कितना सुरक्षित है आप का आधार कार्ड? How secure is your Aadhar card?
कितना सुरक्षित है आप का आधार कार्ड? How secure is your Aadhar card? क्या आधार नंबर से चुराई जा सकती हैं निजी जानकारी , क्या कोई मेरे आधार कार्ड का उपयोग कर सकता है?
आज आधार कार्ड या आधार नंबर हर भरतीय की सबसे पहली और सबसे बड़ी पहचान बन चुका है। भारतीय नागरिक की आइडेन्टटी से जुड़ी लगभग सभी जानकारियां एक आधार नंबर में ही समाई है।
आधार कार्ड अपनी शुरूआत के साथ ही चर्चाओं व विवादों में घिरा रहा है। कुछ लोग इसे सुरक्षित नहीं मानते तो कुछ को यह सुरक्षित लगता है। हमे आये दिन आधार से जुड़ी कुछ अच्छी तो कुछ बुरी खबर मिलती रहती है।
लेकिन पिछले दिनों आधार कार्ड से जुड़ी एक बड़ी घटना घटित हुई है जिससे आधार कार्ड से लोगो का विश्वास हट गया है। जिसके कारण अब व्यक्ति की निजता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इन विवादों के बीच UIDAI की ओर से कड़ी चेतावनी जारी की गई है कि कोई भी व्यक्ति इंटरनेट या सोशल साइट पर अपना आधार नंबर शेयर न करें।
UIDAI यानि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने साफ-साफ शब्दों में आधार नंबर को आॅनलाईन प्लेटफार्म पर शेयर न करने का आग्रह किया है। विभाग ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने आधार नंबर या आधार कार्ड के जुड़ी जानकारी को आॅनलाईन प्लेटफार्म पर कभी भी शेयर न करे।
आधार की सर्वेसर्वा ईकाई UIDAI ने कहा है कि आधार नंबर सार्वजनिक करने वाले या ऐसा करने के लिए उकसाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने चेतावनी देते हुए कुछ ही दिनों पहले घटित हुई एक घटना से लोगों को सबक लेने को कहा है।
ये है पूरा मामला
पिछले दिनों TRAI टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अॅथारिटी आॅफ इंडिया के हेड RS Sharma ने अपने ट्वीटर हैंडल पर खुद का आधार नंबर शेयर किया था। R S SHARMA ने ऐसा इसलिए किया था, क्यूंकि उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि आधार नंबर पूरी तरह से सुरक्षित है और कोई भी हैकर इसके सर्वर में सेंध नहीं लगा सकता है।SHARMA के इस बयान के बाद लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देना सुरु किया।
कुछ यूजर्स ने ट्रोल करते हुए कह दिया कि, ‘यदि आधार इतना सुरक्षित है तो अपना आधार नंबर शेयर करो’। और फिर ट्वीटर पर लोगों से मिले इस चैलेंज को एक्सेप्ट करते हुए RS Sharma ने ट्वीट में अपना आधार नंबर शेयर कर दिया।
शर्मा द्वारा आधार नंबर शेयर किए जाने के कुछ ही देर बाद उनके ही ट्वीटर अकाउंट पर लोग उनकी निजी डिटेल पोस्ट करना सुरु कर दिए। लोगों ने उनका मोबाइल नंबर, उनके घर का एड्रेस, उनका व्हाट्सऐप नंबर, उनके द्वारा यूज़ किया जा रहा फोन मॉडल तथा साथ ही उनकी व्हाट्सऐप पर लगी प्रोफाइल फोटो भी ट्वीटर पर शेयर कर दी।
सिलसिला यहीं नहीं थमा। लोगों ने उनका बैंक डिटेल, उनका अकाउंट नंबर तथा पासपोर्ट नंबर तक उन्हें ट्वीट कर दिया। बात यही नही रुकी कुछ यूजर्स ने RS Sharma के अकाउंट में 1-1 रुपया भी ट्रांसफर किया। ट्वीटर पर घटे इस घटना के बादSHARMA जी को यह तो मानना ही पड़ा कि आधार नंबर इतना भी सुरक्षित नहीं जितना वह बता रहे थे। वहीं दूसरी ओर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है।
आपको बता दें कि जब आधार की शुरूआत हुई थी तब इस भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के पहले डायरेक्टर जनरल RS Sharma ही थे।
अब बात आती है कि जब RS SHARMA सुरक्षित नही है तो हमारा क्या होगा? इसलिए मैं आपको कुछ सुरक्षा के उपाय बता रहा हु जिसे आप फॉलो कर के अपने आप को सुरक्षित कर सकते है।
आधार कार्ड से संबंधित सुरक्षा के लिए रखे इन बातो का खास ख्याल।
आज आधार कार्ड का उपयोग सरकारी से ले कर प्राइवेट संस्थानों में पहचान पत्र के तौर प्राथमिकता दिया जा रहा है। अब JIO को ही ले लीजिए। jioने उन लोगों को ही सिम कार्ड दिया जिनके पास आधार कार्ड था।
आधार कार्ड को सबसे पहले मनरेगा, घरेलू एलपीडी सिलेंडर जैसे डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के लिए लाया गया था। जुलाई 2014 के बाद से इस बायोमैट्रिक आधारित व्यवस्था को हर दूसरे स्कीम के लिए अनिवार्य किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल अब पासपोर्ट, वोटर आईडी, राशन कार्ड जैसे सेवाओं के लिए भी किया जा रहा है। ऐसे में हर शख्स के पास आधार कार्ड होना ज़रूरी है।
दूसरी तरफ, हर रोज मीडिया में आधार डेटा में सेंध, बायोमैट्रिक्स डेटा के दुरुपयोग और निजी जानकारी में सेंध की ख़बरें आती रहती है। जबकि UIDAI ने कहा है कि उसने इन रिपोर्ट्स को ध्यान से देखा है और वह जोर देकर कहना चाहती है कि आधार के UIDAI डेटाबेस में कोई सेंध नहीं लगी है और UIDAI के पास लोगों का व्यक्तिगत डेटा बिल्कुल सुरक्षित है। ये अच्छी बात है कि सरकार ने खबरें आने के बाद तुरंत ही स्थिति स्पष्ट करते हुए आम नागरिकों को भरोसा दिया है। लेकिन आगे का क्या? अब जब आधार पेमेंट्स जैसी व्यवस्था आम होने वाली है। उस दौरान हमारे बायोमैट्रिक्स डेटा पर असामाजिक तत्वों की नज़र रहेगी। ऐसे में आपको भी कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा।
1-आधार से जुड़ी जानकारी किसी के साथ साझा ना करें
यह बात हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी संस्थान या बैंक कभी भी आपसे आधार नंबर जैसी गोपनीय और निज़ी जानकारी की सूचना फोन या ईमेल के जरिए नहीं पूछता है। अगर कोई ऐसा फोन या ईमेल मिले तो कभी भी अपने आधार के बारे जानकारी सार्वजनिक ना करें।
2- ऑनलाइन लॉक करे आधार बायोमैट्रिक डेटा को
कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां लोगों ने आधार बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कई दिनों से अपना आधार कार्ड इस्तेमाल भी नहीं किया है, लेकिन उन्हें UIDAI से ईमेल आया है कि उनके डेटा को बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के ज़रिए एक्सेस किया गया है। आप इस परिस्थिति से बच सकते हैं अगर आप UIDAI सर्वर पर जाकर बायोमैट्रिक इंफॉर्मेशन लॉक कर दें। आप इसे इस्तेमाल में लाने से पहले अनलॉक भी कर सकते हैं
3-आधार की फोटो कॉपी देने से बचें
अगर आप पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं तो किसी भी शख्स को आधार कार्ड की फोटो कॉपी देने से बचें। हो सकता है कि उसका इस्तेमाल किसी गलत काम के लिए कर लिया जाए। इस लिए अच्छा होगा कि आप फोटो कॉपी पर हस्ताक्षर कर दें और इसके अलावा यह भी ज़रूर लिख दें कि उस फोटो कॉपी किस काम के हेतू दी गई है।
4- बायोमैट्रिक्स डेटा का इस्तेमाल सोच समझ कर करे
अपने भी jio सिम खरीदते वक्त आपने अपने अंगूठे का निशान एक स्कैनर के साथ साझा किया होगा। आने वाले समय में और भी जगहों पर आधार कार्ड पर आधारित व्यवस्था में ऐसे ही फिंगरप्रिंट स्कैन की व्यवस्था होगी। अगर आप किसी स्कैनर को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं तो हमारा सुझाव होगा कि आप अंगूठे का निशान नहीं दें।
5- आधार कार्ड खो जाने पर
सबसे पहले पास के पुलिस थाने जाकर FIR दर्ज कराएं। बता दें कि आधार कार्ड एक बार ही बनता है। अगर यह खो भी जाए तो आपको फिर से आवेदन देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। आप यूआईएडीआई की वेबसाइट पर जाकर नया आधार कार्ड पा सकते हैं। या फिर से किसी आधार सेंटर पर जाकर नया डुप्लिकेट कार्ड बनवा सकते हैं।
अब आप को आधार और इसके दुरुपयोग को ले कर UIDAI द्वारा दिये गए कुछ सवालों के जबाब बताना चाहता हु।
यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) का कहना है कि आधार वेबसाइट से डेटा चोरी करना संभव नहीं है। हालांकि, आधार की सुरक्षा पर बहस जारी है। इस बीच UIDAI ने अक्सर पूछे जाने वाले 11 सवालों और उनके जवाब से लोगों की शंकाओं को दूर करने का प्रयास किया है।
1. UIDAI के पास मेरी बायॉमीट्रिक डेटा के अलावा बैंक अकाउंट, PAN आदि सबकुछ है, क्या इनका इस्तेमाल मेरी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाएगा?
UIDAI- बिलकुल गलत। UIDAI के पास केवल ये जानकारियां हैं-आपका नाम, अड्रेस, डेट ऑफ बर्थ, जेंडर, 10 उंगलियों के निशान, पुतलियों का स्कैन, चेहरे की तस्वीर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी। UIDAI के पास आपके परिवार, जाति धर्म, शिक्षा, बैंक अकाउंट, शेयर म्युचुअल फंड, फाइनैंशल और प्रॉपर्टी डीटेल्स, हेल्थ रेकॉर्ड नहीं है और ना कभी होगा। आधार ऐक्ट 2016 का सेक्शन 32(3) UIDAI को किसी व्यक्ति की जानकारियों को एकत्रित करने और नियंत्रित करने से रोकता है।
2. लेकिन जब मैं अपना बैंक अकाउंट, शेयर, म्यूचुअल फंड्स और मोबाइल नबर को आधार से जोड़ता हूं तो UIDAI के पास ये जानकारियां नहीं होंगी?
UIDAI- बिलकुल नहीं। जब आप अपना आधार नंबर अपने बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड कंपनियों और मोबाइल फोन कंपनियों को देते हैं तो वे केवल आपका आधार नंबर, बायॉमीट्रिक और नाम आदि आपकी पहचान सत्यापन के लिए UIDAI को भेजते हैं। बैंक अकाउंट या अन्य डीटेल्स को UIDAI को नहीं भेजा जाता है। जहां तक UIDAI का सवाल है यह इस तरह की वेरिफिकेशन रिक्वेस्ट का जवाब 'हां' या 'ना' में देता है। यदि वेरिफिकेशन का जवाब 'हां' है तो आपकी बेसिक KYC डीटेल्स (नाम, अड्रेस, फोटो आदि) सर्विस प्रोवाइडर को दी जाती है।
3. यदि कोई मेरा आधार नंबर जान ले तो इसका इस्तेमाल मेरे बैंक अकाउंट को हैक करने के लिए कर सकता है?
UIDAI- पूरी तरह गलत। जिस तरह केवल आपके एटीएम कार्ड के नंबर से कोई एटीएम से पैसे नहीं निकाल सकता है उसी तरह केवल आपके आधार नंबर से कोई ना तो आपके बैंक अकाउंट को हैक कर सकता है और ना ही पैसे निकाल सकता है। आपका बैंक अकाउंट पूरी तरह सेफ है जब तक आप किसी को अपना पिन/ओटीपी नहीं देते। पूरी तरह निश्चिंत रहें। आधार की वजह से अभी तक एक भी आर्थिक नुकसान का कोई मामला सामने नहीं आया है।
4. मुझे क्यों कहा जा रहा है कि अपने सभी बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करें?
UIDAI- आपकी अपनी सुरक्षा के लिए यह जरूरी। सभी बैंक खाताधारकों के लिए पहचान वेरिफाइ कराना जरूरी है और आधार से लिंक करने पर यह साफ हो जाएगा कि अकाउंट का इस्तेमाल कोई धोखेबाज, अपराधी या मनी लॉन्ड्रर्स तो नहीं कर रहा है। जब हर अकाउंट वेरिफाइ हो जाएगा और आधार से जुड़ जाएगा तब यदि कोई धोखे से आपके अकाउंट से पैसे निकालता है तो उसे पकड़ना आसान हो जाएगा। इसलिए अकाउंट को आधार से जोड़ने पर यह अधिक सुरक्षित हो जाएगा।
5. मुझे मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने के लिए क्यों कहा जा रहा है?
UIDAI- आपकी और देश की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि सभी मोबाइल यूजर्स का वेरिफिकेशन हो और आधार से जोड़ने पर धोखाधड़ी करने वाले, अपराधी या मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों के नंबर बंद हो जाएंगे। यह पाया गया है कि अधिकतर अपराधी, आतंकवादी फर्जी पहचान या किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसकी आईडी का इस्तेमाल कर सिम खरीदते हैं और वारदात को अंजाम देते हैं। जब हर मोबाइल नंबर आधार से लिंक हो जाएगा तब धोखेबाज, अपराधी और आतंकवादियों के मोबाइल नंबर की पहचान और उनको कानून के दायरे में लाना आसान हो जाएगा।
6. क्या मोबाइल कंपनी सिम वेरिफिकेशन के दौरान लिए गए बायॉमीट्रिक डीटेल्स को स्टोर कर लेती है और बाद में इसका इस्तेमाल दूसरे उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है?
UIDAI- नहीं ऐसा नहीं हो सकता है। मोबाइल कंपनियां आधार वेरिफिकेशन या लिंकिंग के दौरान लिए गए बायॉमीट्रिक डीटेल्स को स्टोर नहीं कर सकती हैं। बायॉमीट्रिक डेटा इनक्रिप्टेड होता है, जैसे ही आप अपनी उंगली फिंगरप्रिंट सेंसर पर रखते हैं यह इनक्रिप्टेड डेटा वेरिफिकेशन के लिए UIDAI को भेज दिया जाता है। आधार (आउथेंटिकेशन) रेग्युलेशन 2016 के अनुसार बैंक, मोबाइल कंपनियों आदि को किसी भी कारण से किसी व्यक्ति का फिंगर प्रिंट स्टोर या किसी अन्य के साथ साझा नहीं कर सकती हैं। इस नियम का उल्लंघन दंडनीय अपराध है।
7. बैंकिंग, मोबाइल, पैन और दूसरी सर्विसेज के लिए NRI को आधार की जरूरत है?
UIDAI- आधार केवल भारतीय नागरिकों के लिए है। NRI आधार नहीं प्राप्त कर सकते हैं। NRI के लिए बैंक या मोबाइल कंपनियों को आधार देने की जरूरत नहीं है। उन्हें केवल बैंक या अन्य सर्विस प्रोवाइडर को जानकारी उपलब्ध करानी है कि वे NRI हैं।
8. आधार के लिए गरीबों को पेंशन और राशन जैसी जरूरी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा रहा है?
UIDAI- नहीं। सेक्शन 7 में यह स्पष्ट किया गया है कि जब तकि किसी व्यक्ति को आधार का नंबर नहीं मिल जाता तब किसी को राशन, पेंशन और अन्य जरूरी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है और ऐसे लोगों की पहचान संबंधित विभाग दूसरे पहचान पत्रों के जरिए कर सकता है। यदि किसी विभाग में आपको आधार की कमी की वजह से किसी सेवा से वंचित किया जा रहा है तो आप इसकी शिकायत संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से कर सकते हैं।
9.कुछ एजेंसियां ई-आधार स्वीकार नहीं कर रही हैं। वे ऑरिजनल आधार पर क्यों जोर दे रही हैं?
UIDAI - UIDAI वेबसाइट से डाउनलोड ईआधार ऑरिजनल आधार के बराबर ही वैलिड है। यदि कोई इसे लेने से इनकार कर रहा है तो संबंधित वरिष्ठ अधिकारी या विभाग में इसकी शिकायत की जानी चाहिए।
10. आधार से आम आदमी को कैसे लाभ मिला है?
UIDAI- आधार ने पुख्ता पहचान के साथ 119 करोड़ भारतियों को सशक्त किया है। सच्चाई यह है कि आज आधार भारत में किसी अन्य पहचानपत्र के मुकाबले अधिक विश्वसनीय है। उदाहरण के तौर पर यदि आप एक नियोक्ता हैं तो आप किसी कर्मचारी के किस पहचानपत्र को प्राथमिकता देंगे? या फिर अपने घरेलू सहायक, ड्राइवर, स्लम में रहने वाले गरीबों और ग्रामीणों से पूछिए कि नौकरी पाने, बैंक अकाउंट खोलने, ट्रेन टिकट बुक कराने या फिर अन्य सरकारी सुविधा के इस्तेमाल के लिए वे किस तरह आधार का पहचान के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। आप उनसे पूछें तो वे बताएंगे कि किस तरह आधार ने उन्हें सशक्त किया है।
11. हम मीडिया में यह बात सुनते हैं कि आधार डेटा में सेंध लग गई, क्या यह सच है?
UIDAI- अस्तित्व में आने के 7 साल में आधार डेटाबेस में कभी सेंध नहीं लगी है। सभी आधार धारक का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है। आधार डेटा सेंध की अधिकतर खबरों में गलत जानकारी दी गई। UIDAI आपकी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए अडवांस सिक्यॉरिटी टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करता है और आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार अपडेट कर रहा है।
मुझे लगता है कि अब आपका डाउट क्लियर हो गया होगा कि आधार सुरछित है या नही।
मेरा तो ये मानना है कि अगर हम खुद थोड़ा अलर्ट रहे तो अपने आधार की काफी हद तक हम खुद ही सुरक्षित कर सकते है।
आप को क्या लगता है हमे जरूर कमेंट बॉक्स में लिख कर बताइये गया।
धन्यवाद।
आज आधार कार्ड या आधार नंबर हर भरतीय की सबसे पहली और सबसे बड़ी पहचान बन चुका है। भारतीय नागरिक की आइडेन्टटी से जुड़ी लगभग सभी जानकारियां एक आधार नंबर में ही समाई है।
आधार कार्ड अपनी शुरूआत के साथ ही चर्चाओं व विवादों में घिरा रहा है। कुछ लोग इसे सुरक्षित नहीं मानते तो कुछ को यह सुरक्षित लगता है। हमे आये दिन आधार से जुड़ी कुछ अच्छी तो कुछ बुरी खबर मिलती रहती है।
लेकिन पिछले दिनों आधार कार्ड से जुड़ी एक बड़ी घटना घटित हुई है जिससे आधार कार्ड से लोगो का विश्वास हट गया है। जिसके कारण अब व्यक्ति की निजता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इन विवादों के बीच UIDAI की ओर से कड़ी चेतावनी जारी की गई है कि कोई भी व्यक्ति इंटरनेट या सोशल साइट पर अपना आधार नंबर शेयर न करें।
UIDAI यानि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने साफ-साफ शब्दों में आधार नंबर को आॅनलाईन प्लेटफार्म पर शेयर न करने का आग्रह किया है। विभाग ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने आधार नंबर या आधार कार्ड के जुड़ी जानकारी को आॅनलाईन प्लेटफार्म पर कभी भी शेयर न करे।
आधार की सर्वेसर्वा ईकाई UIDAI ने कहा है कि आधार नंबर सार्वजनिक करने वाले या ऐसा करने के लिए उकसाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने चेतावनी देते हुए कुछ ही दिनों पहले घटित हुई एक घटना से लोगों को सबक लेने को कहा है।
ये है पूरा मामला
पिछले दिनों TRAI टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अॅथारिटी आॅफ इंडिया के हेड RS Sharma ने अपने ट्वीटर हैंडल पर खुद का आधार नंबर शेयर किया था। R S SHARMA ने ऐसा इसलिए किया था, क्यूंकि उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि आधार नंबर पूरी तरह से सुरक्षित है और कोई भी हैकर इसके सर्वर में सेंध नहीं लगा सकता है।SHARMA के इस बयान के बाद लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देना सुरु किया।
कुछ यूजर्स ने ट्रोल करते हुए कह दिया कि, ‘यदि आधार इतना सुरक्षित है तो अपना आधार नंबर शेयर करो’। और फिर ट्वीटर पर लोगों से मिले इस चैलेंज को एक्सेप्ट करते हुए RS Sharma ने ट्वीट में अपना आधार नंबर शेयर कर दिया।
शर्मा द्वारा आधार नंबर शेयर किए जाने के कुछ ही देर बाद उनके ही ट्वीटर अकाउंट पर लोग उनकी निजी डिटेल पोस्ट करना सुरु कर दिए। लोगों ने उनका मोबाइल नंबर, उनके घर का एड्रेस, उनका व्हाट्सऐप नंबर, उनके द्वारा यूज़ किया जा रहा फोन मॉडल तथा साथ ही उनकी व्हाट्सऐप पर लगी प्रोफाइल फोटो भी ट्वीटर पर शेयर कर दी।
सिलसिला यहीं नहीं थमा। लोगों ने उनका बैंक डिटेल, उनका अकाउंट नंबर तथा पासपोर्ट नंबर तक उन्हें ट्वीट कर दिया। बात यही नही रुकी कुछ यूजर्स ने RS Sharma के अकाउंट में 1-1 रुपया भी ट्रांसफर किया। ट्वीटर पर घटे इस घटना के बादSHARMA जी को यह तो मानना ही पड़ा कि आधार नंबर इतना भी सुरक्षित नहीं जितना वह बता रहे थे। वहीं दूसरी ओर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है।
आपको बता दें कि जब आधार की शुरूआत हुई थी तब इस भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के पहले डायरेक्टर जनरल RS Sharma ही थे।
अब बात आती है कि जब RS SHARMA सुरक्षित नही है तो हमारा क्या होगा? इसलिए मैं आपको कुछ सुरक्षा के उपाय बता रहा हु जिसे आप फॉलो कर के अपने आप को सुरक्षित कर सकते है।
आधार कार्ड से संबंधित सुरक्षा के लिए रखे इन बातो का खास ख्याल।
आज आधार कार्ड का उपयोग सरकारी से ले कर प्राइवेट संस्थानों में पहचान पत्र के तौर प्राथमिकता दिया जा रहा है। अब JIO को ही ले लीजिए। jioने उन लोगों को ही सिम कार्ड दिया जिनके पास आधार कार्ड था।
आधार कार्ड को सबसे पहले मनरेगा, घरेलू एलपीडी सिलेंडर जैसे डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के लिए लाया गया था। जुलाई 2014 के बाद से इस बायोमैट्रिक आधारित व्यवस्था को हर दूसरे स्कीम के लिए अनिवार्य किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल अब पासपोर्ट, वोटर आईडी, राशन कार्ड जैसे सेवाओं के लिए भी किया जा रहा है। ऐसे में हर शख्स के पास आधार कार्ड होना ज़रूरी है।
दूसरी तरफ, हर रोज मीडिया में आधार डेटा में सेंध, बायोमैट्रिक्स डेटा के दुरुपयोग और निजी जानकारी में सेंध की ख़बरें आती रहती है। जबकि UIDAI ने कहा है कि उसने इन रिपोर्ट्स को ध्यान से देखा है और वह जोर देकर कहना चाहती है कि आधार के UIDAI डेटाबेस में कोई सेंध नहीं लगी है और UIDAI के पास लोगों का व्यक्तिगत डेटा बिल्कुल सुरक्षित है। ये अच्छी बात है कि सरकार ने खबरें आने के बाद तुरंत ही स्थिति स्पष्ट करते हुए आम नागरिकों को भरोसा दिया है। लेकिन आगे का क्या? अब जब आधार पेमेंट्स जैसी व्यवस्था आम होने वाली है। उस दौरान हमारे बायोमैट्रिक्स डेटा पर असामाजिक तत्वों की नज़र रहेगी। ऐसे में आपको भी कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा।
1-आधार से जुड़ी जानकारी किसी के साथ साझा ना करें
यह बात हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी संस्थान या बैंक कभी भी आपसे आधार नंबर जैसी गोपनीय और निज़ी जानकारी की सूचना फोन या ईमेल के जरिए नहीं पूछता है। अगर कोई ऐसा फोन या ईमेल मिले तो कभी भी अपने आधार के बारे जानकारी सार्वजनिक ना करें।
2- ऑनलाइन लॉक करे आधार बायोमैट्रिक डेटा को
कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां लोगों ने आधार बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कई दिनों से अपना आधार कार्ड इस्तेमाल भी नहीं किया है, लेकिन उन्हें UIDAI से ईमेल आया है कि उनके डेटा को बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के ज़रिए एक्सेस किया गया है। आप इस परिस्थिति से बच सकते हैं अगर आप UIDAI सर्वर पर जाकर बायोमैट्रिक इंफॉर्मेशन लॉक कर दें। आप इसे इस्तेमाल में लाने से पहले अनलॉक भी कर सकते हैं
3-आधार की फोटो कॉपी देने से बचें
अगर आप पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं तो किसी भी शख्स को आधार कार्ड की फोटो कॉपी देने से बचें। हो सकता है कि उसका इस्तेमाल किसी गलत काम के लिए कर लिया जाए। इस लिए अच्छा होगा कि आप फोटो कॉपी पर हस्ताक्षर कर दें और इसके अलावा यह भी ज़रूर लिख दें कि उस फोटो कॉपी किस काम के हेतू दी गई है।
4- बायोमैट्रिक्स डेटा का इस्तेमाल सोच समझ कर करे
अपने भी jio सिम खरीदते वक्त आपने अपने अंगूठे का निशान एक स्कैनर के साथ साझा किया होगा। आने वाले समय में और भी जगहों पर आधार कार्ड पर आधारित व्यवस्था में ऐसे ही फिंगरप्रिंट स्कैन की व्यवस्था होगी। अगर आप किसी स्कैनर को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं तो हमारा सुझाव होगा कि आप अंगूठे का निशान नहीं दें।
5- आधार कार्ड खो जाने पर
सबसे पहले पास के पुलिस थाने जाकर FIR दर्ज कराएं। बता दें कि आधार कार्ड एक बार ही बनता है। अगर यह खो भी जाए तो आपको फिर से आवेदन देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। आप यूआईएडीआई की वेबसाइट पर जाकर नया आधार कार्ड पा सकते हैं। या फिर से किसी आधार सेंटर पर जाकर नया डुप्लिकेट कार्ड बनवा सकते हैं।
अब आप को आधार और इसके दुरुपयोग को ले कर UIDAI द्वारा दिये गए कुछ सवालों के जबाब बताना चाहता हु।
यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) का कहना है कि आधार वेबसाइट से डेटा चोरी करना संभव नहीं है। हालांकि, आधार की सुरक्षा पर बहस जारी है। इस बीच UIDAI ने अक्सर पूछे जाने वाले 11 सवालों और उनके जवाब से लोगों की शंकाओं को दूर करने का प्रयास किया है।
1. UIDAI के पास मेरी बायॉमीट्रिक डेटा के अलावा बैंक अकाउंट, PAN आदि सबकुछ है, क्या इनका इस्तेमाल मेरी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाएगा?
UIDAI- बिलकुल गलत। UIDAI के पास केवल ये जानकारियां हैं-आपका नाम, अड्रेस, डेट ऑफ बर्थ, जेंडर, 10 उंगलियों के निशान, पुतलियों का स्कैन, चेहरे की तस्वीर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी। UIDAI के पास आपके परिवार, जाति धर्म, शिक्षा, बैंक अकाउंट, शेयर म्युचुअल फंड, फाइनैंशल और प्रॉपर्टी डीटेल्स, हेल्थ रेकॉर्ड नहीं है और ना कभी होगा। आधार ऐक्ट 2016 का सेक्शन 32(3) UIDAI को किसी व्यक्ति की जानकारियों को एकत्रित करने और नियंत्रित करने से रोकता है।
2. लेकिन जब मैं अपना बैंक अकाउंट, शेयर, म्यूचुअल फंड्स और मोबाइल नबर को आधार से जोड़ता हूं तो UIDAI के पास ये जानकारियां नहीं होंगी?
UIDAI- बिलकुल नहीं। जब आप अपना आधार नंबर अपने बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड कंपनियों और मोबाइल फोन कंपनियों को देते हैं तो वे केवल आपका आधार नंबर, बायॉमीट्रिक और नाम आदि आपकी पहचान सत्यापन के लिए UIDAI को भेजते हैं। बैंक अकाउंट या अन्य डीटेल्स को UIDAI को नहीं भेजा जाता है। जहां तक UIDAI का सवाल है यह इस तरह की वेरिफिकेशन रिक्वेस्ट का जवाब 'हां' या 'ना' में देता है। यदि वेरिफिकेशन का जवाब 'हां' है तो आपकी बेसिक KYC डीटेल्स (नाम, अड्रेस, फोटो आदि) सर्विस प्रोवाइडर को दी जाती है।
3. यदि कोई मेरा आधार नंबर जान ले तो इसका इस्तेमाल मेरे बैंक अकाउंट को हैक करने के लिए कर सकता है?
UIDAI- पूरी तरह गलत। जिस तरह केवल आपके एटीएम कार्ड के नंबर से कोई एटीएम से पैसे नहीं निकाल सकता है उसी तरह केवल आपके आधार नंबर से कोई ना तो आपके बैंक अकाउंट को हैक कर सकता है और ना ही पैसे निकाल सकता है। आपका बैंक अकाउंट पूरी तरह सेफ है जब तक आप किसी को अपना पिन/ओटीपी नहीं देते। पूरी तरह निश्चिंत रहें। आधार की वजह से अभी तक एक भी आर्थिक नुकसान का कोई मामला सामने नहीं आया है।
4. मुझे क्यों कहा जा रहा है कि अपने सभी बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करें?
UIDAI- आपकी अपनी सुरक्षा के लिए यह जरूरी। सभी बैंक खाताधारकों के लिए पहचान वेरिफाइ कराना जरूरी है और आधार से लिंक करने पर यह साफ हो जाएगा कि अकाउंट का इस्तेमाल कोई धोखेबाज, अपराधी या मनी लॉन्ड्रर्स तो नहीं कर रहा है। जब हर अकाउंट वेरिफाइ हो जाएगा और आधार से जुड़ जाएगा तब यदि कोई धोखे से आपके अकाउंट से पैसे निकालता है तो उसे पकड़ना आसान हो जाएगा। इसलिए अकाउंट को आधार से जोड़ने पर यह अधिक सुरक्षित हो जाएगा।
5. मुझे मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने के लिए क्यों कहा जा रहा है?
UIDAI- आपकी और देश की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि सभी मोबाइल यूजर्स का वेरिफिकेशन हो और आधार से जोड़ने पर धोखाधड़ी करने वाले, अपराधी या मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों के नंबर बंद हो जाएंगे। यह पाया गया है कि अधिकतर अपराधी, आतंकवादी फर्जी पहचान या किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसकी आईडी का इस्तेमाल कर सिम खरीदते हैं और वारदात को अंजाम देते हैं। जब हर मोबाइल नंबर आधार से लिंक हो जाएगा तब धोखेबाज, अपराधी और आतंकवादियों के मोबाइल नंबर की पहचान और उनको कानून के दायरे में लाना आसान हो जाएगा।
6. क्या मोबाइल कंपनी सिम वेरिफिकेशन के दौरान लिए गए बायॉमीट्रिक डीटेल्स को स्टोर कर लेती है और बाद में इसका इस्तेमाल दूसरे उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है?
UIDAI- नहीं ऐसा नहीं हो सकता है। मोबाइल कंपनियां आधार वेरिफिकेशन या लिंकिंग के दौरान लिए गए बायॉमीट्रिक डीटेल्स को स्टोर नहीं कर सकती हैं। बायॉमीट्रिक डेटा इनक्रिप्टेड होता है, जैसे ही आप अपनी उंगली फिंगरप्रिंट सेंसर पर रखते हैं यह इनक्रिप्टेड डेटा वेरिफिकेशन के लिए UIDAI को भेज दिया जाता है। आधार (आउथेंटिकेशन) रेग्युलेशन 2016 के अनुसार बैंक, मोबाइल कंपनियों आदि को किसी भी कारण से किसी व्यक्ति का फिंगर प्रिंट स्टोर या किसी अन्य के साथ साझा नहीं कर सकती हैं। इस नियम का उल्लंघन दंडनीय अपराध है।
7. बैंकिंग, मोबाइल, पैन और दूसरी सर्विसेज के लिए NRI को आधार की जरूरत है?
UIDAI- आधार केवल भारतीय नागरिकों के लिए है। NRI आधार नहीं प्राप्त कर सकते हैं। NRI के लिए बैंक या मोबाइल कंपनियों को आधार देने की जरूरत नहीं है। उन्हें केवल बैंक या अन्य सर्विस प्रोवाइडर को जानकारी उपलब्ध करानी है कि वे NRI हैं।
8. आधार के लिए गरीबों को पेंशन और राशन जैसी जरूरी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा रहा है?
UIDAI- नहीं। सेक्शन 7 में यह स्पष्ट किया गया है कि जब तकि किसी व्यक्ति को आधार का नंबर नहीं मिल जाता तब किसी को राशन, पेंशन और अन्य जरूरी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है और ऐसे लोगों की पहचान संबंधित विभाग दूसरे पहचान पत्रों के जरिए कर सकता है। यदि किसी विभाग में आपको आधार की कमी की वजह से किसी सेवा से वंचित किया जा रहा है तो आप इसकी शिकायत संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से कर सकते हैं।
9.कुछ एजेंसियां ई-आधार स्वीकार नहीं कर रही हैं। वे ऑरिजनल आधार पर क्यों जोर दे रही हैं?
UIDAI - UIDAI वेबसाइट से डाउनलोड ईआधार ऑरिजनल आधार के बराबर ही वैलिड है। यदि कोई इसे लेने से इनकार कर रहा है तो संबंधित वरिष्ठ अधिकारी या विभाग में इसकी शिकायत की जानी चाहिए।
10. आधार से आम आदमी को कैसे लाभ मिला है?
UIDAI- आधार ने पुख्ता पहचान के साथ 119 करोड़ भारतियों को सशक्त किया है। सच्चाई यह है कि आज आधार भारत में किसी अन्य पहचानपत्र के मुकाबले अधिक विश्वसनीय है। उदाहरण के तौर पर यदि आप एक नियोक्ता हैं तो आप किसी कर्मचारी के किस पहचानपत्र को प्राथमिकता देंगे? या फिर अपने घरेलू सहायक, ड्राइवर, स्लम में रहने वाले गरीबों और ग्रामीणों से पूछिए कि नौकरी पाने, बैंक अकाउंट खोलने, ट्रेन टिकट बुक कराने या फिर अन्य सरकारी सुविधा के इस्तेमाल के लिए वे किस तरह आधार का पहचान के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। आप उनसे पूछें तो वे बताएंगे कि किस तरह आधार ने उन्हें सशक्त किया है।
11. हम मीडिया में यह बात सुनते हैं कि आधार डेटा में सेंध लग गई, क्या यह सच है?
UIDAI- अस्तित्व में आने के 7 साल में आधार डेटाबेस में कभी सेंध नहीं लगी है। सभी आधार धारक का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है। आधार डेटा सेंध की अधिकतर खबरों में गलत जानकारी दी गई। UIDAI आपकी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए अडवांस सिक्यॉरिटी टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करता है और आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार अपडेट कर रहा है।
मुझे लगता है कि अब आपका डाउट क्लियर हो गया होगा कि आधार सुरछित है या नही।
मेरा तो ये मानना है कि अगर हम खुद थोड़ा अलर्ट रहे तो अपने आधार की काफी हद तक हम खुद ही सुरक्षित कर सकते है।
आप को क्या लगता है हमे जरूर कमेंट बॉक्स में लिख कर बताइये गया।
धन्यवाद।
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