार-विचार आदि निर्मित होते हैं। उनके भविष्य से जुड़ी बातों की जानकारी प्राप्त की जाती है। कुंडली से ही पता लगाया जाता है कि वर-वधू दोनों भविष्य में एक-दूसरे की सफलता के लिए सहयोगी सिद्ध या नहीं।
Thanks for reading...
Tags: शादी के पहले गुण मिलान करना क्यों आवश्यक है? Shadi se pahle kundali kyo milai jaati hai? शादी में गुण मिलान, कुंडली मिलान विवाह हेतु, वर वधू के गुण मिलान, कुंडली क्यों मिलाते है और यह क्यों करना चाहिए? शादी से पहले ध्यान रखें ये बात, वर-वधू के गुण मिलान के साथ-साथ कुंडली में ग्रह मिलान, आयु विचार मिलान, नाड़ी दोष हो तो किसी कीमत पर मत करें विवाह, सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये, Gun Matching For Successful Marriage In Hindi. लड़का और लड़की दोनों की कुंडली में 36 में से 18 मिलने पर शादी को सफल माना जाता है.
ऐसे ही और भी पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करें:-
Learn-More
आपने देखा होगा कि कुछ लोग शादी से पहले लड़का - लड़की की कुंडली मिलाकर देखते है, परन्तु कुछ लोग ऐसा नहीं भी करते है, आइये आज जानकारी लेते है कि कुंडली क्यों मिलाते है और यह क्यों करना चाहिए..
कहते है शादी वह बंधन है जिसके माध्यम से सिर्फ दो दिलों का मिलन नहीं होता है बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। इस रस्म के बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। इसलिए विवाह के संबंध में कई महत्वपूर्ण सावधानियां रखना जरूरी है। विवाह के बाद वर-वधू का जीवन सुखी और खुशियोंभरा हो यही कामना की जाती है।
वर-वधू का जीवन सुखी बना रहे इसके लिए विवाह पूर्व लड़के और लड़की की गुणों का मिलान कराया जाता है। किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा भावी दंपत्ति की कुंडलियों से दोनों के गुण और दोष मिलाए जाते हैं। गुण मिलान करते समय वर-वधु के छत्तीस गुण होते हैं। छत्तीस में से कम से कम अठारह गुणों का मिलना जरू री होता है। ये गुण क्रमश: वर्ण, वश्य, तारा, योनी, गृहमैत्री, गण, भृकुट, नाड़ी है।
इनमें से वर्ण से दोनों के बीच का अहम भाव, वश्य से दोनों के बीच का आकर्षण, तारा से स्वास्थ्य, योनी से संतुष्टि, गृह मैत्री से आध्यात्मिता व बौद्धिक स्तर, गण स्वभाव, भृकुट से पारिवारिक मेलजोल और नाड़ी स्वास्थ्य देखा जाता है। साथ ही दोनों की पत्रिका में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए इनका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा? यह भी सटिक अंदाजा लगाया जाता है। यदि दोनों की कुंडलियां के आधार इनका जीवन सुखी प्रतीत होता है तभी ज्योतिषी विवाह करने की बात कहता है।
ज्योतिषी मान्यता है यदि दोनों में से किसी की भी कुंडली में कोई दोष हो या गुण मिलान नहीं हो तो इस वजह से इनका जीवन सुख-शांति वाला नहीं रहेगा, ऐसा प्रतीत होता है तो ऐसा विवाह नहीं कराया जाना चाहिए।
गुण के सही अध्ययन से किसी भी व्यक्ति के सभी गुण-दोष जाने जा सकते हैं। कुंडली में स्थित ग्रहों के आधार पर ही हमारा व्यवहार, आचार-विचार आदि निर्मित होते हैं। उनके भविष्य से जुड़ी बातों की जानकारी प्राप्त की जाती है। कुंडली से ही पता लगाया जाता है कि वर-वधू दोनों भविष्य में एक-दूसरे की सफलता के लिए सहयोगी सिद्ध या नहीं।
Thanks for reading...
Tags: शादी के पहले गुण मिलान करना क्यों आवश्यक है? Shadi se pahle kundali kyo milai jaati hai? शादी में गुण मिलान, कुंडली मिलान विवाह हेतु, वर वधू के गुण मिलान, कुंडली क्यों मिलाते है और यह क्यों करना चाहिए? शादी से पहले ध्यान रखें ये बात, वर-वधू के गुण मिलान के साथ-साथ कुंडली में ग्रह मिलान, आयु विचार मिलान, नाड़ी दोष हो तो किसी कीमत पर मत करें विवाह, सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये, Gun Matching For Successful Marriage In Hindi. लड़का और लड़की दोनों की कुंडली में 36 में से 18 मिलने पर शादी को सफल माना जाता है.