प्रथा या अभिशाप, लड़कियों के लिए किसी नरक से कम नहीं है ये पांच प्रथाएं These five practices are not less than hell, ये प्रथाएँ ऐसी है जिनमें महिला को उठाना पड़ता है बहुत कष्ट, रीति रिवाज महिलाओं के लिए किसी अत्याचार से कम नहीं हैं.
सुनकर थोड़ा अजीब लगा मगर कई परिवार ऐसे मिल जाएंगे जहां पर शादी के बाद लड़की के काम करने को ठीक नहीं समझा जाता है और तो और शादी से पहले ऐसी किसी बात पर लड़की से चर्चा करना भी ठीक नहीं समझा जाता है।

अधिकांश लोग सोचते हैं कि शादी के बाद लड़की को चूल्हा और रसोई ही तो संभालना है। बस यही सोच सब जगह है। ऐसी ही कई प्रथाएं और रिवाज आज भी हैं जो महिलाओं के लिए किसी अत्याचार से कम नहीं हैं। आप खुद जान लीजिए.....
सोमालिया और इजिप्ट के कुछ पिछड़े समुदायों में बहुत ही अजीब कारण से क्लिटोरल को विकृत कर दिया जाता है। यह किशोरियों की वर्जिनिटी की रक्षा के लिए बिना ड्रग्स दिए गंदे तरीके से वेजाइना को सील कर दिया जाता है।
कैमरून, नाइजीरिया और साउथ अफ्रीका के कुछ समुदायों में माना जाता है कि महिलाओं के ब्रेस्ट्स को जलाने से वो वृद्धि नहीं करेंगे और इससे दुष्कर्म जैसी घटनाएं कम होंगी। किशोरियों के पेरेंट्स ही उनके साथ यह घिनौनी हरकत करते हैं। पत्थर, हथोड़े या चिमटे को कोयले में तपाकर बच्चियों के ब्रेस्ट्स पर लगाया जाता है, ताकि हमेशा के लिए उनके सेल्स नष्ट हो जाए।
ब्राजील के इलाके में महिलाओं को नग्न अवस्था में सड़कों पर लाया जाता है। उन्हें वहां तब तक पीटा जाता है, जब तक वो मर नहीं जाए या फिर बेहोश नहीं हो जाए। इस क्रूर प्रथा को शादी के लिए टेस्ट माना जाता है। यदि युवती इतनी यातना झेलने एक बाद भी जागी रहती है तो उसे शादी के काबिल माना जाता है।
हमने महाभारत में तो पांडव और द्रोपदी की कहानी सुनी ही है। मगर आज के समय में भी हिमालय के कई क्षेत्रों में यह प्रथा चली आ रही है। यहाँ खेती और अन्य कामों के लिए कम जमीन उपलब्ध होती है। अगर एक से ज्यादा बेटे हो तो जमीन का बंटवारा भी अधिक करना पड़ता है। ऐसे मामलों में सभी बेटों के लिए एक ही पत्नी लाई जाती है।
ब्राज़ील और पैराग्वे के कुछ समुदायों में महिलाओं के पूरे शरीर पर टैटू बनाए जाते हैं, ताकि वो पुरुषों को अट्रैक्ट कर सकें। यहाँ महिलाओं को पेट, ब्रेस्ट्स और बैक पर टैटू बनवाना अनिवार्य होता है।
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सुनकर थोड़ा अजीब लगा मगर कई परिवार ऐसे मिल जाएंगे जहां पर शादी के बाद लड़की के काम करने को ठीक नहीं समझा जाता है और तो और शादी से पहले ऐसी किसी बात पर लड़की से चर्चा करना भी ठीक नहीं समझा जाता है।

अधिकांश लोग सोचते हैं कि शादी के बाद लड़की को चूल्हा और रसोई ही तो संभालना है। बस यही सोच सब जगह है। ऐसी ही कई प्रथाएं और रिवाज आज भी हैं जो महिलाओं के लिए किसी अत्याचार से कम नहीं हैं। आप खुद जान लीजिए.....
सोमालिया और इजिप्ट के कुछ पिछड़े समुदायों में बहुत ही अजीब कारण से क्लिटोरल को विकृत कर दिया जाता है। यह किशोरियों की वर्जिनिटी की रक्षा के लिए बिना ड्रग्स दिए गंदे तरीके से वेजाइना को सील कर दिया जाता है।
कैमरून, नाइजीरिया और साउथ अफ्रीका के कुछ समुदायों में माना जाता है कि महिलाओं के ब्रेस्ट्स को जलाने से वो वृद्धि नहीं करेंगे और इससे दुष्कर्म जैसी घटनाएं कम होंगी। किशोरियों के पेरेंट्स ही उनके साथ यह घिनौनी हरकत करते हैं। पत्थर, हथोड़े या चिमटे को कोयले में तपाकर बच्चियों के ब्रेस्ट्स पर लगाया जाता है, ताकि हमेशा के लिए उनके सेल्स नष्ट हो जाए।
ब्राजील के इलाके में महिलाओं को नग्न अवस्था में सड़कों पर लाया जाता है। उन्हें वहां तब तक पीटा जाता है, जब तक वो मर नहीं जाए या फिर बेहोश नहीं हो जाए। इस क्रूर प्रथा को शादी के लिए टेस्ट माना जाता है। यदि युवती इतनी यातना झेलने एक बाद भी जागी रहती है तो उसे शादी के काबिल माना जाता है।
हमने महाभारत में तो पांडव और द्रोपदी की कहानी सुनी ही है। मगर आज के समय में भी हिमालय के कई क्षेत्रों में यह प्रथा चली आ रही है। यहाँ खेती और अन्य कामों के लिए कम जमीन उपलब्ध होती है। अगर एक से ज्यादा बेटे हो तो जमीन का बंटवारा भी अधिक करना पड़ता है। ऐसे मामलों में सभी बेटों के लिए एक ही पत्नी लाई जाती है।
ब्राज़ील और पैराग्वे के कुछ समुदायों में महिलाओं के पूरे शरीर पर टैटू बनाए जाते हैं, ताकि वो पुरुषों को अट्रैक्ट कर सकें। यहाँ महिलाओं को पेट, ब्रेस्ट्स और बैक पर टैटू बनवाना अनिवार्य होता है।
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