दोस्तों हमें शरीर के अन्य अंगो की तरह आँखों का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि आंखें अनमोल हैं। बढ़ती उम्र और कुछ बीमारियों के कारण आंखों की रोशनी या तो कम हो जाती है या चली जाती है, यह बहुत ही खतरनाक है और इसके कारण जान भी जा सकती है।
उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी कम पड़ना एक सामान्य बात है लेकिन केवल बढ़ती उम्र ही आंखों का दुश्मन नही है बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्यायें से भी आँखें प्रभावित हो सकती हैं जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां।
यदि खून में शुगर की मात्रा अधिक है तो आंखों की रोशनी कम होने की सम्भावना ज्यादा बढ़ती है और मरीज अंधा हो सकता है।
अवसाद और तनाव भी हमारी आंखों की समस्याओं का कारण बन सकता है। 10 प्रतिशत लोग जो तनाव के अधिक शिकार होते हैं उनकी आंखों की रोशनी एकदम कम हो जाती है।
जो लोग ज्यादा चिंता में रहते है उनके भी आँखों की बीमारी का शिकार होने के ज्यादा चांसेज रहते है, ये युवाओं में भी ज्यादा हो सकती हैं।
एक केंद्रीय बिंदु पर अधिक देर तक ध्यान लगाए रखने और किसी चीज को ज्यादा नजदीक से लगातार देखने से भी हमारी आंखों की रोशनी कम होती है।
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Swasthya
उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी कम पड़ना एक सामान्य बात है लेकिन केवल बढ़ती उम्र ही आंखों का दुश्मन नही है बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्यायें से भी आँखें प्रभावित हो सकती हैं जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां।
यदि खून में शुगर की मात्रा अधिक है तो आंखों की रोशनी कम होने की सम्भावना ज्यादा बढ़ती है और मरीज अंधा हो सकता है।
अवसाद और तनाव भी हमारी आंखों की समस्याओं का कारण बन सकता है। 10 प्रतिशत लोग जो तनाव के अधिक शिकार होते हैं उनकी आंखों की रोशनी एकदम कम हो जाती है।
जो लोग ज्यादा चिंता में रहते है उनके भी आँखों की बीमारी का शिकार होने के ज्यादा चांसेज रहते है, ये युवाओं में भी ज्यादा हो सकती हैं।
एक केंद्रीय बिंदु पर अधिक देर तक ध्यान लगाए रखने और किसी चीज को ज्यादा नजदीक से लगातार देखने से भी हमारी आंखों की रोशनी कम होती है।