सुबह जल्दी उठने के लिए क्यों कहा जाता है? Subah uthne se kya fayde hote hai? ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा क्यों? सुबह जल्दी उठने के क्या लाभ है? क्यों सुबह जल्दी उठने की कोशिश नहीं करनी चाहिए? ये है सुबह उठने का सही समय, शादी करना चाहते हैं तो सुबह उठना होगा जल्दी.
आपने अक्सर बड़े बूढों को यह कहते हुए सुना होगा कि रात में जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना चाहिए, परन्तु क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों कहा जाता है, आइये आज यहाँ से जानकारी लें...
हिंदू धर्म में अनेक परंपराएं प्रचलित हैं। इन परंपराओं के पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है। हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा काफी पुरानी है। इसका कारण इस प्रकार है-
रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व बताने के पीछे हमारे विद्वानों की वैज्ञानिक सोच निहित थी। वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि ब्रह्म मुहूर्त में वायु मंडल प्रदूषण रहित होता है। इसी समय वायु मंडल में ऑक्सीजन (प्राण वायु) की मात्रा सबसे अधिक(41 प्रतिशत) होती है, जो फेफड़ों की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है। शुद्ध वायु मिलने से मन, मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है।
आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। यही कारण है कि इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य (अमृत के समान) कहा गया है।
इसके अलावा यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। प्रमुख मंदिरों के पट भी ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए जाते हैं तथा भगवान का श्रृंगार व पूजन भी ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने का विधान है।
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हिंदू धर्म में अनेक परंपराएं प्रचलित हैं। इन परंपराओं के पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है। हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा काफी पुरानी है। इसका कारण इस प्रकार है-
रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व बताने के पीछे हमारे विद्वानों की वैज्ञानिक सोच निहित थी। वैज्ञानिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि ब्रह्म मुहूर्त में वायु मंडल प्रदूषण रहित होता है। इसी समय वायु मंडल में ऑक्सीजन (प्राण वायु) की मात्रा सबसे अधिक(41 प्रतिशत) होती है, जो फेफड़ों की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण होती है। शुद्ध वायु मिलने से मन, मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है।
आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। यही कारण है कि इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य (अमृत के समान) कहा गया है।
इसके अलावा यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। प्रमुख मंदिरों के पट भी ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए जाते हैं तथा भगवान का श्रृंगार व पूजन भी ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने का विधान है।
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