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गोमूत्र के फायदे और नुकसान - गौ मूत्र के चमत्कारी गुण - गोमूत्र के लाभ और फायदे इन हिंदी
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यदि गौमूत्र का नाम सुनकर आपकी नाक-भौं सिकुड़ जाती हैं तो इसका मतलब यह है कि आप इसके फायदे नहीं जानते है. हम आपको बता दें कि गौमूत्र का नियमित रूप से सेवन करने पर बड़े बड़े रोग दूर हो जाते हैं.
गाय के मूत्र का स्वाद गरम, कसैला और कड़क होता है. यह विष नाशक, जीवाणु नाशक, शक्ती से भरा और जल्द ही पचने वाला होता है. इसमें नाइट्रोजन, कॉपर, फॉस्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम, यूरिक एसिड, क्लोराइड और सोडियम पाया जाता है.
हिंदू धर्म के अनुसार गाय को माता माना जाता है. गाय का गोबर और मूत्र पवित्र होते है, इसीलिए आयुर्वेद में गौमूत्र मिलाकर दवाइयां बनाई जाती हैं.
भारत में पाई जाने वाली देशी नस्ल की गाय का गौमूत्र लगभग 108 रोगों को ठीक कर सकता है. यह गौमूत्र दर्दनिवारक, पेट के रोगों, चर्म रोगों, श्वास रोगों,आंत्रशोथ, पीलिया, मुख रोगों, नेत्र रोगों, अतिसार, मूत्राघात, कृमिरोगों, दिल की बीमारी, मधुमेह, कैंसर, टीबी, मिर्गी, एड्स और माइग्रेन आदि के उपचार के लिये प्रयोग में लाया जा सकता है.
देशी गाय के दूध, दही, मठ्ठा आदि के सेवन के साथ साथ इसका गौमूत्र सेवन कीजिए और अनेको लाभ लीजिए. गौमूत्र को कांच या मिट्टी के बर्तन में लेना चाहिए और साफ सूती कपड़े की आठ तहों से छानकर चौथाई कप खाली पेट पी लेना चाहिए.
इस प्रकार यह होता है और भी ज्यादा लाभदायक:-
यदि गौमूत्र का नाम सुनकर आपकी नाक-भौं सिकुड़ जाती हैं तो इसका मतलब यह है कि आप इसके फायदे नहीं जानते है. हम आपको बता दें कि गौमूत्र का नियमित रूप से सेवन करने पर बड़े बड़े रोग दूर हो जाते हैं.
गाय के मूत्र का स्वाद गरम, कसैला और कड़क होता है. यह विष नाशक, जीवाणु नाशक, शक्ती से भरा और जल्द ही पचने वाला होता है. इसमें नाइट्रोजन, कॉपर, फॉस्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम, यूरिक एसिड, क्लोराइड और सोडियम पाया जाता है.
हिंदू धर्म के अनुसार गाय को माता माना जाता है. गाय का गोबर और मूत्र पवित्र होते है, इसीलिए आयुर्वेद में गौमूत्र मिलाकर दवाइयां बनाई जाती हैं.
भारत में पाई जाने वाली देशी नस्ल की गाय का गौमूत्र लगभग 108 रोगों को ठीक कर सकता है. यह गौमूत्र दर्दनिवारक, पेट के रोगों, चर्म रोगों, श्वास रोगों,आंत्रशोथ, पीलिया, मुख रोगों, नेत्र रोगों, अतिसार, मूत्राघात, कृमिरोगों, दिल की बीमारी, मधुमेह, कैंसर, टीबी, मिर्गी, एड्स और माइग्रेन आदि के उपचार के लिये प्रयोग में लाया जा सकता है.
देशी गाय के दूध, दही, मठ्ठा आदि के सेवन के साथ साथ इसका गौमूत्र सेवन कीजिए और अनेको लाभ लीजिए. गौमूत्र को कांच या मिट्टी के बर्तन में लेना चाहिए और साफ सूती कपड़े की आठ तहों से छानकर चौथाई कप खाली पेट पी लेना चाहिए.
इस प्रकार यह होता है और भी ज्यादा लाभदायक:-
- गौमूत्र, त्रिफला तथा गाय का दूध एक साथ मिक्स कर के लेने से शरीर में एनीमिया की कमी दूर हो जाती है और खून भी साफ होता है.
- इससे शरीर में घुसे कई प्रकार के कीटाणु का खत्म हो जाते है.
- आयुर्वेद अनुसार शरीर में तीनों दोषों की गड़बड़ी की वजह से बीमारियां फैलती हैं, लेकिन गौमूत्र पीने से बीमारियां दूर हो जाती हैं.
- गौमूत्र पीने से जिगर मजबूती से काम करता है जिससे रक्त अच्छा और शुद्ध बनता है. जिससे शरीर में शुद्ध रक्त पहुंचता है और बीमारियां दूर होती हैं।
- दिमागी टेंशन की वजह से नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन गौमूत्र पीने से दिमाग और दिल दोनों को ही ताकत मिलती है और उन्हें किसी भी किस्म की कोई बीमारी नहीं होती.
- गौमूत्र में गंगा जी का वास होता हैं, इसे पीने से पिछले जन्म में किये गए पापों का नाश होता है और बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं.
- दर्द वाली जगह पर गौमूत्र से सेकाई करने से आराम मिलता है. सर्दियों में गौमूत्र को सोंठ के साथ पीना लाभदायक होता है.
- सुबह आधे कप पानी में गौमूत्र के साथ नमक और नींबू का रस मिला कर पिने से गैस बनने से राहत मिलती है.
- एक गिलास पानी, चार बूंद गौमूत्र, दो चम्मच शहद और 1 चम्मच नींबू का रस मिला कर रोजाना पीने से मोटापा कम होता है.
- गौमूत्र का नियमित सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कोई भी बीमारी जल्दी से नहीं लग पाती है.
- गौमुत्र को कीटनाशक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है. देसी गाय के मूत्र को पानी में मिलाकर प्रयोग करें.
- गोमूत्र को हमेशा निश्चित तापमान पर रखें.
- गर्मियों में इसकी मात्रा कम लेनी चाहिए, वैद की सलाह जरुर लें.
- 8 वर्ष से कम बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को गौमूत्र अर्क वैद्य की सलाह के अनुसार ही दें.
- गौमूत्र हमेशा मिट्टी, कांच या स्टील के बर्तन में ही रखें.
- बूढ़ी, बीमार और गाभिन (गर्भवती) गाय का मूत्र दवा के रूप में प्रयोग करने से मना किया जाता है.
- जो लोग बहुत दुबले और कमजोर और थकान से पीड़ित रहते हैं उनको इसके उपयोग से बचना चाहिए.
- जो पुरुष बांझपन और नींद की कमी से पीड़ित है, वो भी गौमूत्र का सेवन ना करें.
- इसका प्रयोग करने से पहले किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरुर लें.
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