Home
» Farming
» बेबीकोर्न मक्का की खेती करने का आधुनिक तरीका Babycorn ki kheti karne ka aadhunik tarika
बेबीकोर्न मक्का की खेती करने का आधुनिक तरीका Babycorn ki kheti karne ka aadhunik tarika
बेबीकोर्न मक्का की खेती करने का आधुनिक तरीका Babycorn ki kheti karne ka aadhunik tarika शिशु मक्का (कुकड़ी) की खेती कैसे करें Makka ki kheti karne ka tarika बेबीकोर्न की उन्नत खेती कैसे करें Makka (Baby Corn) Ki Kheti Kaise Kare बेबीकोर्न की वैज्ञानिक खेती करने का तरीका Babycorn ki vaigyanik kheti karne ka tarika hindi me jankari. खेती मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा. अधिकतम उपज के लिए ध्यान रखने योग्य बातें. बेहतर फसल के लिए टिप्स सुझाव और उपाय. कम खर्च में ज्यादा पैदावार कैसे ले. अच्छी फसल तैयार करने के लिए अपनाए ये तरीके.

बेबीकोर्न एक मक्का या भुट्टा का ही स्वरूप है। बेबीकोर्न का अर्थ है शिशु-मक्का, जिसमें पौधे के मध्यम भाग पर गुल्ली या पिंदया निकल आती है जो रेशम जैसी कोमल कोंपल के साथ वृद्धि कर उग आती है। यह एक स्वादिष्ट, पोषक-तत्व वाली सब्जी है जिसमें अधिक पोषक तत्व जैसे- कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, लोहा, वसा, प्रोटीन तथा फास्फोरस की मात्रा अन्य मुख्य सब्जियों जैसे- फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, सेम, भिन्डी, गाजर, बैंगन, पालक आदि से अधिक पाई जाती है।

बेबीकोर्न एक मक्का या भुट्टा का ही स्वरूप है। बेबीकोर्न का अर्थ है शिशु-मक्का, जिसमें पौधे के मध्यम भाग पर गुल्ली या पिंदया निकल आती है जो रेशम जैसी कोमल कोंपल के साथ वृद्धि कर उग आती है। यह एक स्वादिष्ट, पोषक-तत्व वाली सब्जी है जिसमें अधिक पोषक तत्व जैसे- कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, लोहा, वसा, प्रोटीन तथा फास्फोरस की मात्रा अन्य मुख्य सब्जियों जैसे- फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, सेम, भिन्डी, गाजर, बैंगन, पालक आदि से अधिक पाई जाती है।
इसके अन्तर्गत कॉलेस्ट्राल रहित रेशों की अधिक मात्रा पाई जाती है जिससे यह कैलोरी युक्त सब्जी है। इसकी बालियों या गिल्लियों को कच्चा खाया जा सकता तथा इसी से अनेक भोजन युक्त खाद्य तैयार किये जाते हैं। जैसे- चीनी खाद्य, विभिन्न सूप, मीट (Meat) एवं चावल के साथ तलकर, चाइनीज फूड में मिक्स करके, अचार, सलाद के रूप में, सब्जियों के साथ मिक्स करके तथा बेसन कार्न-पकौड़े आदि के रूप में खाते हैं तथा डिब्बाबन्दी द्वारा इसे संसाधित किया जा सकता है।
आवश्यक भूमि व जलवायु :- यह सभी प्रकार की मिट्टी में उत्पन्न की जा सकती है जहां पर मक्का की खेती की जा सकती है वहीं पर यह खेती भी की जा रही है। अर्थात् सर्वोत्तम भूमि दोमट-भूमि जो जीवांश-युक्त हो उसमें सुगमता से खेती की जा सकती है तथा मिट्टी क्रा पी.एच. मान 7.0 के आस-पास का उचित होता है। बेबीकोर्न के लिये हल्की गर्म एवं आर्द्रता वाली जलवायु उत्तम रहती है। लेकिन आजकल कुछ किस्में जो संकर हैं, वर्ष में तीन-चार बार उगायी जाती हैं तथा ग्रीष्म एवं वर्षाकाल इसके लिए उपयुक्त रहता है।
मक्का की उन्नत किस्में :- बेबीकोर्न के उत्पादन हेतु मक्का की चार श्रेष्ठ किस्में हैं जो निम्नलिखित हैं जिनमें तीन संकर एवं एक देशी चयन की हुई है.
1. संकर-बी.एल. 42 संकर-एम.ई.एच.-133 3. संकर-एम.ई.एच.-114 तथा अर्ली-कम्पोजिट
उपरोक्त किस्मों में से बेबीकोर्न का आकार लगभग लम्बाई 17.0 से 18.8 सेमी. तथा व्यास 15.3 से 1.74 सेमी. छिलका सहित तथा छिलका रहित (गिल्ली) लम्बाई 8.2 से 9.3 सेमी. तथा व्यास 1.16 से 1.18 सेमी. के बीच होता है तथा पौधों की ऊंचाई 164 से 200 सेमी. तक होती है जो 48 से 58 दिन में काटी जा सकती है।
खाद एवं उर्वरक :- सड़ी गोबर की खाद 10-12 टन प्रति हैक्टर तथा नत्रजन 150-200 किग्रा, फास्फोरस 60 कि.ग्रा. तथा पोटाश 40 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर दें। नत्रजन को तीन भागों में बांटे। प्रथम भाग बुवाई के समय, फास्फोरस व पोटाश भी इसी समय दें। नत्रजन का दूसरा भाग 20-25 दिन बाद सिंचाई के तुरन्त बाद दें तथा तीसरा भाग बल्लियां निकलनी आरम्भ होने के समय देने से बल्लड या बेबीकोर्न की अधिक उपज मिलती है।
बीज की मात्रा :- बेबीकोर्न प्राप्त करने हेतु 30-40 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर बीज की आवश्यकता होती है।
बुवाई का समय एवं विधि - बीज की बुवाई वर्ष में तीन या चार बार की जा सकती है। इसलिये प्रथम बुवाई मार्च-अप्रैल, जून-जुलाई, सितम्बर-अक्टूबर तथा कम ठंड वाले क्षेत्रों में दिसम्बर-जनवरी के माह में भी की जा सकती है। दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में तीन मुख्य फसलें ली जा सकती हैं जिनकी अवधि 50-60 दिन की होती है। बुवाई की विधि आमतौर पर पंक्तियों में की जाती है। इन पंक्तियों से पंक्तियों की दूरी 40 सेमी. तथा पौधे से पौधे की आपस की दूरी 20 सेमी. रखते हैं क्योंकि पौधे अधिक बड़े नहीं होते हैं। बुवाई देशी हल या ट्रैक्टर द्वारा करनी चाहिए। बीज की गहराई 3-4 सेमी. रखनी चाहिए तथा बोते समय नमी पर्याप्त मात्रा में हो। इस प्रकार से इस दूरी की बुवाई का लगभग 1,50,000 पौधों की संख्या प्रति हैक्टर प्राप्त होगी।
सिंचाई :- सर्वप्रथम सिंचाई बुवाई से पहले करे क्योंकि बीज अंकुरण हेतु पर्याप्त नमी का होना नितान्त आवश्यक है। बुवाई के 15-20 दिन बाद मौसमानुसार जब पौधे 10-12 सेमी. के हो जायें तो प्रथम सिंचाई करनी चाहिए तत्पश्चात् 12-15 दिन के अन्तराल से सर्दियों की फसल में तथा 8-10 दिन के अन्तराल से ग्रीष्मकालीन फसल में पानी देते रहना चाहिए। क्योंकि बेबीकोर्न या गिल्ली बनते समय पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है।
खरपतवार-नियन्त्रण :- वर्षा एवं ग्रीष्मकालीन फसल में कुछ खरपतवार या जंगली घास हो जाती हैं। जिनको निकालना जरूरी होता है। अन्यथा मुख्य फसल के पौधों से खाद्य प्रतियोगिता करेंगे। अर्थात् इन्हें निकालने के लिये 2-3 खुरपी से गुड़ाई करें क्या साथ-साथ हल्की-हल्की मिट्टी भी पौधों पर चढ़ावे। जिससे पौधे हवा में गिर न पायें।
बेबीकोर्न की तुड़ाई :- जब शिशु-गिल्लियों (बेबीकोर्न) को भुट्टे के छिक्कल से रेशमी कोंपल निकलने के 2-3 दिन के अन्दर ही सावधानीपूर्वक हाथों से तोड़ना चाहिए जिससे पौधे की ऊपरी व निचली पत्तियां टूटने न पायें। इस प्रकार से शिशु गिल्लियों को हर तीसरे-चौथे दिन अवश्य तोड़ें। इस प्रकार की वर्तमान किस्मों से 4-5 गिल्लियां प्राप्त कर सकते हैं।
उपज :- बेबीकोर्न मक्का की एक फसल से 20-25 क्विंटल प्रति हैक्टर औसतन प्राप्त कर सकते हैं।
बीमारियां एवं कीट नियन्त्रण :- इसकी पत्तियों पर धब्बे भी लगते हैं। बीमारी बेबीकोर्न में अधिक नहीं लगती। लेकिन पौध-गलन छोटी अवस्था में लगती है जिसके लिये बेवस्टीन, डाइथेन एम-45 का 1.5% के घोल का स्प्रे करें। ये भी उपचार से नियन्त्रण हो जाते हैं। कीट नियन्त्रण हेतु एण्डोसल्फान, रोगोर, मोनोक्रोटोफास का 1% का घोल बनाकर छिड़कें। कीट-एफिड्स, भिनका तथा केटरपिलर कभी-कभी लगते हैं जिन्हें उपरोक्त उपचार से रोका जा सकता है।
हरे चारे की उपज :- इन बेबीकोर्न की फसल प्राप्त करने के पश्चात् हरा चारा भी पौधों से वसूल या प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार से हरा चारा भी किस्म के अनुसार 250 से 400 क्विंटल प्रति हैक्टर प्राप्त होता है। बेबीकोर्न का बाजार मूल्य 30 रुपये प्रति कि.ग्रा. तथा हरे चारे का 70 रुपये प्रति क्विंटल होता है।
Thanks for reading...
Tags: बेबीकोर्न मक्का की खेती करने का आधुनिक तरीका Babycorn ki kheti karne ka aadhunik tarika शिशु मक्का (कुकड़ी) की खेती कैसे करें Makka ki kheti karne ka tarika बेबीकोर्न की उन्नत खेती कैसे करें Makka (Baby Corn) Ki Kheti Kaise Kare बेबीकोर्न की वैज्ञानिक खेती करने का तरीका Babycorn ki vaigyanik kheti karne ka tarika hindi me jankari. खेती मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा. अधिकतम उपज के लिए ध्यान रखने योग्य बातें. बेहतर फसल के लिए टिप्स सुझाव और उपाय. कम खर्च में ज्यादा पैदावार कैसे ले. अच्छी फसल तैयार करने के लिए अपनाए ये तरीके.
Thanks for reading...
Tags: बेबीकोर्न मक्का की खेती करने का आधुनिक तरीका Babycorn ki kheti karne ka aadhunik tarika शिशु मक्का (कुकड़ी) की खेती कैसे करें Makka ki kheti karne ka tarika बेबीकोर्न की उन्नत खेती कैसे करें Makka (Baby Corn) Ki Kheti Kaise Kare बेबीकोर्न की वैज्ञानिक खेती करने का तरीका Babycorn ki vaigyanik kheti karne ka tarika hindi me jankari. खेती मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा. अधिकतम उपज के लिए ध्यान रखने योग्य बातें. बेहतर फसल के लिए टिप्स सुझाव और उपाय. कम खर्च में ज्यादा पैदावार कैसे ले. अच्छी फसल तैयार करने के लिए अपनाए ये तरीके.
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- इंडियन गांव लड़कियों के नंबर की लिस्ट - Ganv ki ladkiyon ke whatsapp mobile number
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- Ghar Jamai rishta contact number - घर जमाई लड़का चाहिए
- रण्डी का मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर - Randi ka mobile whatsapp number
- भारतीय हीरोइन के नाम की सूची - List of names of Bollywood actresses
- नई रिलीज होने वाली फिल्मों की जानकारी और ट्रेलर, new bollywood movie trailer 2018
- अनाथ मुली विवाह संस्था फोन नंबर चाहिए - Anath aashram ka mobile number
- chusne wali ladkiyon ke number - चूसने वाली लड़कियों के मोबाइल व्हाट्सएप्प नंबर
- UDISE + PLUS CODE, School Directory Management, School Data Capture
- आसपास की क्रिकेट एकेडमी - Cricket Academy near me
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.