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दान और पुण्य गुप्त क्यों रखना चाहिए - Gupt daan ka mahatva aur iske fayde
दान और पुण्य गुप्त क्यों रखना चाहिए - Gupt daan ka mahatva aur iske fayde , दान हमेशा गुप्त होना चाहिए , गुप्तदान करता है मुसीबतों से रक्षा , दान को गुप्त क्यों रखना चाहिए? क्या दान से विकर्म विनाश होते हैं? गुप्त दान करने से खुल जाएगी आपकी किस्मत.

प्रिय मित्र, आप आचार्य चाणक्य को भली प्रकार से जानते ही होंगें. ये एक महान व्यक्ति थे और इनके द्वारा लिखी गई चाणक्य निति पुस्तक में बहुत-सी ऐसी बातें लिखी गई है जिनका अनुशरण करने से इन्सान का जीवन सवर सकता है. उसी में से एक निति पर हम आज के इस लेख में चर्चा करने वाले है. आप हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें और इस बारे में जानकारी लें.
आचार्य चाणक्य जी के अनुसार व्यक्ति को खुद के द्वारा किए गए दान और पुण्य के कार्यों का किसी से जिक्र नहीं करना चाहिए. इन कार्यों को गुप्त रखना चाहिए क्योंकि इन्हें गुप्त रखने से ही आपको इनका अच्छा और भरपूर फल मिलता है. किसी से इनके बारे में सांझा करने से इनका उचित फल हमें मिल नही पाता है. इसलिए आपके द्वारा किया गया दान और पुण्य कार्य हमेशा गुप्त ही रहना चाहिए, इसे लोगों में बताने से यह भी निष्फल हो सकता है. मतलब है की इन्सान को हमेशा गुप्त दान ही करना चाहिए. अब आप जानना चाहते होंगें कि गुप्तदान क्या है? जब कोई व्यक्ति बिना किसी को बताए कुछ दान करता हैं या कह लीजिए कि किसी को कुछ चीज दान देता हैं तो उस दान को गुप्तदान कहा जाता है.
मान्यता है कि दान देने का कार्य ऐसा होना चाहिए कि यदि आप बाएँ हाथ से दान करें तो इसका बाएँ हाथ को भी पता ना लगे. हिंदू धर्म में दान करना पुण्य का काम माना गया है. दान कई तरह के हो सकते हैं, जैसे पानी का दान, खाने की चीजों का दान, वस्त्रों का दान, गऊ का दान, रुपयों का दान आदि. यह दान मानव मात्र की भलाई के लिए किए जाते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति दान गुप्त करता है तो दान का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है.
गुप्त दान का क्या है महत्व, इन चीजों के दान से जाग उठेगी सोई किस्मत हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व होता है। दान देने का अर्थ है उस वस्तु पर से अपना अधिकार समाप्त करना। मान्यता है कि दान देने के बाद दान की गई वस्तु के बारे में किसी को भी नहीं बताना चाहिए वरना इसका पुण्य फल समाप्त हो जाता है।
किस दान का है सबसे ज्यादा महत्व- प्यास इंसान को सबसे ज्यादा विचलित कर देती है. किसी प्यासे व्यक्ति को पानी मिल जाए तो वो दिल से दुआ करता है, इसलिए जल का दान ही सबसे बड़े पुण्य का काम माना जाता है. पानी का दान करते हुए कोई दिखावा ना करें, बल्कि इसे गुप्तदान के रूप में दें. गर्मी के दिनों में राहगीरों के लिए किसी छायादार जगह या किसी गहरी छाया वाले पेड़ के नीचे पानी घड़ा रख कर या फिर प्याऊ बनवा कर आप गुप्त दान कर सकते हैं. शास्त्रों में गुड़ दान को भी बहुत ही अच्छा और शुभ माना गया है. इससे कुंडली में मौजूद सूर्य की स्थिति मजबूत हो जाती है. सूर्य देव की कृपा होने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि हो जाती है और हर काम में सफलता मिलती है. आप गुप्त दान में फलों को भी शामिल कर सकते हैं. साबुत मौसमी फलों का दान गरीब और जरूरतमंदों को किया जा सकता है. फल दान करने से निसंतान दंपत्ति को संतान प्राप्ति होती है. दही का गुप्त दान करने से कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होने से समस्याएं हल हो जाती हैं.
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